दिल्ली शराब नीति के मामले में मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट ने नहीं दी राहत, ईडी और सीबीआई जांच को बताया वजह ,अगली सुनवाई 4 सितंबर को
नई दिल्ली, 4अगस्त। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई 4 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी। सिसोदिया राष्ट्रीय राजधानी में अब खत्म हो चुकी आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के लिए मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी नेता इस साल फरवरी से हिरासत में हैं और केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय दोनों उनकी जांच कर रहे हैं।
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में जमानत देने से इनकार करने के खिलाफ सिसोदिया की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। शीर्ष अदालत ने पिछले महीने 14 जुलाई को उनकी याचिकाओं पर नोटिस जारी किया था। पीठ ने कहा कि वह अंतरिम जमानत की याचिका पर आज विचार करेगी। सीनियर एडवोकेट डॉक्टर अभिषेक मनु सिंघवी ने मानवीय आधार पर अंतरिम जमानत की याचिका दायर की ताकि सिसोदिया बीमार पत्नी से मिल सकें। जस्टिस खन्ना ने बताया कि सीबीआई ने जवाबी हलफनामे में कहा है कि पत्नी पिछले 20 वर्षों से बीमारी से पीड़ित थी।
सिंघवी ने कहा कि वह एक अपक्षयी बीमारी से पीड़ित हैं जो बढ़ती जा रही है और उन्हें जून और जुलाई में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इकलौता बेटा विदेश में होने के कारण परिवार में उसकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। सीनियर वकील ने कहा कि उन्हें चलने में कठिनाई और दृष्टि संबंधी समस्याएं हैं। पीठ ने कहा कि वह नियमित जमानत अर्जी के साथ अंतरिम जमानत याचिका पर बाद में विचार करेगी। जस्टिस खन्ना ने मामले को 4 सितंबर के लिए पोस्ट करते हुए कहा, “यह एक स्थिर बीमारी है… हम कुछ समय बाद इस पर विचार करेंगे। जब हम नियमित जमानत पर सुनवाई करेंगे, तो हम इसकी जांच करेंगे।”