9वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर माननीय उपराष्ट्रपति जी के भाषण का मूलपाठ
नई दिल्ली, 21 जून।9वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की आप सभी को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं।
3. सनातन मां नर्मदा के तट पर रानी दुर्गावती की ऐतिहासिक भूमि पर आकर मैं धन्य महसूस कर रहा हूं, अभिभूत हूं।
प्रदेश में कल आगमन पर माँ नर्मदा महाआरती में सम्मिलित होकर नर्मदा स्वच्छता संकल्प लिया और माननीय मुख्यमंत्री जी की भावना के अनुरूप, प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हम सबको आज योग पर पूरे समर्थन का संकल्प लेना चाहिएI
योग एक दिन का नहीं है, हर दिन का हैI
4. भेड़ाघाट क्षेत्र में बंदर कूदनी और धुआंधार के बीच से मध्य प्रदेश की संस्कारधानी से मैं अपने देश के भाइयों और विश्व समुदाय से विश्व एकता के प्रतीक योग को अपनाने का आह्वान करता हूं।
5. यह दिवस विश्व बंधुत्व के संदेश का दिवस है और हमारी सांस्कृतिक सोच वसुधैव कुटुंबकम् को परिलक्षित करता है।
6. भाइयो और बहनो इस वर्ष के अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम बहुत महत्वपूर्ण, थीम है- “वसुधैव कुटुम्बकम के लिए योग” जोकि हमारी साझी आकांक्षाओं अर्थात “एक धरती, एक परिवार और एक भविष्य” का प्रतीक है। यह मूल भावना योग के लोकाचार को तो बताती ही है, साथ ही यह इस साल भारत की मेज़बानी में आयोजित किए जा रहे जी 20 शिखर सम्मेलन की विषयवस्तु के भी पूर्णत:अनुकूल है।
7. हजारों साल से हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है योग।
8. योग को विश्व के पटल पर लाने का सार्थक सफल प्रयास भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69 सत्र में अपने उद्बोधन में किया।
9. दुनिया के सबसे बड़े प्रजातंत्र के प्रधान मंत्री जी ने सयुंक्त राष्ट्र महासभा में कहा – “योग हमारी पुरातन पारंपरिक अमूल्य देन है, योग मन व शरीर, विचार व कर्म, संयम व उपलब्धि की एकातामकता का तथा मानव व प्रकृति के बीच सामंजस्य का मूर्त रूप है। यह स्वास्थ्य व कल्याण का समग्र दृष्टिकोण है।”
10. संयुक्त राष्ट्र महासभा में 27 सितंबर को इतना कहने के पश्चात् भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा और विश्व का आवाहन किया “आइए हम एक अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को आरंभ करने की दिशा में कार्य करें।”
11. यह भावना भारत के प्रधानमंत्री ने 27 सितंबर 2014 को विश्व के समक्ष रखी। प्रधानमंत्री की इस पहल को दुनिया में अप्रत्याशित, व्यापक समर्थन मिला और नतीजन संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 11 दिसंबर को कितने कम समय में, दुनिया के इतने देशों का एक पटल पर आना, एक सोच को स्वीकार करना, प्रधान मंत्री की भावना का आदर करना, वह 11 दिसंबर 2014 को फलीभूत हुआ, और 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की विधिवत घोषणा संयुक्त राष्ट्र ने की। हर मायने में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने, योग के लिए जो भागीरथी प्रयास किया वह सफल साबित हुआ। 21 जून की तारीख को निश्चित करने के पीछे एक बहुत बड़ी सोच है दुनिया के ज्यादा हिस्सों में आज का दिवस सबसे लंबा दिवस होता है और एक प्रकार से सूर्य से निकट नाते का यह पर्व होता है।
12. भाइयो और बहनो, देश के लिए गौरव का विषय है, संतोष का विषय है कि भारत के प्रधानमंत्री की इस पहल को दुनिया में सर्वाधिक समर्थन मिला। कम से कम समय में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जो स्वीकृति हुई वह भारत की दूर दृष्टि, गरिमा और हैसियत को प्रमाणित करती है।
