राज्य-सरकारों को आयुष के पारंपरिक ज्ञान और रीतियों को साझा करने के लिए कदम उठाने चाहिए: सर्बानंद सोनोवाल

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नई दिल्ली, 20 मई। दो दिवसीय ‘राष्ट्रीय आयुष मिशन कॉन्क्लेव 2023’ के दौरान राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य और आयुष मंत्रियों ने महत्वपूर्ण गोल-मेज़ चर्चा में भाग लिया। इस चर्चा का मुख्य उद्देश्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत आयुष के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना था। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री आयुष और पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, आयुष राज्यमंत्री डा. मुंजपारा महेंद्रभाई के साथ उत्तर प्रदेश के दयाशंकर मिश्र दयालु, मध्य प्रदेश के रामकिशोर कांवरे, झारखंडके बन्ना गुप्ता, मिज़ोरम के डॉ. आर ललथंगलियाना, अरुणाचल प्रदेश के अलो-लिबांग, असम के केशब महांता, नगालैंड के एस पांग-यू फ़ोम और जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल के सलाहकार राजीव राय भटनागर उपस्थित थे।

इस अवसर पर सर्बानंद सोनोवाल ने कहा “राज्य-सरकारों को आयुष के पारंपरिक ज्ञान और रीतियों को साझा करने के लिए कदम उठाने चाहिए। मैं चाहता हूँ आप सभी अपने राज्य में योग का संदेश लेकर जाएं जिससे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023 में अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।”

आयुष राज्यमंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई ने कहा “जैसा कि हम सबने देखा है एएचडब्ल्यूसी की संख्या और एकीकृत आयुष स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में बहुत बढ़ोतरी हुई है जिसने लोगों को आयुष स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली से जोड़ा है। मुझे लगता है कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को उनके द्वारा प्रदत्त सेवाओं से अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित करने की दिशा में काम करना होगा।“

उत्तर प्रदेश सरकार के आयुष राज्य मंत्री दयाशंकर मिश्रा ने कहा “उत्तर प्रदेश सरकार ने आयुष स्वास्थ्य सेवाओं को उपलब्ध कराने के लिए बेहतर बुनियादी संरचना बनाने हेतु कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। हमने चुने हुए 552 सरकारी अस्पतालों को ‘हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर’ में बदला है।“

मध्यप्रदेश सरकार के आयुष(आईसी) मंत्री रामकिशोर कावरे ने कहा “हमारी सरकार ने औषधीय पौधों और जड़ी-बूटियों की खेती को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं। हमने सरकार द्वारा दिए गए लक्ष्य एचडब्ल्यूसी का 90 प्रतिशत और अस्पताल के लक्ष्य का 50 प्रतिशत प्राप्त कर लिया है और हमारा लक्ष्य 5000 डिस्पेंसरी के साथ वेलनेस सेंटर को बनाने का है”।

झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा “आयुष केवल एक चिकित्सा विज्ञान नहीं है बल्कि, यह प्रतिदिन अपनाए जाने वाला जीवन विज्ञान है। झारखंड को विभिन्न औषधीय वनस्पतियों पर शोध करने के लिए एक अनुसंधान केंद्र की आवश्यकता है। हमें झारखंड मेडिकल टूरिज्म का भी अन्वेषण करना चाहिए।”

असम के स्वास्थ्य मंत्री केशव महंता ने बताया कि 200 सीएचओ की नियुक्ति के लिए साक्षात्कार की तैयारी चल रही है और असम सरकार ड्रग्स का प्रयोग करने वालों के लिए एक आयुष पुनर्वास कार्यक्रम के प्रस्ताव पर काम कर रही है। नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश और मिज़ोरम के स्वास्थ्य मंत्रियों ने सुदूर इलाकों में एचडब्ल्यूसी की स्थापना के लिए किए जाने वाले अपने प्रयासों और इसके लिए मानव संसाधन की जरूरत के बारे में बताया।

इस बैठक में आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा, आयुष मंत्रालय की संयुक्त सचिव कविता गर्ग और राष्ट्रीय आयुष मिशन के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। कविता गर्ग ने राष्ट्रीय आयुष मिशन का और एनएएम के माध्यम से आयुष सेवाओं के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के तरीकों का अवलोकन प्रस्तुत कर चर्चा की शुरुआत की।

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