इफ्फी में दिखाई गई व्यापक विविधता ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की जीवंत अभिव्यक्ति है: सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर
पणजी, 29नवंबर। फिल्मों की प्रबुद्ध सराहना और इनके प्रति प्रबल लगाव को बढ़ाने के साथ-साथ प्रोत्साहित करते हुए 53वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का समापन गोवा के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी इंडोर स्टेडियम में सितारों से सजे एक भव्य समारोह के साथ हुआ। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा कार्यक्रम व खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने इस रंगारंग और जीवंत समापन समारोह में मेहमानों का स्वागत करते हुए कहा कि इफ्फी ने समस्त क्षेत्र के दर्शकों, चाहे वे युवा हों या बुजुर्ग, नए हों या महोत्सव के दिग्गज हों, के लिए सिनेमा की बारीकियों से भरी अद्भुत दुनिया पूरी तरह से खोल दी। उन्होंने कहा, ‘इफ्फी ने न सिर्फ हमारा मनोरंजन किया, बल्कि हमारा ज्ञान भी बढ़ाया। इफ्फी ने हमारे हास्य को गुदगुदाया और हमारे अनुभवों को अभिभूत कर दिया।’
अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘“पिछले नौ दिनों में इफ्फी के दौरान कुल मिलाकर 35000 मिनटों के समय वाली 282 फिल्में दिखाई गईं। इस महोत्सव में दुनिया भर के 78 देशों की 183 अंतर्राष्ट्रीय फिल्में और 15 भारतीय भाषाओं में 97 भारतीय फिल्में दिखाई गईं। 20 से अधिक मास्टरक्लास, बातचीत सत्र और अनगिनत सेलिब्रिटी कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें से कई सत्र न केवल वास्तविक रूप में, बल्कि वर्चुअल भी सुलभ थे।’ श्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘इफ्फी में दिखाई गई व्यापक विविधता ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की जीवंत अभिव्यक्ति है जिसने दुनिया भर के रचनात्मक विचारकों, फिल्म निर्माताओं, सिनेमा प्रेमियों और संस्कृति प्रेमी लोगों को एक मंच प्रदान किया।’
मंत्री महोदय ने कहा कि 53वें इफ्फी का समापन कई शुरुआत करने के साथ हुआ। उन्होंने कहा कि फ्रांस द्वारा भारत को दिया गया ‘कान्स कंट्री ऑफ़ ऑनर’ का दर्जा देने के बदले में फ्रांस का ‘कंट्री ऑफ फोकस’ के रूप में चयन करना, टेक्नोलॉजिकल पार्क जिसमें सिनेमा की दुनिया से नवीनतम नवाचारों को प्रदर्शित किया गया, 75 क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमॉरो को 53 घंटे की चुनौती, मणिपुरी सिनेमा के लिए विशेष रूप से तैयार पैकेज इनमें से कुछ हैं। पहली बार कनाडा के फिल्म स्कूलों, ओटीटी के दिग्गजों और कुंग फू पांडा के निर्देशक मार्क ओसबोर्न जैसे ऑस्कर नामांकित लोगों के साथ साझेदारी में मास्टरक्लास आयोजित की गईं।
क्षेत्रीय सिनेमा अब क्षेत्रीय नहीं रह गया है
मंत्री महोदय ने क्षेत्रीय सिनेमा पर विशेष जोर देने और इसके विकास के लिए एक प्लेटफॉर्म प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय सिनेमा अब क्षेत्रीय नहीं रह गया है, बल्कि यह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर का हो गया है। उन्होंने कहा, ‘इस साल कई फिल्मों जैसे कि आरआरआर, केजीएफ और अन्य ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम फहराया है। हाल ही में हमारे पास बांग्लादेश और मध्य एशियाई देशों से एक प्रतिनिधिमंडल आया था जिसमें 80 से भी अधिक युवा शामिल थे। वे केवल हिंदी फिल्मी गाने और क्षेत्रीय फिल्मी गाने सुनना चाहते थे। उन्होंने मिथुन चक्रवर्ती के दौर से लेकर अक्षय कुमार और चिरंजीवी तक की फिल्मों के बारे में चर्चा की, जो विभिन्न देशों की सीमाओं को मिटा देती हैं। यदि कंटेंट दमदार है, तो यह किसी विशेष क्षेत्र या देश की सीमा तक ही सीमित नहीं रहता है।’
भारत में फिल्मांकन के एक समृद्ध इकोसिस्टम की ओर कदम