13. यह उल्लेखनीय एवं प्रसन्नता का विषय है कि दुनिया के 193 देशों ने भारत के प्रधानमंत्री की पहल का समर्थन किया और 175 देशों ने प्रस्ताव में सहभागिता दिखाई।
14. अत्यंत संतोष का विषय है कि भारत के प्रयासों की वजह से योग अब एक वैश्विक पर्व बन गया है। आज भारत के हर हिस्से में और दुनिया के हर देश में यह पर्व मनाया जा रहा है।
15. हर भारतीय के लिए अत्यंत हर्ष का विषय है कि यह पर्व आज भारतीय समय के अनुसार शाम 5.30 – 6.30 बजे भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में दुनिया के 180 देशों के लोगों की भागीदारी के साथ संयुक्त राष्ट्र के प्रांगण नॉर्थ लॉन में संपन्न होगा।
16. मैं हर भारतीय से ये आह्वान करूंगा, इस ऐतिहासिक घटना को जो भारत के उत्थान के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, दुनिया में भारत के प्रति जो बदलाव आया है सकारात्मक उसके दृष्टिगोचर करता है, आप अवश्य लाभ लें।
17. योग किसी व्यक्ति मात्र के लिए नहीं, संपूर्ण मानवता के लिए है।
18. अब तो योग ने आर्थिक स्वरूप ले लिया है। अनेक लोग योग को व्यवसाय बना रहे हैं। अनेक लोग योग में कैरियर बना रहे हैं। हमारे प्रशिक्षित योग टीचर दुनिया में भारत के राजदूत के रूप में कार्य कर रहे हैं। भारत में ताकत है और भारत यह करके दिखा रहा है। पूरी दुनिया में भारत प्रशिक्षित योग टीचर प्रदान कर रहा है।
18. योग, मन, शरीर और आत्मा की एकता को सक्षम बनाता है। जैसे कि माननीय प्रधानमंत्री जी कहते है, योग zero budget वाला health assurance है।
19. हमारे ऋषि-मुनि कह गए हैं, ‘पहला सुख निरोगी काया’। निरोगी काया नहीं होगी तो आप अपनी प्रतिभा नहीं दिखा पाएंगे।
योग इसे सार्थक करता है।
योग स्वस्थ जीवन की कुंजी है।
स्वस्थ जीवन ही हमारी पूंजी है।
इसका सर्जन हमारा परम धर्म है। योग इसका सबसे सार्थक और प्रभावी माध्यम है।
20. योग राष्ट्र की उन्नति में सहायक होगा। इस महान परंपरा को प्रणाम करते हुये आप सभी के उज्ज्वल और स्वस्थ भविष्य की कामना करता हूँ।
21. मैं अपनी भावना प्रकट करना चाहता हूं, संस्कारधानी में आकर मैं धन्य हो गया। कल जो मैंने देखा, अभिभूत हो गया, मेरे जीवन के ये सबसे यादगार पल हैं, और इस मंच से, इस स्थान से, मैं मेरे नवयुवक साथियों से कहना चाहता हूँ कि भारत बदल रहा है, भारत दुनिया में बहुत बड़ा स्थान ले चुका है, हमारी आर्थिक ताकत उनसे आगे निकल गई है जिन्होंनें सदियों तक हम पर राज किया। इस दशक के अंत तक हम तीसरी महाशक्ति होंगे।
22. मैं दो बातें आपको बताना चाहता हूं, 2022 में डिजिटल ट्रांसफर के संबंध में आप अंदाजा नहीं लगा सकते कि भारत ने क्या कीर्तिमान स्थापित किया है, अमेरिका, यूके, फ्रांस और जर्मनी ने जितना डिजिटल ट्रांसफर किया उसको चार से गुना कर दो तो भी भारत के बराबर नहीं आते। भारतीयता की खासियत है कि हम स्क्लि को तुरंत ग्रहण करते हैं, हमारे 70 करोड़ इंटरनेट यूजर्स ने 2022 में जो प्रति व्यक्ति कंजंप्शन किया है वह अमेरिका और चीन से ज्यादा है। ये वो पल है जब हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा होना चाहिए। जब 2047 में भारत अपनी आजादी की 100वीं वर्षगांठ मनाएगा तब हम दुनिया को सर्वोच्च शिखर पर होंगे, हम विश्वगुरु होंगे।
23. विश्व के सभी देश जिस उमंग और उत्साह के साथ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के साथ जुड़े है में उन सबका भी अभिनंदन करता हूँ।
24. आप सभी को फिर से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं, आप स्वस्थ रहें, सुखी रहें और हर हालत में देश को सर्वोपरि रखें।