`राष्ट्रीय राजमार्गों को पर्यावरण के अनुकूल टिकाऊ हरित राजमार्गों में रूपांतरित करना है- नितिन गडकरी

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नई दिल्ली, 13जुलाई।केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज आंध्र प्रदेश के तिरुपति में राष्ट्रव्यापी पौधरोपण अभियान आरंभ किया।
‘आजादी का अमृत महोत्सव‘ के तत्वाधान में, एनएचएआई ने एनएचएआई लैंड पार्सलों अर्थात भू-तलों, टौल प्लाजा एवं अमृत सरोवरों सहित राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे-किनारे 300 से अधिक चिन्हित स्थानों पर एक साथ पौधरोपण करने के माध्यम से एक दिन में 2.75 लाख से अधिक पौधे लगाने के लिए यह अभियान आरंभ किया। पर्यावरण की स्थिरता का संदेश फैलाने वाले इस अभियान में जन प्रतिनिधियों, सिविल सोसाइटी, गैर सरकारी संगठनों तथा छात्रों की सहभागिता देखी गई।

अपने संबोधन में गडकरी ने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आरंभ हरित भारत मिशन ( जीआईएम ) के अनुरुप है जिसका लक्ष्य हमारे राष्ट्रीय राजमार्गों को पर्यावरण के अनुकूल टिकाऊ हरित राजमार्गों में रूपांतरित करना है। उन्होंने कहा कि इस ध्येय के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अटूट है क्योंकि हम सड़क परियोजनाओं के दौरान काटे गए प्रत्येक पेड़ की भरपाई उसकी दोगुनी संख्या में पेड़ लगा कर करने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त, हमने पूरी तरह से विकसित और बड़े पेड़ों को स्थानांतरित करने में सफलता अर्जित की है।

गडकरी ने कहा कि यह पहल जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों के लिए एक ठोस उपाय है, क्योंकि यह एक ही साथ कार्बन उत्सर्जन में कमी लाती है तथा साथ-साथ पर्यावरण के अनुकूल बुनियादी ढांचे को बढ़ावा भी देती है। उन्होंने कहा कि वृक्षों का पौधरोपण और प्रतिरोपण राष्ट्रीय राजमार्ग विकास का एक अभिन्न अंग बन गया है। उन्होंने कहा कि पेड़ों की जियोटैगिंग को भी अत्यधिक महत्व दिया जा रहा है जिससे कि इन पेड़ों की प्रगति और वृद्धि की निरानी की जा सके। उन्होंने पौधरोपण अभियान के टिकाऊ एवं दीर्घकालिक प्रभाव के लिए लोगों से आगे आने तथा कार्यक्रम में भाग लेने की भी अपील की।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ. वी. के. सिंह और एनएचएआई के अध्यक्ष श्री संतोष कुमार यादव ने भी गाजियाबाद के डासना में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे इंटरचेंज के निकट पौधे लगाये।

पौधरोपण कार्ययोजना राजमार्ग विकास कार्यक्रम का फोकस क्षेत्र है जिसके तहत स्थानीय स्वदेशी झाड़ियां और पेड़ सड़क के किनारे के स्थानों और मध्य भूमि या आरओडब्ल्यू की अधिशेष भूमि पर रोपे जाते हैं। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने हरित राजमार्ग नीति – 2015 प्रख्यापित की। इस अधिदेश के तहत एनएचएआई ने वार्षिक पौधरोपण कार्य योजना के हिस्से के रूप में 2016-17 से 2022-23 तक 3.46 करोड़ पौधे लगाये हैं। चालू वर्ष में, 56 लाख से अधिक पौधे रोपे जजाने का प्रस्ताव है जिसकी शुरुआत इस मानसून सीजन से हो भी चुकी है।

वृक्षारोपण तथा अन्य जो संबंधित कार्यकलाप, जिन्हें एनएचएआई ने आरंभ किया है, वे प्रधानमंत्री के विजन अर्थात मिशन लाइफ, पर्यावरण के लिए लाइफस्टाइल, जिसका संबंध व्यक्तिगत मानव व्यवहार को वैश्विक जलवायु कार्य योजना के अग्रिम मोर्चें पर लाना है, के अनुरुप है। अपने सतत प्रयास के माध्यम से, एनएचएआई की योजना एक ऐसे इकोसिस्टम के निर्माण में योगदान देने की है जो पर्यावरण के लिए अनुकूल व्यवहार को सुदृढ़ करे तथा इसे आत्मनिर्भर बनाने में सक्षम हो।

एनएचएआई पर्यावरण के अनुकूल राष्ट्रीय राजमार्ग का विकास करने के लिए समय-समय पर वृक्षारोपण अभियान का आयोजन करता रहा है। इसका उद्देश्य राज्य आजीविका मिशनों (एसआरएलएम) और वन तथा बागवानी विशेषज्ञों के माध्यम से रियायत पाने वालों, राज्य सरकार की एजेंसियों, निजी पौधरोपण एजेंसियों को सम्मिलित करने के जरिये सामूहिक रूप से राष्ट्रीय राजमार्गों को वृक्षारोपण से परिपूर्ण कर देना है।

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