सिंधिया से कम नहीं प्रभात झा…

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महेश दीक्षित।
राजधानी के चार इमली और 74 बंगला स्थित कई सरकारी बंगलों को देख लो तो आपकी आंखें चौंधिया जाएं। भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रभात झा भले ही भाजपा में राजनीतिक हासिए पर हों, पर उनके सरकारी बंगले का राजसी ठाट-बाट ज्योतिरादित्य सिंधिया के शाही बंगले से कम नहीं हैं। मंत्री भूपेंद्र सिंह, गोविंद राजपूत और कमल पटेल में भी बंगलों को राजसी लुक देने की होड़सी चल रही है। प्रभात झा ने पिछले दिनों में नेताओं के साथ राजसी ठाट-बाट के फोटो फेसबुक पर भी शेयर किए थे।

 

 

मंत्रियों में सर्वाधिक शिकायतें कमल पटेल की…
उत्साही लाल का रूपक लेकर चलने वाले कमल पटेल शिवराज सरकार के इकलौते मंत्री हैं, जो बेटे और दामादजी के साथ विभिन्न कारणों से हमेशा चर्चा में रहते हैं। उन्होंने अपनी ब्रांडिंग के लिए सोशल मीडिया पर अलग प्लेटफार्म भी बना रखा है। कमल पटेल के बारे में कहा जाता है कि, उनसे खेत की बात करो, तो वे खलिहान की बात करने लगते हैं। सरकार में एकला चलने वाले इन मंत्रीजी की सर्वाधिक शिकायतें आलाकमान के पास पहुंची हैं। जल्द शिवराज मंत्रिमंडल में फेरबदल होने के संकेत हैं। देखिए आगे होता है क्या है?

उत्तर विधानसभा में दावेदारों की भीड़
मध्यप्रदेश में भोपाल की उत्तर विधानसभा सीट पर तीन दशक से ज्यादा समय से काबिज कांग्रेस विधायक आरिफ अकील इन दिनों गंभीर रूप से बीमार चल रहे हैं। यह मानकर कि अब आरिफ अकील विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे, उत्तर विधानसभा पर कांग्रेस-भाजपा के दावेदारों की भीड़ लग रही है। अकील का बेटा और भाई तो कार्यशैली से अभी से यह जताने में लग गए हैं कि, जैसे वे ही भावी विधायक हैं। इसके साथ कांग्रेस से आरिफ मसूद, पीसी शर्मा और मोहम्मद सऊद और भाजपा से आलोक शर्मा, सुमित शर्मा, भक्ति शर्मा और दुर्गेश शर्मा दावेदारी कर रहे हैं। देखो, अकील का उत्तराधिकारी कौन होता है?

ठाकुरों का एकछत्र नेता बनना भारी पड़ा
इंदौर में जिस समय प्रवासी भारतीयों का सम्मेलन चल रहा था। मुख्यमंत्री समेत सारे बड़े अफसर इंदौर में थे। ठीक उसी समय तैयार स्क्रिप्ट के अनुसार हजारों ‘माइके लाल’ भोपाल में आ धमके। स्क्रिप्ट के अनुसार सीएम हाउस में मांगों को लेकर समझौता होना था। लेकिन जैसे ही इंटेलीजेंस को ज्ञात हुआ कि, ‘माइके लालों’ का आंदोलन स्क्रिप्टेड है। ठाकुरों का एकछत्र नेता बनने आंदोलन को पर्दे के पीछे से एक मंत्रीजी हवा दे रहे हैं। सीएम ने मंत्रीजी को सीएम हाउस बुलवाया। सीएम-मंत्रीजी का आमना-सामना हुआ, तो मंत्रीजी के चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थीं।

जमीनी हकीकत देख परेशान भाजपा प्रभारी
मध्यप्रदेश में आगामी नवंबर महीने में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा के प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव लगातार प्रदेश के दौरे कर रहे हैं। बहाना, भाजपा को प्रदेशभर में बूथवार मजबूत कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं में दम फूंक रहे हैं। लेकिन सच यह है, कि वे शिवराज सरकार की जमीनी स्थिति क्या है? यह जानने की कोशिश कर रहे हैं। नारदजी कहते हैं कि राव को इन दौरों में यह अच्छी तरह से समझ में आ गया है कि, पार्टी ने अपनी रीति-नीति और कुछ चेहरों में बदलाव नहीं किया तो भाजपा की लुटिया डूब सकती है।

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