लंबे समय से अलग रह रहे पति के अगर किसी दूसरे महिला के साथ संबंध बनाना अपराध नही- दिल्ली हाईकोर्ट
नई दिल्ली, 16सितंबर। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि लंबे समय से अलग रह रहे पति के अगर किसी दूसरे महिला के साथ संबंध हैं तो इसे ‘क्रूरता ‘ कहना ठीक नहीं. तलाक की कार्यवाही लंबित रहने के दौरान किसी दूसरी महिला के साथ रहना पति को तलाक से वंचित करने का आधार नहीं है. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए तलाक की इजाजत दी.
जस्टिस सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वे 2005 से अलग-अलग रह रहे थे और उनके वापस एक-साथ रहने की संभावना नहीं थी. पत्नी ने आपराधिक शिकायतें भी की थीं.
अदालत ने कहा कि विवाद पति और उसके परिवार के सदस्यों के प्रति अनादर से उत्पन्न होते हैं और बार-बार होने वाले झगड़ों के परिणामस्वरूप मानसिक पीड़ा होती है, जिसका कोई समाधान नहीं है और पत्नी का व्यवहार क्रूरता के समान है.
अदालत ने पाया कि पत्नी कुछ भी साबित नहीं कर पाई. हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट को सही ठहराया कि पत्नी ने पति के साथ क्रूरता की और उसकी अपील खारिज कर दी.
मौजूदा मामले में, पत्नी ने पति को तलाक देने के फैमिली कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी. पत्नी का कहना था कि उसके खिलाफ क्रूरता के आरोप गलत थे. उसके पति ने दूसरी महिला से शादी कर ली है. हालांकि, अदालत ने कहा कि पति की दूसरी शादी का कोई सबूत नहीं है.