हार्दिक पंड्या के इंजर्ड होने के बाद टीम इंडिया के लिए मोहम्मद शमी ने बेहतरीन परफॉर्म किया और उनकी कमी महसूस नहीं होने दी। हार्दिक के बाहर जाने से सूर्यकुमार यादव को भी मौका मिला, जिन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 49 रन की अहम पारी खेली। इस पारी ने अगले मुकाबले के लिए टीम में उनकी जगह लगभग पक्की कर दी।
रिपोर्ट्स के अनुसार हार्दिक लीग स्टेज के मुकाबलों में वापसी नहीं कर सकेंगे। फॉर्म को देखते हुए इंडिया का सेमीफाइनल खेलना तय है। रिपोर्ट्स के मुताबिक हार्दिक भी सीधे सेमीफाइनल तक ही फिट हो सकेंगे। ऐसे में सवाल उठता है कि हार्दिक जब फिट होंगे, तो उनकी जगह किसे बेंच पर बैठना पड़ेगा।
सूर्यकुमार एक मैच में फेल हुए, फिर वापसी की
हार्दिक पंड्या 19 अक्टूबर को बांग्लादेश के खिलाफ मैच में इंजर्ड हुए थे, इसके बाद वह न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ नहीं खेल सके। दोनों ही मुकाबलों में उनकी जगह सूर्यकुमार यादव को मौका मिला। न्यूजीलैंड के खिलाफ नंबर 6 पर उतरे सूर्या महज 2 रन बनाकर रन आउट हो गए।
यहां अगर हार्दिक फिट होते तो सूर्यकुमार ही बाहर बैठते, लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ मुश्किल पिच पर सूर्या ने 49 रन की पारी खेल दी। इस मैच में वह दोनों टीमों में दूसरे टॉप रन स्कोरर रहे। उनसे ज्यादा रन रोहित शर्मा (87 रन) ही बना सके।
सूर्या ने 31वें ओवर में पिच पर आने के बाद 47वें ओवर तक बैटिंग की और टीम का स्कोर 200 के पार पहुंचाया। वह खराब शॉट खेलकर आउट हुए, जबकि बैटिंग पिच पर वह इस स्कोर को सेंचुरी में बदल सकते थे। ऐसे में अब उन्हें बाहर करना टीम मैनेजमेंट के लिए मुश्किल फैसला हो सकता है।
श्रेयस ने बड़ी पारी नहीं खेली, लेकिन ये प्लान का हिस्सा
श्रेयस अय्यर का 2 महीने पहले तक वर्ल्ड कप में खेलना भी मुश्किल था, क्योंकि वह इंजर्ड थे, लेकिन उन्होंने समय पर रिकवरी की और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में सेंचुरी लगा दी। वह वर्ल्ड कप के पहले मैच में खाता भी नहीं खोल सके थे, लेकिन अफगानिस्तान और पाकिस्तान के खिलाफ 25 और 53 रन की अहम पारियां खेलीं। दोनों ही बार वह नॉटआउट रहे और टीम को जीत के पार पहुंचाया।
इसके बाद श्रेयस बांग्लादेश के खिलाफ 19 और न्यूजीलैंड के खिलाफ 33 रन ही बना सके। दोनों बार पिच बैटिंग के लिए अच्छी थी, श्रेयस ने स्टार्ट भी अच्छा किया, लेकिन वह बड़ा स्कोर नहीं बना सके। अब इंग्लैंड के खिलाफ भी वह महज 4 रन बनाकर आउट हो गए और टीम दबाव में चली गई।
मोहम्मद शमी ने 2 मैच में 9 विकेट लिए
हार्दिक पंड्या एक पेस बॉलर ऑलराउंडर हैं, यानी वह बैटिंग करने के साथ तेज गेंदबाजी भी करते हैं। उनके बाहर बैठने के बाद टीम इंडिया ने प्लेइंग-11 में 2 बदलाव किए। पहला बैटिंग बढ़ाने के लिए सूर्या को एंट्री दी और दूसरा बॉलिंग बढ़ाने के लिए शार्दूल को बैठाकर मोहम्मद शमी को शामिल किया।
