‘मोदी सरकार’ वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स आपूर्ति श्रृंखला में भारत को महत्वपूर्ण शक्ति बनाने के लिए लगातार काम कर रही: राजीव चन्द्रशेखर
बेंगलुरु, 7 जुलाई।केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने गुरुवार को बेंगलुरु में डिजिटल इंडिया डायलॉग्स सत्र को संबोधित किया, जिसमें आईटी हार्डवेयर के लिए संशोधित उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना पर ध्यान केंद्रित किया गया।
सत्र में तकनीकी उद्योग के हितधारकों, जैसे विशेषज्ञ, उद्योग प्रतिनिधि और स्टार्टअप शामिल हुए।
मंत्री महोदय ने इकोसिस्टम में सुधार पर उनके प्रश्नों का समाधान करते हुए सक्रिय रूप से उनके साथ बातचीत की।
सत्र को संबोधित करते हुए मंत्री महोदय ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, सरकार भारत में तेजी से बढ़ते सर्वर और आईटी हार्डवेयर विनिर्माण इकोसिस्टम को बनाने के लिए स्टार्टअप, उद्योग और शिक्षा जगत के साथ मिलकर काम कर रही है।
हमारी महत्वाकांक्षाएं स्पष्ट हैं- 2026 तक $300 बिलियन का इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग और $1 ट्रिलियन की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाना।
सरकार भारत का आईटी हार्डवेयर इकोसिस्टम, जिसमें डेटा सेंटर, सर्वर आदि शामिल हैं, को उत्प्रेरित करने में एक प्रवर्तक के रूप में कार्य करेगा। आईटी हार्डवेयर के लिए यह पीएलआई योजना सावधानीपूर्वक बनाई गई है और इस बार इसे उद्योग से मिली जानकारी के साथ डिज़ाइन किया गया है।
भारत इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण इकोसिस्टम में सबसे तेजी से बढ़ते उपभोक्ता बाजारों में से एक का प्रतिनिधित्व करता है क्योंकि हमने अपनी अर्थव्यवस्था, सरकार और सार्वजनिक सेवाओं को अभूतपूर्व दर से डिजिटलीकृत किया है।
चर्चाएं देश में उद्यमों और स्टार्टअप को अपनी उपस्थिति का विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए इकोसिस्टम के तैयार करने को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित थीं।
मंत्री महोदय ने कहा, “हालांकि हम भारत में अपना आधार स्थापित करने के लिए बड़ी विदेशी कंपनियों का स्वागत करते हैं, हम उद्योग को प्रोत्साहनों से लाभ उठाने और भारत में ईएमएस इकोसिस्टम का विस्तार करने में भी सक्षम बना रहे हैं।”
मई में, सरकार ने 17,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई 2.0 योजना को मंजूरी दी, जो 2021 योजना से दोगुना बजट है।
इस योजना का उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करना, निवेश आकर्षित करना व आईटी हार्डवेयर घटकों और सब-असेंबली के स्थानीयकरण को बढ़ावा देना है।
इसमें लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पीसी, सर्वर और अल्ट्रा-स्मॉल फॉर्म फैक्टर डिवाइस शामिल हैं।
ऐसा करने में, सरकार का लक्ष्य भारत के घरेलू आईटी हार्डवेयर विनिर्माण इकोसिस्टम को उत्प्रेरित करना है, जिससे आईटी हार्डवेयर उद्योग में भारतीय चैंपियन तैयार हो सकें।
यह योजना छह वर्षों तक जारी रहेगी और इससे उत्पादन में 3.35 लाख करोड़ रुपये की उल्लेखनीय वृद्धि के साथ 2,430 करोड़ रुपये अपेक्षित निवेश की उम्मीद है।
इससे लगभग 75,000 नए प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होने की भी संभावना है।
2014 के बाद से, भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण उद्योग ने 17 प्रतिशत की लगातार चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) हासिल की है।
लगभग 1 लाख करोड़ से शुरू हुआ उत्पादन अब 105 बिलियन अमेरिकी डॉलर के महत्वपूर्ण बेंचमार्क को पार कर गया है।
राजीव चन्द्रशेखर ने स्मार्टफोन विनिर्माण में भारत की महत्वपूर्ण वृद्धि पर भी प्रकाश डाला, उन्होंने कहा, “हम स्मार्टफोन की सफलता के बारे में स्पष्ट रूप से जानते हैं और मैं बहुत आत्मविश्वास से कह सकता हूं कि मैं पूरे विश्वास के साथ कह रहा हूं, आपने स्मार्टफोन के बारे में जो भी जाना समझा वो किसी बहुत बड़ी समस्या का सिरा भर है।
यह स्पष्ट है कि हम आने वाले दशक में स्मार्टफोन उत्पादन और स्मार्टफोन के आसपास समग्र इकोसिस्टम का एक महत्वपूर्ण स्रोत बनने जा रहे हैं और बड़े ब्रांड निश्चित रूप से जानते हैं कि वे भारत में अपनी उपस्थिति बढ़ाना चाहते हैं और महत्वपूर्ण रूप से विस्तार करना चाहते हैं।”