भारत जेनेरिक दवाओं के क्षेत्र में पैमाने की दृष्टि से वैश्विक स्तर पर अग्रणी है और मात्रा के आधार पर वैश्विक आपूर्ति में इसकी हिस्सेदारी 20 प्रतिशत है: डॉ. मनसुख मांडविया

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने केन्या गणराज्य के राष्ट्रपति डॉ. विलियम रुटो के साथ भारत-केन्या व्यापार एवं निवेश मंच को किया संबोधित

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नई दिल्ली, 6दिसंबर। “भारत जेनेरिक दवाओं के क्षेत्र में पैमाने की दृष्टि से वैश्विक स्तर पर अग्रणी है और मात्रा के आधार पर वैश्विक आपूर्ति में इसकी हिस्सेदारी 20 प्रतिशत है।” यह बात केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने यहां केन्या गणराज्य के राष्ट्रपति डॉ. विलियम समोई रुटो की उपस्थिति में भारत-केन्या व्यापार एवं निवेश मंच को अपने संबोधन के दौरान कही। डॉ. रुटो इस समय भारत की राजकीय यात्रा पर हैं।

भारत और केन्या के बीच गहरे एवं मजबूत ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों पर प्रकाश डालते हुए डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि “हमारे उद्यमियों को एक-दूसरे के साथ व्यापार करना आसान लगता है। ऐतिहासिक रूप से स्थापित इस विश्वास ने कई भारतीयों को केन्या में बसने के लिए प्रोत्साहित भी किया है।”

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य सेवा और फार्मास्यूटिकल्स के दो महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर जोर दिया, जिसमें भारत ने सबसे अधिक प्रगति की है और केन्या के लोग इससे लाभान्वित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि “भारत लगभग 100 देशों को टीके और 150 देशों – जिनमें विकसित देश भी शामिल हैं – को आवश्यक दवाओं की आपूर्ति बढ़ाकर ‘दुनिया की फार्मेसी’ होने की अपनी प्रतिष्ठा पर कायम रहा।”

भारतीय उद्योगों को केन्या के नैसर्गिक साझेदार के रूप में पेश करते हुए, डॉ. मांडविया ने कहा, “भारत पारंपरिक चिकित्सा, समग्र चिकित्सा और कल्याण की कुछ सबसे प्राचीन एवं प्रसिद्ध शाखाओं का जन्मस्थान है, जिनके मजबूत व्यावसायिक निहितार्थ हो सकते हैं।” उन्होंने बताया कि “भारत केन्या के लोगों के लिए चिकित्सीय उपचार का सबसे बड़ा गंतव्य है। पिछले कुछ वर्षों में, भारत चिकित्सीय मूल्य पर आधारित यात्रा के लिए एक प्रमुख गंतव्य बन गया है क्योंकि देखभाल की समग्र गुणवत्ता निर्धारित करने वाले विभिन्न कारकों की दृष्टि से इसका प्रदर्शन काफी बेहतर रहता है।” उन्होंने कहा, “भारत सरकार ने चिकित्सीय मूल्य पर आधारित यात्रा को बढ़ावा देने के लिए एक पोर्टल का शुभारंभ किया है। यह मंच दुनिया भर के विदेशी नागरिकों के लिए भारत में इलाज की सुविधा प्रदान करेगा। भारत की किफायती और गुणवत्तापूर्ण फार्मास्यूटिकल्स एवं स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों ने केन्या और दुनिया भर के लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक सुलभ बना दिया है। हम इसे और सुविधाजनक बनाकर खुश हैं।”

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने डिजिटल अर्थव्यवस्था और नवीकरणीय ऊर्जा सहित भारत द्वारा की गई अन्य पहलों पर भी चर्चा की। उन्होंने भारत और केन्या के उद्यमों से दोनों देशों के पारस्परिक लाभ के लिए इन क्षेत्रों में सहयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने ‘अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन’ और ‘वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन’ में शामिल होने के केन्या के निर्णय का भी स्वागत किया और जी20 के स्थायी सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ को शामिल करने की सफल हिमायत के लिए उन्हें बधाई दी।

इस अवसर पर बोलते हुए, डॉ. विलियम रूटो ने कहा कि “केन्या ने भारत के साथ संबंध उसके स्वतंत्रता प्राप्त करने से पूर्व 1911 में ही स्थापित कर लिए थे।” उन्होंने कहा कि केन्या और भारत के लोग दो अलग-अलग भौगोलिक क्षेत्रों में रहने वाले “समान लोग” हैं।

निवेशकों और व्यवसाय जगत को देश में उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए, डॉ. रूटो ने कहा कि “सरकार ने व्यवसायों के विकास के लिए एक अनुकूल इकोसिस्टम बनाया है और निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए दीर्घकालिक नीतियां लाई हैं। भारत ने नैरोबी में अपना एक्जिम बैंक भी खोला है जो इस क्षेत्र के 15 देशों को सेवाएं प्रदान करेगा।” उन्होंने भारतीय व्यवसाय जगत से केन्या में मैन्यूफैक्चरिंग सुविधाएं स्थापित करने का आग्रह किया क्योंकि अफ्रीकी व अमेरिकी क्षेत्रों के साथ केन्या के मुक्त व्यापार समझौतों की वजह से उन्हें पूरे अफ्रीकी बाजार के साथ-साथ अमेरिकी बाजार तक पहुंचने की सुविधा मिलेगी।