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इफ्फी एक ऐसे मंच में बदल गया है जहां विभिन्न प्रकार के विचार उभर कर सामने आते हैं, सिनेमाई नवाचार का प्रदर्शन होता है, सहयोग एवं सह-निर्माण की शुरुआत होती है, अनुभव साझा किए जाते हैं और आने वाली पीढि़यों को आनंद प्रदान करने तथा याद रखने लायक कालजयी सिनेमा सामने आते हैं। इफ्फी के भविष्य के संस्करणों का खाका खींचते हुए, उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य भारत में फिल्मांकन का एक समृद्ध इकोसिस्टम विकसित करना और भविष्य की जरूरतों के अनुरूप एक ऐसे फिल्म उद्योग का निर्माण करना है, जिसे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार का पूरा समर्थन प्राप्त होगा।
सिनेमा में उभरती प्रतिभाओं और प्रवृत्तियों का उल्लेख करते हुए, श्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सिनेमा की दुनिया नैसर्गिक प्रतिभाओं से भरी हुई है और थिएटर स्कूलों, छोटे स्वतंत्र प्रोडक्शन हाउस तथा देश के दूरदराज इलाकों से निकली प्रतिभाएं अपने के लिए जगह तलाश रहीं हैं। उन्होंने कहा, “मंच नए हैं, चाहे वह आपके मोबाइल उपकरणों पर बनाई गई लघु फिल्में हों या फिर ओटीटी पर चलने वाली फिल्में। हम बड़ी संख्या में प्रतिभाओं को अपनी पहचान बनाते, दर्शकों को रोमांचित करते तथा प्रशंसकों द्वारा पसंद किए जाते और उनकी फिल्मों को शानदार व्यवसाय करते हुए भी देख रहे हैं।”
केन्द्रीय मंत्री ने इस तथ्य की ओर संकेत किया कि सिनेमा में अब जो हो रहा है, वह बिल्कुल वैसा ही है जैसा लोकप्रिय खेल लीगों ने क्रिकेट, कबड्डी, हॉकी आदि के नैसर्गिक प्रतिभाओं के लिए किया। उन्होंने कहा, “भारत में हमेशा प्रतिभाएं मौजूद रहीं हैं। इन्हें बस बिना किसी बाधा के सामने आने के लिए एक मौके की जरूरत रही है, जहां दर्शक उनकी सफलता तय करें।”
डिजिटल इंडिया द्वारा प्रेरित नवाचारों के बारे में बोलते हुए, सूचना और प्रसारण मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि डिजिटल इंडिया के किफायती हैंडसेट और सस्ते डेटा से प्रेरित सिनेमा की विभिन्न धाराओं का उभार प्रतिभाओं के बूते दुनिया को दमदार और मनोरम कहानियां दिखाने के लिए आगे की ओर बढ़ रहा है।
फिल्म निर्माण के क्षेत्र में इजरायल के साथ नई साझेदारी
समीक्षकों द्वारा विशेष रूप से प्रशंसित इज़राइली श्रृंखला, ‘फौदा’ के चौथे सीज़न का प्रीमियर 53वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) में इसके वैश्विक लॉन्च से बहुत पहले ही किया गया। अनुराग ठाकुर ने कहा कि फौदा भारत में हिट रही है और इसके चौथे सीजन के प्रीमियर का इफ्फी में जोरदार स्वागत हुआ है। उन्होंने 53वें इफ्फी में यहां गोवा आने के लिए इजरायली राजदूत नओर गिलोन को भी धन्यवाद दिया।
फौदा टीम को सम्मानित करते हुए, मंत्री ने कहा कि भारत और इज़राइल बहुत ही विशिष्ट संबंध साझा करते हैं। “हमारे पड़ोस में संघर्ष है। साथ ही, हमारा हजारों साल का इतिहास है, हम कई क्षेत्रों, खासकर सुरक्षा के क्षेत्र में, साथ मिलकर काम करते हैं।”
इजराइल के स्टार्टअप इकोसिस्टम की सफलता की कामना करते हुए, मंत्री ने सिनेमा और फिल्म निर्माण के क्षेत्र में इजराइल के साथ नई साझेदारी बनाने के प्रति विश्वास व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “इजरायली समकक्षों के साथ सह-निर्माण और सहयोग होना चाहिए। आने वाले समय में भारत दुनिया का कंटेंट हब बनने वाला है। यह उन कहानियों, जो दुनिया को नहीं बताई जाती हैं, के लिए सहयोग करने, उन तक पहुंचने और फिल्म बनाने का सही समय है। भारत उपयुक्त स्थान है और इस्राइल सही भागीदार है।
अनुराग ठाकुर ने तेलुगू अभिनेता चिरंजीवी को इंडियन पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर अवार्ड से सम्मानित किए जाने पर बधाई दी। उन्होंने कहा, “चिरंजीवी का लगभग चार दशकों का शानदार करियर रहा और 150 से अधिक फिल्मों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।”