इस्लामिक संगठन करने वाला था प्रेस क्लब के नए मैनेजमेंट का अभिनंदन, वरिष्ठ पत्रकार के हस्तक्षेप से समारोह रद्द
गौतम लाहिड़ी की अध्यक्षता वाली प्रेस क्लब ऑफ इंडिया की नवनिर्वाचित प्रबंधन समिति को उस वरिष्ठ पत्रकार ने विवाद से बचाने का काम किया है जिसे लाहिड़ी ने कभी निकालने की बात कही थी। मामला दिलचस्प है।
ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस-ए-मशावरत (एआइएमएमएम) नाम के इस्लामिक संगठनों के संघ ने प्रेस क्लब की नई प्रबंधन समिति का अभिनंदन करने का एक समारोह 30 सितंबर को रखा था। कार्यक्रम प्रेस क्लब के परिसर में ही होना था। अभिनंदन समारोह के बाद दोपहर के भोजन की व्यवस्था थी। इस समारोह के लिए एआइएमएमएम ने बाकायदा अपने अध्यक्ष फिरोज अहमद एडवोकेट के नाम से 27 सितंबर को न्योता जारी किया था।
न्योता नीचे देखा जा सकता है:
इस कार्यकम का निमंत्रण देखकर वरिष्ठ पत्रकार अनिल चमडि़या ने आपत्ति स्वरूप प्रबंधन समिति से अनुरोध करते हुए एक पत्र उसे लिखा। पत्र का मजमून नीचे है:
‘’प्रेस क्लब में 30 सितंबर 2023 को एक कार्यक्रम का एक निमंत्रण पत्रकिसी साथी ने मुझे भेजा है। वह यहां संलग्न है। यदि यह पत्र में उल्लेखितकार्यक्रम होने की सूचना सही है तो मैं अपनी आपत्ति दर्ज करा रहा हूं।किसी भी धर्म से जुड़े संस्थानों व संगठनों द्वारा प्रेस क्लब केपदाधिकारियों के स्वागत की कोई परंपरा नहीं रही है। न ही यह क्लब कीसंस्कृति के अनुकूल है। इस तरह तो हर धर्म से जुड़ी संस्थाएं एवं संगठनस्वागत समारोह करने की लाइन लगा सकते है। इसका क्लब के माहौलपर बुरा असर होगा। फिलहाल मैं आपसे इस कार्यक्रम को रद्द करने काअनुरोध करता हूं। आशा है क्लब के हित में आप इस कार्यक्रम को रद्दकरने की सूचना सभी सदस्यों को शीघ्र भेजेंगे ताकि इस निमंत्रण से मिलरहे संदेश के प्रभाव को बढ़ने से रोका जा सके।‘’
गौरतलब है कि पिछले दिनों हुए प्रेस क्लब के चुनाव में गौतम लाहिड़ी के पैनल के खिलाफ अनिल चमडि़या द्वारा समर्थित पैनल ही खड़ा हुआ था, जिसके अध्यक्ष पद के प्रत्याशी प्रशांत टंडन थे। अनिल चमडि़या को लेकर गौतम लाहिड़ी और उनके पैनल को हमेशा दिक्कत रही है। यहां लिखी अपनी पिछली पोस्ट में मैंने इसका जिक्र किया था।
इसके बावजूद, प्रेस क्लब की निष्पक्ष परंपरा को कायम रखने के सरोकार से अनिल चमडि़या ने प्रेस क्लब प्रबंधन समिति को आज चिट्ठी लिखकर आगाह किया। कुछ और पत्रकारों ने उनके कहने पर प्रेस क्लब में आपत्ति जताई और प्रबंधन पर दबाव बनाया।
इसके बाद देर शाम प्रेस क्लब ने उक्त कार्यक्रम रद्द कर डाला।
इसकी सूचना देते हुए अनिल चमडि़या ने पत्रकारों को निम्न संदेश भेजा है:
‘’प्रेस क्लब में क्लब के नए पदाधिकारियों के स्वागत के लिए 30 सितंबरको धार्मिक आधार पर सक्रिय एक सामाजिक सांस्कृतिक संघटन द्वाराआयोजित कार्यक्रम को रद्द करने के फैसले के लिए शुक्रिया। प्रेस क्लबके उन सजग मेंबर्स का भी शुक्रिया जिन्होंने इस कार्यक्रम पर आपत्तिजताई और मैनेजमेंट कमेटी से इसे रद्द करने को कहा। कार्यक्रम प्रेसक्लब ऑफ इंडिया की परंपरा के विपरीत था। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया केसदस्य धरमनिरेपक्षता और क्लब के लिए प्रतिबद्ध हैं और रहेंगे।‘’
एआइएमएमएम नामक छह दशक पुराने संघ के भीतर जमात-ए-इस्लामी हिंद और स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया (एसआइओ) जैसे संगठन सदस्य हैं। अभी यह नहीं पता चल सका है कि मजलिस के अभिनदंन समारोह के पीछे किसका दिमाग था और प्रेस क्लब की प्रबंधन कमेटी ने क्या सोचकर इसे स्वीकारा, फिर रद्द कर डाला।
अभिषेक श्रीवास्तव वरिष्ठ पत्रकार और जाने माने अनुवादक हैं। वे प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया की प्रबंधन कमेटी में निर्वाचित सदस्य रह चुके हैं। दो दशक की पत्रकारिता में तीन किताबें लिख चुके हैं और दर्जन भर किताबों का अनुवाद कर चुके हैं। घुमक्कड़ी, ब्लॉग लेखन और आलोचना कर्म इनका पैशन है।