डॉ. मुसालिया मुदावदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि केन्या भारतीय व्यवसायों के लिए एक सुरक्षित और विश्वसनीय निवेश गंतव्य है। उन्होंने रेलवे जैसे क्षेत्रों में भारत और केन्या के बीच सहयोग का उल्लेख किया और भारतीय उद्योगों को अपनी उपस्थिति का और अधिक विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित किया।

रेबेका माइनो ने भारतीय व्यवसायों को केन्या में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया क्योंकि यह अफ्रीका का प्रवेश द्वार है और उस क्षेत्र में महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदारी का हिस्सा है। उन्होंने केन्या की अन्य महत्वपूर्ण विशेषताओं जैसे स्थिर अर्थव्यवस्था, युवा एवं उत्पादक श्रमशक्ति, जीवंत लोकतंत्र और उस क्षेत्र में एक अग्रणी लॉजिस्टिक्स और इनोवेशन हब के रूप में इसकी स्थिति पर प्रकाश डाला, जोकि भारत के लिए केन्या को अफ्रीका में अपने व्यापार एवं निवेश भागीदार के रूप में चुनने का एक महत्वपूर्ण कारक हो सकता है।

पृष्ठभूमि:
चीन और संयुक्त अरब अमीरात के बाद भारत केन्या का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। भारत-केन्या द्विपक्षीय व्यापार 3.39 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है, जिसमें भारतीय निर्यात 3.274 बिलियन अमेरिकी डॉलर और आयात 116.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर का है।

केन्या निवेश प्राधिकरण के अनुसार, भारत केन्या में शीर्ष निवेशकों में से एक है। मैन्यूफैक्चरिंग, फार्मास्यूटिकल्स, दूरसंचार, आईटी और आईटीईएस, बैंकिंग और कृषि-आधारित उद्योगों सहित विभिन्न क्षेत्रों में 200 से अधिक भारतीय कंपनियां वहां मौजूद हैं।

केन्या में मौजूद भारतीय कंपनियों में बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया और केनइंडिया एश्योरेंस जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) और भारती एयरटेल, एयर इंडिया, इंडिगो एयरलाइंस, टाटा मोटर्स, टाटा केमिकल्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, थर्मैक्स, गोदरेज, भारतीय अस्पताल श्रृंखलाओं के प्रतिनिधि कार्यालय जैसी निजी कंपनियां, महिंद्रा टेक एवं ज़ोहो जैसी आईटी कंपनियां, कृषि-कंपनी यूपीएल शामिल हैं और 200 से अधिक भारतीय फार्मा कंपनियां ज्यादातर व्यापार के लिए केन्या में पंजीकृत हैं।

भारत और केन्या क्षेत्रीय एवं बहुपक्षीय मंचों पर घनिष्ठ सहयोगी हैं। केन्या संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् (यूएनएससी) में सुधारों पर साझा अफ्रीकी दृष्टिकोण की तैयारी के लिए जिम्मेदार 10 राष्ट्राध्यक्षों की एयू समिति का महत्वपूर्ण सदस्य है। केन्या ने 2028-29 अवधि के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक गैर-स्थायी सीट के लिए भारत की उम्मीदवारी के लिए (पारस्परिक) समर्थन दिया है। भारत और केन्या आईओआरए के संस्थापक सदस्य भी हैं।

भारत केन्या में आने वाले पर्यटकों का पांचवां सबसे बड़ा स्रोत है। केन्या पर्यटन बोर्ड के अनुसार, 2022 में कुल 1,483,752 पर्यटकों में से 83,106 पर्यटक भारतीय थे।

केन्या के कई लोग हर साल गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए भारत की यात्रा करते हैं। यह समझा जाता है कि केन्या से 90 प्रतिशत अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा यात्रा भारत की ओर होती है, इसके बाद थाईलैंड और तुर्की का स्थान आता है। वर्ष 2022 में, भारतीय मिशन ने केन्या के लोगों को 4000 मेडिकल वीजा जारी किए थे। दोनों पक्षों द्वारा कोविड-19 टीकों की पारस्परिक मान्यता पर भी सहमति व्यक्त की गई है। वैक्सीन मैत्री के तहत, केन्या को मार्च 2021 में कोविशील्ड की 1.12 मिलियन (कोवैक्स गठबंधन के तहत 1.02 मिलियन और उपहार के रूप में 100,000) खुराकें दी गईं थीं। अपोलो हॉस्पिटल और केन्या के बेलर हेल्थकेयर के बीच केन्या के एल्डोरेट में तृतीयक स्तर की स्वास्थ्य सेवा के अस्पताल की स्थापना के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

इस कार्यक्रम में केन्या सरकार के प्रधान कैबिनेट सचिव और विदेश एवं प्रवासी मामलों के कैबिनेट सचिव डॉ. मुसालिया मुदावदी; केन्या सरकार की निवेश, व्यापार और उद्योग की कैबिनेट सचिव रेबेका माइनो; फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के अध्यक्ष एवं इंडिया मेटल्स एंड फेरो अलॉयज लिमिटेड (आईएमएफए) के प्रबंध निदेशक शुभ्रकांत पांडा; केन्या नेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष डॉ. एरिक रुट्टो; एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष तथा सोरिन इन्वेस्टमेंट फंड के संस्थापक एवं अध्यक्ष श्री संजय नायर; केन्या प्राइवेट सेक्टर एलायंस की सीईओ कैरोल करियुकी और भारती एंटरप्राइजेज के उपाध्यक्ष अखिल गुप्ता सहित वरिष्ठ भारतीय व केन्याई सरकारी अधिकारी एवं उद्योग जगत प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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