राष्ट्रपति भवन बदल रहा है

0

देश की नई राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जब से राष्ट्रपति भवन में कदम रखा है यहां की आबोहवा बदल गई है। राष्ट्रपति भवन के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए यह सुकून भरे एक ठंडे हवा के झोंके की मानिंद है, अपने पूर्ववर्तियों से दीगर राष्ट्रपति मुर्मू ने आते ही कई घोषित मिथक तोड़ डाले हैं, राष्ट्रपति भवन के कर्मचारियों को याद नहीं आता है कि अब से पहले किसी राष्ट्रपति ने अपने निजी खर्चे से उनके और उनके बच्चों के लिए दीपावली की मिठाईयां भेजी हों। सूत्र बताते हैं कि ’राष्ट्रपति का अकेले मिठाई के डब्बों और उपहार पर कोई दो से ढाई लाख का खर्च आया था, जिसे उन्होंने खुद वहन किया।’ राष्ट्रपति भवन के कर्मचारी गण उनकी सादगी, शालीनता और जीवन जीने की सरलता के कायल हो गए हैं। वह अलस्सुबह तीन बजे उठ जाती हैं, फिर कोई घंटे भरे योग और ध्यान का नियमित अभ्यास करती हैं, फिर चार बजे मार्निंग वॉक के लिए निकल जाती है, जो लगभग पौने घंटे की होती है। अब राष्ट्रपति भवन के किचन में बिना प्याज-लहसुन के केवल शाकाहारी भोजन पकता है, मांसाहारी भोजन का प्रचलन बंद हो गया है। राष्ट्रपति भवन का किचन भी रात दस बजे तक बंद करने को कह दिया गया है। पहले देर रात ड्युटी खत्म कर घर जाने वाले कर्मचारियों को कोई यात्रा भत्ता भी नहीं मिलता था, अब यह मिलने लगा है। राष्ट्रपति को भली भांति इस बात का इल्म है कि नए भारत का चेहरा सबसे ज्यादा देश के युवाओं से मिल कर बनता है, सो युवाओं से जुड़ने और उनकी प्रति आशाओं को ठीक से समझने के लिए वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘फेसबुक’ पर भी अपना काफी समय लगाती हैं, अपने उद्बोधनों के लिए छोटे-छोटे नोट्स बनाती हैं, जिन्हें उनके मुख्य भाषण में शामिल कर लिया जाता है। शीर्ष बदलेगा तो यकीनन इसकी महक देश की तासीर में भी महसूस होगी।

 

यूपी निकाय चुनाव कब होंगे?

    ‘यूपी इन्वेस्टर समिट’ की सफलता से गद्गद् यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिल्ली से एक नया संदेशा प्राप्त हुआ है जिसमें उनसे कहा गया है कि ’वे प्रदेश में निकाय चुनावों की तारीखों को जल्द से जल्द सुनिश्चित करें।’ योगी को यह भी संदेश दिया गया है कि ’जब तक राज्य में निकाय चुनाव संपन्न नहीं हो जाते तब तक उनका लंबे समय से लंबित मंत्रिमंडल का फेरबदल अटका रह सकता है।’ दरअसल पिछले कुछ समय से योगी अपने मंत्रिमंडल में एक बड़े फेरबदल की कवायद में जुटे हैं, जहां उनके कई पुराने मंत्रियों की छुट्टी होनी है और कई नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह मिलनी है। दरअसल, यूपी निकाय चुनाव इस पेंचोखम में उलझा है कि वहां आरक्षण के फार्मूले को अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है। वह आरक्षण फार्मूला वहां अभी भी लंबित पड़ा है, जिसके तहत 17 नगर निगमों के मेयर, 200 नगर निगमों के अध्यक्ष तथा 546 नगर पंचायतों के अध्यक्षों के लिए आरक्षण का फार्मूला तय होना है। सनद रहे कि नगर निगम चुनाव की समय सीमा पिछले 5 जनवरी को ही समाप्त हो चुकी है। योगी ने फिलहाल दिल्ली इत्तला भेज दी है कि ’अभी चुनाव की प्रक्रियाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है।’ लगता है योगी को भी अपने लिए सही वक्त का इंतजार है।

 

मुख्तार का रामचरित मानस से प्यार

भाजपा के कद्दावर नेता मुख्तार अब्बास नकवी की भले ही राज्यसभा सदस्यतता चली गई हो, मंत्री पद चला गया हो पर उनके हौसलों ने उड़ान भरना अब भी जारी रखा हुआ है। जब देशभर में खास कर यूपी-बिहार जैसे राज्यों में रामचरित मानस को लेकर बवाल मचा हुआ है, नकवी ने मुस्लिम बहुल इलाकों खासकर रामपुर के रठौंडा किसान मेले में ’जय श्रीराम रामायण’ का भव्य मंचन करवाने का निर्णय लिया है। महाशिवरात्रि के मौके पर 3 मार्च को रामचरित मानस पर आधारित तीन घंटे का यह भव्य मंचन होगा। रामानंद सागर के चर्चित टीवी धारावाहिक के कई चर्चित चेहरे इस मंचन का हिस्सा होंगे। जिसमें पुनीत इस्सर से लेकर बिंदु दारा सिंह के नाम शामिल बताए जाते हैं। इस रामायण मंचन में आधुनिक तकनीक और श्री रामचरित मानस के विभिन्न प्रसंगों को दमदार ढंग से एक सूत्र में पिरोया जा रहा है। सनद रहे कि पिछले साल इसी मेले में नकवी ने महाभारत का भी मंचन करवाया था। यहीं वह ऐतिहासिक शिव मंदिर भी अवस्थित है जहां लाखों लोग महाशिवरात्रि के मौके पर जलाभिषेक के लिए जुटते हैं, नकवी ने भी गुरुवार को इस मेले के उद्घाटन के दौरान शिव मंदिर जाकर वहां जलाभिषेक भी किया।

