जापान-भारत आईसीटी संयुक्त कार्य समूह की 7वीं बैठक 13 मई 2022 को वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर आयोजित की गई। दूरसंचार विभाग में अतिरिक्त सचिव श्री वी. एल. कांत राव और जापान के वाइस मिनिस्टर फॉर पॉलिसी कोऑर्डिनेशन (अंतर्राष्ट्रीय मामले) श्री सासाकी युजी ने बैठक की सह-अध्यक्षता की। बैठक में दोनों सरकारों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों के अलावा उद्योग, अनुसंधान एवं विकास और शिक्षा जगत के अन्य गैर-सरकारी हितधारकों ने भाग लिया।
मार्च 2022 में आयोजित भारत-जापान शिखर सम्मेलन की बैठक को याद करते हुए दोनों पक्षों ने डिजिटल बदलाव के लिए संयुक्त परियोजनाओं को बढ़ावा देते हुए डिजिटल अर्थव्यवस्था को बेहतर करने, जापान एवं जापानी कंपनियों में काम करने के लिए भारतीय आईटी पेशेवरों को अवसर उपलब्ध कराने में मदद और आईओटी, एआई एवं अन्य उभरती प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग को ध्यान में रखते हुए भारत-जापान डिजिटल भागीदारी के तहत सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता को माना। संयुक्त कार्य समूह की बैठक में चर्चा 5जी, ओपन आरएएन, दूरसंचार नेटवर्क सुरक्षा, समुद्री केबल प्रणाली और क्वांटम कम्युनिकेशन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर केंद्रित थी।
भारत और जापान एक शांतिपूर्ण, स्थिर एवं समृद्ध दुनिया के साझा दृष्टिकोण को अपनाते हैं और अब इसने ‘विशेष सामरिक एवं वैश्विक साझेदारी’ का रूप ले लिया है। वर्ष 2022 भारत-जापान राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ है और भारत अमृत काल में भी प्रवेश कर रहा है जो इंडिया @ 100 तक पहुंचने से पहले के 25 साल की अवधि है। विकास का एक प्रमुख वाहक होने के कारण आईसीटी वर्तमान एवं भविष्य की दुनिया की एक मजबूत बुनियाद के लिए दोनों देशों के बीच सहयोग बढाने का व्यापक अवसर प्रदान करता है।
दूरसंचार क्षेत्र के हालिया घटनाक्रमों को रेखांकित करते हुए अपर सचिव (दूरसंचार) ने कहा कि भारतीय 4जी एलटीई दूरसंचार स्टैक का परीक्षण सीडीओटीटी द्वारा एक कंसल्टेंसी सर्विसेज- तेजस नेटवर्क कंसोर्टियम में किया गया है और यह भारत में तैनात करने के लिए उपलब्ध है। भारत में 8 अनुसंधान संस्थानों में 3.5 करोड़ डॉलर की अनुमानित लागत से 5G फेडरेटेड टेस्ट बेड स्थापित किया गया है।
संयुक्त कार्य समूह की 7वीं बैठक के प्रतिभागियों में भारत और जापान के सरकारी अधिकारी, उद्योग एवं शिक्षा जगत के हितधारक शामिल थे। बैठक में ओपन आरएएन, मैसिव एमआईएमओ, क्वांटम कम्युनिकेशंस, कनेक्टेड कार, 5जी उपयोग के मामलों और 6जी नवाचार के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं एवं अनुभवों पर विचार-विमर्श किया गया। संयुक्त कार्य समूह की 7वीं बैठक में भारत और जापान के बीच सहयोग ज्ञापन (एमओसी) ढांचे के तहत इन क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई गई।