भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने एटहेनाहेल्थ ग्रुप, इंक के अधिग्रहण को मंजूरी दी, जिसकी निधियों का प्रबंधन और परामर्श एच-एंड-एफ, बायन और जीआईसीएसआई द्वारा होता है

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भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने एटहेनाहेल्थ ग्रुप, इंक के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है, जिसकी निधियों का प्रबंधन और परामर्श एच-एंड-एफ, बायन और जीआईसीएसआई द्वारा होता है।

प्रस्तावित संयोजन में एटहेनाहेल्थ ग्रुप, इंक का प्रस्तावित अधिग्रहण शामिल है। यह लक्षित कंपनी है। इसका अधिग्रहण हेलमैन एंड फ्रीडमैन कैपीटल पार्टनर X एक्स, एल.पी., हेलमैन एंड फ्रीडमैन कैपिटल पार्टनर X (समानान्तर), एलपी, एचईसीपी एक्स (समानान्तर-ए), एलपी, (निधियों का प्रबंधन और परामर्श हेलमैन फ्रीडमैन एलएलसी एच-एंड-एफ द्वारा), बायन कैपिटल फंड XIII, एलपी, बायन कैपिटल फंड (लक्स) XIII, एससीएसपी, (निधियों का प्रबंधन और परामर्श बायन कैपिटल इंवेस्टर एलएलसी-बायन द्वारा), वीगो इंवेस्टमेंट पीटीई, लि. (निवेशक संस्था जिसका प्रबंधन और परामर्श जीआईसी स्पेशल इंवेस्टमेंट्स पीटीई. लि. – जीआईसीएसआई द्वारा) और मिनर्वा होल्डको, इंक द्वारा किया जायेगा। ये सभी अधिग्रहणकर्ता हैं।

अधिग्रहणकर्ता समानान्तर विशेष उद्देश्य सम्बंधी संस्था के रूप में स्थापित किये गये हैं। उनका बुनियादी व्यापार निवेश है, जिसका लक्ष्य है पूंजी निवेश से लाभ अर्जित करना।

लक्षित कंपनी का मुख्यालय अमेरिका के मैसेचूजेस्ट्स में स्थित है। यह क्लाउड आधारित कंपनी है, जो चिकित्सा दस्तावेज, आय का हिसाब-किताब, मरीजों की तीमारदारी, मरीजों की देखभाल के लिये समन्वय स्थापित करने, लोगों को स्वास्थ्य सुविधायें प्रदान करने तथा इलाज सम्बंधी मोबाइल एप्लीकेशंस की व्यवस्था करने का काम करती है। ये सभी उत्पाद और सेवायें स्वास्थ्य क्षेत्र के उद्योगों के लिये तैयार की गई हैं, खासतौर से जो उपचार-निदान, अस्पतालों, स्वास्थ्य प्रणालियों और स्वास्थ्य योजनाओं के क्षेत्र में काम करते हैं। लक्षित कंपनी की एक्सेस हेल्थकेयर सर्विसेस प्रा. लि. (एक्सेस) में छोटी हिस्सेदारी है। यह कंपनी भारत में स्थित उपभोक्ताओं को स्वास्थ्य क्षेत्र सम्बंधी आय-प्रबंधन की सेवायें प्रदान करती है।

प्रस्तावित संयोजन के परिणामस्वरूप, अधिग्रहणकर्ताओं को मिनर्वा पैरेंट, एलपी और उसके द्वारा पूरी तरह से नियंत्रित मिनर्वा बिडको, इंक के जरिये प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के अनुरूप लक्षित कंपनी में अप्रत्यक्ष और संयुक्त नियंत्रण हासिल हो जायेगा।

सीसीआई के विस्तृत आदेश की प्रतीक्षा है।

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