 

समय से पहले खत्म हो जाएगा कांग्रेस का 85वां अधिवेशन

कांग्रेस के रायपुर अधिवेशन पर अनिश्चय का साया मंडराने लगा है, कांग्रेस का यह 85वां अधिवेशन पहले 24 से 26 फरवरी यानी तीन दिनों के लिए रायपुर में आहूत था, अब माना जा रहा है कि अधिवेशन अब 24 के बजाए 25 को शुरू होकर 26 को खत्म हो जाएगा। इस सम्मेलन पर सबकी निगाहें इसीलिए भी टिकी थी कि 26 साल बाद कांग्रेस कार्यसमिति के चुनाव होने थे। पर अब माना जा रहा है कि सीडब्ल्यूसी के यह चुनाव अब टल जाएंगे, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को हाथ उठा कर कार्यसमिति के लिए प्रतिनिधि चुनने के लिए अधिकृत कर दिया जाएगा, जिसका फैसला वे दिल्ली लौट कर करेंगे। कांग्रेस कार्यसमिति के 23 सदस्यों में से 12 का एआईसीसी प्रतिनिधियों द्वारा चुनाव होना था, 11 सदस्य अध्यक्ष द्वारा नामित होने थे। पर लगता है अब चुनाव नहीं होगा, क्योंकि एआईसीसी लिस्ट में भी गड़बड़ियों के संकेत मिले हैं। 29 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 1300 एआईसीसी प्रतिनिधियों की सूची और पीसीसी प्रदत्त सूची की गिनतियों में अंतर मिले हैं, इससे चुनाव समिति के मधुसूदन मिस्त्री और वीपी सिंह की भूमिका पर सवाल खडे़ हो गए हैं कि इन्होंने अपने पसंदीदा लोगों के नाम सूची में डाल दिए हैं। कमोबेश ऐसी ही गड़बड़ियां अध्यक्ष के चुनाव के दौरान भी डेलीगेट्स की सूची में देखने को मिली थी।

 

राव का मायावती को भाव

बसपा सुप्रीमो मायावती ने जब से यह ऐलान किया है कि ’वह 2024 के आम चुनाव में यूपी में किसी भी दल के साथ चुनावी गठबंधन नहीं करेंगी’, चंद्रशेखर राव की पेशानियों पर नया बल ला दिया है। तेलांगना के मुख्यमंत्री राव विपक्षी एका के नए सिरमौर बन कर उभरना चाहते हैं। सो, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी है, पिछले दिनों उन्होंने फोन पर मायावती से एक लंबी बात की और उन्हें हैदराबाद में आयोजित भव्य ‘होली मिलन समारोह’ में बहिन जी को बतौर चीफ गेस्ट आमंत्रित किया है, राव की योजना है कि ’वहां वे मायावती के हाथों एक हजार दलित कन्याओं को स्कॉलरशिप वितरित करवाएंगे। फिर इसी बहाने मायावती को अखिलेश के साथ जाने को मना भी लेंगे।’ सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पहले से ही चंद्रशेखर राव के बहुत बड़े मुरीद रहे हैं, कहते हैं यूपी विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी सपा को राव के द्वारा भारी भरकम आर्थिक मदद दी गई थी।

 

एनडीटीवी मिथक

अडानी द्वारा स्वामित्व ग्रहण करने के बाद एनडीटीवी चैनल समूह ने देशभर के 24 चुनींदा पत्रकारों को चैनल ज्वॉइन करने का ऑफर दिया। पर इनमें से आधे पत्रकारों ने यह ऑफर यह कहते हुए ठुकरा दिया कि ’अब चैनल के पास दर्शक ही कितने बचे हैं, यहां आकर वे क्या करेंगे? चैनल के प्रतिबद्द दर्शक तो अब यु-ट्यूब पर शिफ्ट हो गए हैं।’ पिछले सप्ताह चैनल की रेटिंग भी बेतरह क्रैश हो गई। अब यह कहा जाने लगा है कि एनडीटीवी खरीदना ही एक जिंक्स से जुड़ा है, पहले अनिल अंबानी ने इसमें पैसा लगाया और इसके शेयर खरीदे तो उनका औद्योगिक साम्राज्य धराशयी हो गया, अब बारी गौतम अडानी की है, शुरूआती इशारे ही इस बात को पुख्ता करने के लिए काफी हैं।

 

और अंत में

भाजपा अभी से पूरी तरह से लोकसभा चुनाव के लिए ‘इलेक्शन मोड’ में आ गई है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के कई कद्दावर नेता भगवा होने के लिए भाजपा की देहरी पर कदमताल कर रहे हैं, पार्टी ने ऐसे नेताओं की शिनाख्त कर उनकी एक पक्की लिस्ट भी तैयार कर ली है। मामला बस टाईमिंग को लेकर अटका है, समझा जाता है कि अमित शाह ने इन नेताओं से सितंबर तक इंतजार करने को कहा है, वहीं मोदी चाहते हैं कि दिसंबर से पहले ऐसा कुछ न हो।

Leave A Reply

Your email address will not be published.