पीयू में हिस्सेदारी पर पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों के बीच नहीं बनी सहमति

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चंडीगढ़, 05 जून। पंजाब यूनिवर्सिटी के मामलों को लेकर पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों की एक बैठक राज्यपाल बीएल पुरोहित की अगुआई में हुई। यह बैठक यूटी सचिवालय में हुई जिसमें दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री भगवंत मान और मनोहर लाल खट्टर मौजूद रहे। हालांकि इस बैठक में पीयू में हरियाणा को हिस्सेदारी देने पर सहमति नहीं बन पाई। वहीं अब इस मामले में अगली मीटिंग 3 जुलाई को होगी।

मीटिंग के बाद पंजाब मुख्य्मंत्री भगवंत मान ने कहा कि 1970 में बंसीलाल हरियाणा के मुख्य्मंत्री थे। उन्होंने अपनी मर्जी से यूनिवर्सिटी से हिस्सा निकाल लिया और कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से कॉलेज जोड़ लिए। इस वक्त यूनिवर्सिटी को 40% फंड पंजाब दे रहा है। हिमाचल ने भी अपनी मर्जी से हिस्सेदारी छोड़ी। इसके बाद पीयू को सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाने की गेम चली। उन्होंने कहा कि पीयू पंजाब की विरासत है और उनकी सरकार राज्य के हकों की सुरक्षा के लिए वचनबद्ध है। बता दें कि इससे पहले भी भगवंत मान पीयू में हरियाणा की हिस्सेदारी देने से दो टूक इनकार कर कर चुके हैं।

वहीं दूसरी तरफ हरियाणा मुख्य्मंत्री ने मांग की कि यदि पीयू हरियाणा के कुछ कॉलेजों को मान्यता देती है तो बदले में उनकी सरकार यूनिवर्सिटी के कुल खर्च का 40% हिस्सा ग्रांट के रूप में दे सकती है।

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