रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और जर्मनी के रक्षा मंत्री बोरिस पिस्टोरियस आज नई दिल्ली में करेंगे वार्ता
नई दिल्ली,06जून। जर्मनी के रक्षा मंत्री बोरिस पिस्टोरियस आज 4 दिन के दौरे पर भारत आ रहे हैं। वो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करेंगे। इस दौरान दोनों देशों के बीच प्रोजेक्ट 75I के तहत 43,000 करोड़ रुपये की लागत की 6 एडवान्स्ड डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों की डील हो सकती है। साथ ही दोनों नेताओं के बीच एयर डिफेंस सिस्टम और ड्रोन्स की तकनीक में सहयोग पर भी चर्चा होगी।
इससे पहले सिंगापुर में शांगरी-ला डायलॉग के बाद उन्होंने कहा- भारत की रूसी हथियारों पर निर्भरता जर्मनी के पक्ष में नहीं है। डीडब्ल्यू न्यूज से बात करते हुए पिस्टोरियस बोले- भारत लंबे समय से डिफेंस से जुड़ी जरूरतों के लिए रूस पर निर्भर रहा है। वहीं 2022 की शुरुआत में यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद भारत कम दाम में रूस कच्चे तेल का प्रमुख दावेदार बन गया है।
2024 में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में तैनात होगी जर्मन नौसेना
पिस्टोरियस ने कहा- भारत रूस पर हथियारों रक्षा से जुड़ी तकनीकों के लिए बहुत हद तक निर्भर है। ऐसे में जर्मनी भविष्य में भारत के साथ साझा हित नहीं देख पाएगा। हम इसे बदल नहीं सकते हैं। यह ऐसा मुद्दा है जिसे हमें दूसरे साझेदारों के साथ मिलकर हल करना है। लेकिन मैं बताना चाहूंगा कि हम इंडोनेशिया और भारत जैसे अपने साथियों के सहयोग के लिए तैयार हैं।
पिस्टोरियस बोले- भारत एक मजबूत पार्टनर है। अगले साल, जब जर्मन नौसेना को फिर से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में तैनात किया जाएगा, तब हम भारतीय नौसेना के साथ यूद्धाभ्यास करने की योजना बना रहे हैं।
पिस्टोरियस बोले- भारत-जर्मनी 23 सालों से पार्टनर्स
उन्होंने कहा- भारत और जर्मनी के बीच पिछले 23 साल से स्ट्रैटिजिक पार्टनरशिप जारी है। 2022 में मुंबई में जर्मन नौसेना ने पोर्ट का दौरा किया था जो सफल रहा था। अब हम अगले साल 2 जर्मन जहाजों को गोवा के पोर्ट पर भाजने की योजना बना रहे हैं। इस दौरान हम भारतीय नौसेना के साथ जॉइंट एक्सरसाइज भी करेंगे।
जर्मनी के रक्षा मंत्री बनने के बाद बोरिस पिस्टोरियस का ये पहला भारत दौरा है। उन्हें 17 जनवरी को रक्षा मंत्री नियुक्त किया गया था। भारत यात्रा के दौरान पिस्टोरियस नई दिल्ली में डिफेंस क्षेत्र में स्टार्ट-अप्स शुरू करने वाली कंपनियों से भी मुलाकात करेंगे। इसके बाद वो मुंबई में वेस्टर्न नेवल कमांड के हेडक्वार्टर सहित भारत की नेवी के लिए युद्धपोत और पनडुब्बियां बनाने वाली मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड का भी दौरा कर सकते हैं।