G20 का एजेंडा क्या होगा, चीन-रूस के विरोध के बावजूद घोषणा पत्र में शामिल होगा यूक्रेन का मुद्दा?

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नई दिल्ली, 9 सिंतबर। दिल्ली में होने जा रहे जी 20 शिखर सम्मेलन में एजेंडा क्या होगा. सूत्रों ने बताया कि अफ्रीकन यूनियन और ग्लोबल साउथ पर भारत का फोकस होगा. G20 में यूक्रेन पर पेंच बरकरार है. इसकी सहमति बनाने की कोशिश हो रही है. G20 का फोकस ग्लोबल साउथ यानी विकासशील और गरीब देशों पर होगा, खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा की कीमतों में बढ़ोतरी और दुनिया के देशों में ऋण की समस्या है, जलवायु परिवर्तन और विश्व बैंक/आइएमएफ में सुधार है . भारत की अध्यक्षता में G20 का फोकस अफ्रीकन यूनियन को G20 का सदस्य बनवाना है ताकि गरीब और विकासशील देशों को एक मजबूत आवाज और मंच मिल सके. इसके अलावा गरीब देशों को त्वरित ऋण से राहत दिलाना भी भारत का मकसद है. विश्व बैंक में सुधार भी जी 20 का एजेंडा होगा.

मिली जानकारी के अनुसार, G20 यूक्रेन के मसले पर बंटा हुआ है और भारत की कोशिश होगी कि यूक्रेन पर दोनों पक्षों बीच एक सहमति बनाई जाए.चीन और रूस यू्क्रेन मुद्दे पर राजी नहीं है. भारत का G20 सम्मेलन पहला ऐसा G 20 का सम्मेलन हो सकता है जब साझा बयान/ घोषणापत्र सभी देशों की तरफ से जारी न हो यानी सहमति न बन पाए. सभी मसलों पर खासकर यूक्रेन पर.

बता दें कि पीएम बनने के बाद भारतीय मूल के ब्रिटिश प्रधानमंत्री सुनक का पहला भारत दौरा आज से शुरू हो रहा है. पीएम मोदी और ऋषि सुनक की द्विपक्षीय बातचीत होगी, व्यापार समझौते और दूसरे आपसी हित के मसले पर चर्चा होगी. दिल्ली में ऋषि सुनक के संबाधियों ने परिवार के लोगो को दिल्ली बुलाया गया है और खास स्वागत की तैयारी की गई है.

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