जानिए क्यों मनाया जाता है विश्व सिकल सेल जागरूकता दिवस
नई दिल्ली, 20जून।सिकल सेल रोग (एससीडी) और विश्वभर में व्यक्तियों, परिवारों एवं समुदायों पर इसके प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रत्येक वर्ष 19 जून को विश्व सिकल सेल जागरूकता दिवस मनाया जाता है। सिकल सेल रोग एक आनुवंशिक रक्त विकार है, जो असामान्य लाल रक्त कोशिकाओं की विशेषता है जो अर्धचंद्र या हंसुआ का आकार लेते हैं तथा ये अनियमित आकार की कोशिकाएं रक्त वाहिकाओं में अवरोध पैदा कर सकती हैं, जिससे विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य जटिलताएं हो सकती है। इस वर्ष विश्व सिकल रोग दिवस का विषय ‘वैश्विक सिकल सेल समुदायों को बनाना और मजबूत करना, नवजात शिशु की स्क्रीनिंग को औपचारिक बनाना तथा अपनी सिकल सेल रोग की स्थिति जानना’ है। इस वर्ष का विषय सिकल सेल रोग से लड़ने में शिशुओं तथा वयस्कों में जीनोटाइप को समझने के लिए पहले चरण को पहचानने के बारे में है। यह विषय सिकल सेल रोग की स्थिति की पहचान करने में उन्नत तकनीक का उपयोग करने का भी आग्रह करता है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) देश के दिव्यांगजनों के सभी विकास कार्यक्रम की देख-रेख करने वाला नोडल निकाय है। विभाग ने जुड़े हुए संस्थानों के माध्यम से जनता के बीच सिकल सेल रोग के बारे में जागरूकता पैदा करने के विजन के साथ पूरे भारत में 30 से अधिक स्थानों पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करके विश्व सिकल सेल रोग दिवस मनाया। पूरे देश में विश्व सिकल सेल रोग दिवस जागरूकता सृजन कार्यक्रमों, संगोष्ठियों और कार्यशालाओं, राष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम, वेबिनार निबंध तथा पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता के साथ मनाया गया।