शमी ने मौके को दोनों हाथों से भुनाया और न्यूजीलैंड के खिलाफ महज 54 रन देकर 5 विकेट झटक लिए। उन्होंने रचिन रवींद्र, विल यंग और डेरिल मिचेल जैसे टॉप ऑर्डर बैटर्स को पवेलियन भेज दिया। उन्होंने डेथ ओवर्स में भी अच्छी गेंदबाजी की और न्यूजीलैंड को ऑल आउट करने के लिए आखिरी 3 में से 2 बैटर्स को चलता कर दिया।
शमी यहीं नहीं रुके, उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ लो-स्कोरिंग मुकाबले में भी बेहतरीन बॉलिंग की। वह फर्स्ट चेंज बॉलर बन कर आए और अपने दूसरे ही ओवर में बेन स्टोक्स को बोल्ड कर दिया। उन्होंने अगले ओवर में ओपनर जॉनी बेयरस्टो को भी बोल्ड कर इंग्लैंड को बैकफुट पर धकेल दिया। शमी ने मैच में महज 22 रन देकर 4 विकेट लिए और जसप्रीत बुमराह का बखूबी साथ दिया। दोनों की परफॉर्मेंस से टीम ने इंग्लैंड को 100 रन से हराया।
जब तक हार्दिक नहीं, तब तक अश्विन और शार्दूल का खेलना मुश्किल
हार्दिक का फिट नहीं होना भारतीय टीम का कॉम्बिनेशन बिगाड़ता है। पिछले दो मैचों से भारतीय टीम 6 बैटर, 4 बॉलर और रवींद्र जडेजा के रूप में एक बॉलिंग ऑलराउंडर के साथ खेल रहा है। इससे भारत नंबर-7 तक ही बल्लेबाज उतार पा रहा है। बैटिंग ऑर्डर में नंबर-8 से गेंदबाजों का आना शुरू हो जाता है। जब तक हार्दिक फिट नहीं होते हैं तब तक शार्दूल ठाकुर या रविचंद्रन अश्विन के रूप में कोई एक बॉलिंग ऑलराउंडर लाना भी मुश्किल है।
हार्दिक नंबर-6 पर सिचुएशन के हिसाब से बैटिंग करने के साथ तेज गेंदबाजी से 10 ओवर बॉलिंग भी कर लेते हैं। उनके होने से टीम रवि अश्विन या शार्दूल को मौके देती है क्योंकि दोनों ही प्लेयर्स बॉलिंग के साथ ठीक-ठाक बैटिंग भी कर लेते हैं। दोनों खिलाड़ी नंबर-8 पर बैटिंग करते हैं और इस टूर्नामेंट में खेल चुके हैं। लेकिन इन दोनों में से किसी एक का भी खेलना तभी संभव है जब हार्दिक भी खेलें।
बिना हार्दिक के अश्विन को इसलिए नहीं खिलाया जा सकता क्योंकि ऐसा करने के लिए भारत को जडेजा या कुलदीप में किसी एक को बाहर करना होगा। कुलदीप भारत के बेस्ट स्पिनर हैं। लिहाजा वे बाहर नहीं हो सकते। जडेजा को इसलिए बाहर नहीं किया जा सकता क्योंकि इससे भारत की टेल या पुछल्ले बल्लेबाजों की लिस्ट और लंबी हो जाएगी। ऐसे में अगर तीन स्पिनर्स को एक साथ खिलाया गया तो भारत को शमी, सिराज या बुमराह में से किसी एक तेज गेंदबाज को बाहर करना होगा। लिमिटेड ओवर क्रिकेट में सिर्फ दो फास्ट बॉलर के साथ जाना खतरनाक हो सकता है इसलिए यह ऑप्शन संभव नहीं है।हार्दिक के आने पर सिराज की पोजिशन पर खतरा हो सकता है
कप्तान रोहित शर्मा टीम में कम से 3 तेज गेंदबाज तो जरूर ही रखते हैं और वनडे में इतने पेसर्स होने भी चाहिए। फिलहाल बुमराह टीम के टॉप विकेट टेकर हैं, शमी 2 ही मैचों में 9 विकेट ले चुके हैं। ऐसे में अगर हार्दिक की वापसी पर किसी एक फास्ट बॉलर को बाहर होना पड़ा तो वर्ल्ड कप फॉर्म के लिहाज से मोहम्मद सिराज बाहर हो सकते हैं। सिराज ने इस वर्ल्ड कप के 6 मैचों में 6 ही विकेट लिए और 5.85 की इकोनॉमी से रन दिए।