नई दिल्ली, 10नवंबर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी शुक्रवार को मध्य प्रदेश के सतना में पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में रैली की. रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. सतना में जनसभा को संबोधित करते उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार आई और उन्होंने छोटे व्यापारियों पर आक्रमण शुरू कर दिया. GST टैक्स नहीं है बल्कि ये छोटे व्यापारियों, किसानों के खिलाफ हथियार है.हिंदुस्तान में पहली बार किसान टैक्स दे रहा है.भाजपा सरकार आपसे यानी गरीबों से GST लेती है और पूरा का पूरा पैसा 3-4 उद्योगपतियों को पकड़ा देती है.
राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी देश को और ओबीसी को देश की सच्चाई नहीं बताना चाहते हैं. इसलिए कहते हैं कि देश की एक ही जाति है वो है गरीबी. मैं आपको इस देश की सच्चाई बताना चाहते हैं. इसलिए जाति जनगणना की बात करता हूं मोदी जी ये बात नहीं करेगें क्योंकि मोदी जी का रिमोट कंट्रोल कहीं और है वो अडानी जी के हाथ में है. जैसे ही कांग्रेस की सरकार आयेगी वैसे ही जाति जनगणना प्रदेश में करेगें और जैसे ही केंद्र में सरकार आयेगी वैसे ही केंद्रीय जाति जनगणना करायेगें. जाति जनगणना देश का एक्स रे है , इस एक्स रे के बाद हर आदिवासी, दलित, ओबीसी, जनरल के युवा को पता चल जायेगा कि कितना हमारी आबादी है और कितनी भागीदारी होनी चाहिए और देश का सच्चा विकास शुरू हो जायेगा. जब तक जाति जनगणना नहीं होगी तब तक देश के युवाओं की सच्ची भागीदारी नहीं हो सकती.
राहुल गांधी ने कहा कि कन्याकुमारी से कश्मीर तक मैं पैदल चला तो सबसे ज्यादा ओबीसी के लोग मिले. मैं अंदाजे से कहता हूं कि देश में 50 प्रतिशत ओबीसी के लोग हैं. मध्य प्रदेश में शिवराज कहते हैं कि प्रदेश में ओबीसी की सरकार चल रही है. मप्र और दिल्ली की सरकार को एमएलएल नहीं चलाते हैं बल्कि आईएएस के लोग चलाते हैं और उसमें कितने ओबीसी हैं.प्रदेश को 53 अधिकारी चलाते हैं यहां का जो भी बजट है उसको ये लोग बांटते हैं और मैंने सुना है कि मप्र में ओबीसी के लोग भी होगें अधिकारी, 53 में से केवल 1 ओबीसी अधिकारी हैं जबकि ये लोग कहते हैं कि मप्र में ओबीसी की सरकार है.
राहुल गांधी ने कहा कि मैं ओबीसी हूं बोल बोल कर नरेंद्र मोदी पीएम बन गए. एक दिन में पीएम मोदी 2 या 3 सूट तो बदलते ही हैं. क्या आपने कभी देखा है कि मोदी दो दिन में एक सूट पहने हो. पीएम मोदी हर रोज कोई न कोई नया कपड़ा पहनते हैं लाखों रूपये का. वे पहले कहते थे कि मैं ओबीसी हूं. अब वे कहने लगे हैं कि देश में एक जाति है वो भी एक गरीब. तो देश में न ओबीसी हैं, न दलित हैं, न जनरल है, न आदिवासी हैं ये इनकी नई परिभाषा है.