धर्मेंद्र प्रधान ने भुवनेश्वर में एक सम्मान समारोह में 18 व्यवसायों के 26 विश्वकर्मा गुरुओं को किया सम्मानित

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नई दिल्ली, 25 नवंबर। पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत विभिन्न व्यवसायों में पीएम विश्वकर्मा गुरुओं को सम्मानित करने के लिए, शिक्षा और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना के तहत ‘विश्वकर्मा गुरुओं के सम्मान समारोह’ के दौरान 26 विशेषज्ञ कारीगरों और शिल्पकारों को सम्मानित किया। जो आगे चलकर योजना के ब्रांड एंबेसडर के रूप में कार्य करेंगे और उन्हें अपने संबंधित ट्रेडों में मास्टर ट्रेनर और ट्रेनर बनने के अवसर भी प्रदान करेंगे।

पीएम विश्वकर्मा गुरुओं का अभिनंदन करते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने पीएम विश्वकर्मा गुरुओं के अनुभवों को सुनकर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ओडिशा का प्रत्येक कारीगर और मूर्तिकार विश्वकर्मा है। उनकी रचना अद्वितीय है। हम जागरूकता पैदा करने और ऐसे अधिक कारीगरों को जोड़ने पर ध्यान केंद्रित करने जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने 18 ट्रेडों में ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना शुरू की, जिसमें 28 उप-ट्रेड हैं। यह योजना कारीगरों और शिल्पकारों को शुरू से अंत तक सहायता प्रदान करने के लिए है। योजना का उद्देश्य कारीगरों और शिल्पकारों को ऋण सहायता के साथ आधुनिक उपकरणों और तकनीकों से लैस करना है।

इस कार्यक्रम में कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के सचिव अतुल कुमार तिवारी, प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) की महानिदेशक त्रिशालजीत सेठी, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय की संयुक्त सचिव सोनल मिश्रा, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय की अपर विकास आयुक्त इशिता गांगुली त्रिपाठी, एनएसडीसी के सीईओ वेद मणि तिवारी, एनएसडीसी के मुख्य कार्यक्रम अधिकारी कर्नल महेंद्र सिंह पयाल भी उपस्थित थे।

गुरु-शिष्य परंपरा को अपने अवतार में अधिक मापनयोग्य, सुलभ और अभिनव बनाने की दृष्टि से प्रेरित, कारीगरों को मास्टर प्रशिक्षकों में बदलने के लिए आधुनिक उपकरणों, डिजाइन तत्वों और नवीनतम तकनीकों में प्रशिक्षित किया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक कौशल को संरक्षित करना, उद्यमशीलता प्रतिभा का पोषण करना, स्थानीय उत्पादों का विपणन करना और ऐसे जागरूकता कार्यक्रमों और सम्मान समारोह के माध्यम से सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। पीएम विश्वकर्मा गुरु उन लोगों के लिए बहुत सारे व्यक्तिगत अनुभव और सीख ला सकते हैं जो इस योजना से लाभान्वित हो सकते हैं।

मंत्रालय की परिकल्पना है कि इन विशेषज्ञों के उन्मुखीकरण को सुव्यवस्थित और तेज करके गुरु पीएम विश्वकर्मा के तहत अपने संबंधित व्यापार के ब्रांड एंबेसडर बनेंगे और क्षेत्र स्तर पर योजना के बारे में जागरूकता पैदा करने में मदद करेंगे। इसके अलावा इन गुरुओं को मास्टर ट्रेनर के रूप में शामिल किया जा सकता है।

भविष्य के विकास को बढ़ावा देने के लिए, भारत में संरचित और परिणाम-संचालित प्रशिक्षण ढांचे को पोषित करने के लिए एनआईईएसबीयूडी, आईटीआई, पीएमकेके, पीएमकेवीवाई, यूजीसी, सीआईपीईटी और अन्य केंद्रों जैसे कौशल प्रशिक्षण संस्थानों के साथ जुड़ने के लिए सहयोगात्मक प्रयास किए जाएंगे।

पीएम विश्वकर्मा पोर्टल पर अब तक 17 लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। पीएम विश्वकर्मा पोर्टल पर अब तक प्राप्त आवेदनों के विश्लेषण से पता चलता है कि शीर्ष 5 ट्रेडों में कौशल प्रशिक्षण की मांग आवेदन की संख्या का 80 प्रतिशत है। ओडिशा में आवेदन के मामले में शीर्ष 5 व्यवसाय- मेसन, दर्जी, बढ़ई, टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता, कॉयर बुनकर और कुम्हार हैं। मंत्रालय क्षेत्रीय स्तर पर प्रशिक्षकों के पंजीकरण को बढ़ाने के लिए सीएससी की क्षेत्रव्यापी पहुंच और सामुदायिक विशेषज्ञता का भी लाभ उठाएगा, साथ ही पारंपरिक शिल्प को संरक्षित करेगा और उन्हें समकालीन संदर्भों में बढ़ावा देगा।

वित्त वर्ष 2023-2024 से वित्त वर्ष 2027-28 तक वित्तीय परिव्यय 13,000 करोड़ रुपए है। इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों द्वारा पेश किए जाने वाले उत्पादों और सेवाओं की पहुंच और गुणवत्ता को बढ़ाना है। यह योजना 1 लाख रुपए (पहली किश्त 18 महीने में चुकानी होगी) और 2 लाख रुपए (दूसरी किश्त 30 महीने में चुकानी होगी) के कॉलेटरल फ्री उद्यम विकास ऋण प्रदान करती है। लाभार्थी से 5 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर ली जाएगी, जिसमें सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा 8 प्रतिशत की ब्याज छूट सीमा का भुगतान किया जाएगा। क्रेडिट गारंटी शुल्क केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।

पीएम विश्वकर्मा योजना के कार्यान्वयन की दिशा में एक रणनीतिक कदम के रूप में, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) ने चिन्हित ट्रेडों में कारीगरों और शिल्पकार समुदाय को सशक्त बनाने के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत मास्टर प्रशिक्षकों और मूल्यांकनकर्ताओं के प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की भी घोषणा की। मास्टर ट्रेनर ट्रेनिंग प्रोग्राम का लक्ष्य इन मास्टर ट्रेनर को आधुनिक प्रौद्योगिकी कौशल और उद्यमशीलता ज्ञान से लैस करना है। प्रतिभागियों को उद्यमशीलता दक्षताओं, व्यवसाय योजना की तैयारी, सरकारी सहायता संबंधी इकोसिस्टम, वित्तीय साक्षरता, डिजिटल और सोशल मीडिया मार्केटिंग, ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर प्रशिक्षण प्राप्त होगा। इसके अतिरिक्त, मास्टर प्रशिक्षकों को अपने कौशल को बढ़ाने और समकालीन कार्य-प्रणालियों को अपनाने के लिए एक आधुनिक टूल किट प्रदान की जाएगी।

भारतीय कारीगरों ने भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हमारे कपड़ों को सजाने वाले हाथ से बुने हुए कपड़ों के जटिल डिजाइनों से लेकर हमारे भोजन को रखने वाले खूबसूरती से तैयार किए गए मिट्टी के बर्तनों तक, कारीगर हमारे रोजमर्रा के अस्तित्व पर अपनी अमिट छाप छोड़ते हैं। प्राचीन और मध्ययुगीन काल में ओडिशा को उत्कल- कला और शिल्प में उत्कृष्टता की भूमि के नाम से भी जाना जाता था।

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