प्रेस फ्रीडम रिपोर्ट्स की कोई गारंटी नहीं पर भारत में मीडिया और उसके हितों की सुरक्षा मोदी सरकार की गारंटी: अनुराग ठाकुर

पश्चिम बंगाल एकमात्र राज्य जहां विकसित भारत संकल्प यात्रा की गाड़ियां तोड़ी गईं: अनुराग ठाकुर

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नई दिल्ली, 21दिसंबर।  केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मामलों के मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने आज राज्यसभा में ममता बनर्जी सरकार को पश्चिम बंगाल में पत्रकारों के ऊपर लगातार होने वाले हमलों को लेकर जमकर घेरा।

ठाकुर ने कहा, “पश्चिम बंगाल से लगातार पत्रकारों पर जानलेवा हमले और हिंसक घटनाओं को खबरें आतीं हैं। पश्चिम बंगाल की राज्य सरकार को पत्रकारों को एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करने हेतु कार्य करने चाहिए।”

ठाकुर ने आगे कहा कि आज पूरे देश में विकसित भारत संकल्प यात्रा चल रही है पर पश्चिम बंगाल एक मात्र ऐसा राज्य है जहां विकसित भारत संकल्प यात्रा की गाड़ियों को तोड़ा गया। “यह साफ तौर पर पश्चिम बंगाल के गरीबों और जरूरतमंदों को विकास से वंचित रखने का षड्यंत्र है। जब पत्रकार इसे दिखाने जाते हैं तो उन्हें भी जान माल का खतरा रहता है।”

ठाकुर ने पश्चिम बंगाल में पत्रकारों पर हुए हमलों की सिलसिलेवार लिस्ट पढ़ते हुए कहा, “अक्टूबर, 2015 में पश्चिम बंगाल निकाय चुनावों के दिन साल्ट लेक इलाके में 20 पत्रकारों को पीटा गया और उनके माइक और कैमरे तोड़ दिए गए। फरवरी, 2022 में उत्तरी दमदम और पूर्वी मिदनापुर में निकाय चुनाव में 4 पत्रकारों को पीटा गया। 2023 के पंचायत चुनाव में नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया के दौरान कोलकाता और विभिन्न जिलों में 10 पत्रकारों को पीटा गया। जून, 2013…एआईटीसी के गुटीय झगड़े को कवर करने के दौरान नॉर्थ 24 परगना के बैरकपुर में 3 फोटो पत्रकारों को इतना पीटा गया को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।”

ठाकुर ने आगे कहा कि उनके पास हमलों की पूरी लिस्ट है जिनमें कई बड़े पत्रकारों के नाम है पर वह सदन में यह सब नहीं रखना चाहते।

ठाकुर ने उक्त बातें तृणमूल सांसद डोला सेन के तारांकित प्रश्न के जवाब में कहीं। हालांकि डोला सेन जवाब के समय सदन में उपस्थित नहीं थीं।

ठाकुर ने प्रश्न का जवाब देने के पहले कहा, “केंद्र सरकार भारत के प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा करने हेतु प्रतिबद्ध है। जहां तक पत्रकारों की सुरक्षा की बात है तो कानून व्यवस्था राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में 2017 में ही गृह मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी कर पत्रकारों की सुरक्षा के व्यापक इंतजाम करने के निर्देश दिए थे। पूरे देश में कहीं भी पत्रकारों के ऊपर हिंसा होने पर प्रेस काउंसिल आफ इंडिया को suo moto केस लेने का अधिकार है और वह लेते भी हैं। मेरा सभी राज्य सरकारों से अनुरोध है कि वे अपने-अपने राज्यों में पत्रकारों को भय मुक्त वातावरण प्रदान कराएं।”

प्रेस काउंसिल से जुड़े सवाल के जवाब में  ठाकुर ने कहा, “प्रेस काउंसिल ऑफ़ इंडिया एक ऑटोनॉमस संस्था है। इसके सदस्य एक तय प्रक्रिया के माध्यम से चुने जाते हैं। केंद्र सरकार प्रेस काउंसिल आफ इंडिया समेत अन्य सभी संस्थाओं में जरूरत पड़ने पर सकारात्मक परिवर्तन करने को प्रतिबद्ध है। इससे न सिर्फ प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया प्रभावी बनता है बल्कि पत्रकारों को भी सुविधाएं और सुरक्षा मिलती है। जहां तक प्रेस फ्रीडम की बात है तो प्रेस काउंसिल आफ इंडिया हमेशा suo moto केस लेता है।”

तृणमूल कांग्रेस सांसद द्वारा कुछ दिनों पहले हीं उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ का मजाक बनाए जाने के ऊपर सदन में बोलते हुए ठाकुर ने कहा, “यह कुकृत्य पूरे देश को शर्मशार करने वाला है। पूरे विपक्ष को इस पर माफी मांगनी चाहिए थी। राहुल गांधी द्वारा वीडियो बनाए जाने को शर्मनाक बताते हुए  ठाकुर ने कहा की उस बड़े नेता का नाम लेना भी मतलब है क्योंकि उनके नाम बड़े और दर्शन छोटे हैं।”

प्रेस फ्रीडम रिपोर्ट पर कटाक्ष करते हुए  ठाकुर ने कहा, “मुझे इतने वर्ष हो गए पर आज तक ऐसी कोई संस्था वाला मेरे पास नहीं आया। मैंने समाचार पत्रों और टीवी मीडिया वालों से भी पूछा मगर आज तक उनके पास भी कोई नहीं गया। मुझे नहीं पता यह रिपोर्ट कैसे बनाते हैं। प्रेस फ्रीडम रिपोर्ट की कोई गारंटी नहीं पर मीडिया और उसके हितों की सुरक्षा मोदी सरकार की गारंटी है।”

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