केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने उत्तर पूर्वी भारत के विकास एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता की
नई दिल्ली, 23 दिसंबर।उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री जी. किशन रेड्डी ने शुक्रवार को मंत्रालय के राज्य मंत्री बीएल वर्मा और उत्तर पूर्वी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में मंत्रालय के सचिव चंचल कुमार और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आठ पूर्वोत्तर राज्यों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
इस चर्चा का उद्देश्य आर्थिक उन्नति के लिए अप्रयुक्त क्षमता को सामने लाना और ‘नए भारत की अष्टलक्ष्मी’ की प्रगति की विस्तृत समीक्षा करना था।
इस बैठक के दौरान रेड्डी ने मंत्रालय और उत्तर पूर्वी परिषद (एनईसी) के साथ-साथ भारत सरकार की अन्य विकासात्मक पहलों के तहत आने वाली विभिन्न परियोजनाओं और योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की।
केंद्रीय मंत्री ने सामूहिक रूप से निवेश के अवसरों को बढ़ाने, नीतियों में सामंजस्य स्थापित करने और जीवन व व्यापार करने की सुगमता में सुधार करने के लिए राज्य सरकारों से नई परियोजनाओं को प्रस्तुत करने और चालू परियोजनाओं को तेज गति से पूरा करने का अनुरोध किया। इस ठोस प्रयास की परिकल्पना एनईआर की अंतर्निहित क्षमता का उपयोग करने और क्षेत्र के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए की गई है।
केंद्रीय मंत्री ने क्षेत्र के तीव्र विकास के लिए मंत्रालय की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।
उन्होंने राज्यों से आगामी “वाइब्रेंट गुजरात” कार्यक्रम में सक्रिय रूप से हिस्सा लेने, क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए अपनी आर्थिक क्षमता और निवेश-अनुकूल नीतियों को प्रदर्शित करने का अनुरोध किया।
वहीं, मुख्यमंत्रियों ने इस आयोजन में राज्यों की भागीदारी का आश्वासन दिया और क्षेत्र के विकास के लिए भारत सरकार की सहायता और प्रतिबद्धता के लिए माननीय मंत्री के लिए आभार व्यक्त किया।
इस क्षेत्र के विकास के लिए मौजूदा प्रयास भारत सरकार की अटूट प्रतिबद्धता का हिस्सा है, जो रणनीतिक पहल और निवेश में दिखाई देता है। इसका उद्देश्य उत्तर पूर्वी क्षेत्र की वास्तविक क्षमता को सामने लाना और इसके सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य का विस्तार करना है।