केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने जारी की ‘एमएसएमई के लिए ई-कॉमर्स निर्यात पुस्तिका’

यह पुस्तिका अपने निर्यात के विस्तार हेतु ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म का उपयोग करने की इच्छा रखने वाले एमएसएमई के लिए निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शिका सिद्ध होगी: गोयल

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नई दिल्ली, 29दिसंबर। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने गुरूवार को नई दिल्ली में विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा तैयार की गई एक विस्तृत जानकारी से परिपूर्ण “एमएसएमई के लिए ई-कॉमर्स निर्यात हैंडबुक” जारी की। इस अवसर पर पीयूष गोयल ने कहा कि विदेश व्यापार नीति 2023 के उद्देश्यों का समर्थन करने वाली एक महत्वपूर्ण पहल के तहत यह पुस्तिका अपने निर्यात विस्तार के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों का उपयोग करने की मांग करने वाले एमएसएमई के लिए निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शिका सिद्ध होगी।

इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान, गोयल ने इस पुस्तिका को तैयार करने में विभिन्न मंत्रालयों और निजी क्षेत्र के हितधारकों के सहयोगात्मक प्रयासों की जानकारी दी। वन-स्टॉप रिपॉजिटरी के रूप में परिकल्पित यह हैंडबुक, ई-कॉमर्स के माध्यम से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए उन सभी रणनीतियों की विस्तृत जानकारी प्रदान करती है, जिससे एमएसएमई को वैश्विक बाजारों में प्रभावी ढंग से उद्यम करने की सुविधा मिलती है।

गोयल ने कहा कि भारत के पारंपरिक उत्पाद जैसे ‘श्री अन्न’ (बाजरा) और कई अन्य कृषि सामानों की दुनिया भर में, खासतौर पर महत्वपूर्ण भारतीय प्रवासी वाले क्षेत्रों में, पर्याप्त मांग है। उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स के माध्यम से हमारा लक्ष्य इस अंतर को पाटना और भारतीय एमएसएमई, शिल्पकारों, किसानों और खाद्य प्रसंस्करण को वैश्विक बाजारों से जोड़ना है। श्री गोयल ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की ‘वेड इन इंडिया’ पहल के दृष्टिकोण को दोहराते हुए, उद्यमिता के लिए अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य भारत को एक प्रमुख विवाहोत्सव स्थल के रूप में स्थापित करना, पारंपरिक भारतीय वस्तुओं के ई-कॉमर्स प्रचार के साथ सहजता से जुड़ना और विवाह के लिए विविध आवश्यकताओं को पूरा करना है।

श्री गोयल ने घोषणा की कि निर्यातित उत्पादों पर शुल्क और करों में छूट की योजना (आरओडीटीईपी) का लाभ कूरियर और डाक निर्यात तक बढ़ाया जाएगा और इसके लिए, आवश्यक आईटी बुनियादी सुविधाऐं और अन्य सक्षमकर्ता स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस पहल से एसएमई क्षेत्रों को सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में मदद मिलेगी, जिससे ई-कॉमर्स निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और 2030 तक 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के व्यापारिक निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए देश से समग्र निर्यात वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।

प्रारंभ में अंग्रेजी, हिंदी, गुजराती और कन्नड़ जैसी चार भाषाओं में जारी की गई विस्तृत जानकारी से परिपूर्ण इस पुस्तिका का पूरे भारत में सभी आधिकारिक भाषाओं में अनुवाद किया जाएगा, जिससे पहुंच सुनिश्चित होगी और व्यापार और वाणिज्य में महत्वपूर्ण योगदान देने के इच्छुक उपभोक्ताओं, उद्यमियों, किसानों और महिला उद्यमियों को लाभ मिलेगा।

नए और पहली बार निर्यात करने वाले एवं अन्य एमएसएमई उत्पादकों को भारत से निर्यात करने के लिए वाणिज्य विभाग के प्रयासों को आगे बढ़ाने, विशेष रूप से ई-कॉमर्स मार्ग के माध्यम से बढ़ावा देने के लिए, डीजीएफटी और शिपरॉकेट के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं। निर्यात हब पहल के रूप में अपने जिलों के तहत डीजीएफटी क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा आयोजित ई-कॉमर्स पहुँच के हिस्से के रूप में क्षमता निर्माण और हैंडहोल्डिंग सत्र आयोजित करने के लिए एक ई-कॉमर्स एक सक्षम साधन है। यह ई-कॉमर्स निर्यात को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ देश भर के जिलों में प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने के लिए विभिन्न ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों/समर्थकों के साथ डीजीएफटी के सहयोग का हिस्सा है। एमएसएमई के लिए ई-कॉमर्स निर्यात पुस्तिका जिलों में इन आउटरीच कार्यक्रमों के माध्यम से ई-कॉमर्स निर्यात पर जागरूकता पैदा करने के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन होगी।

भारत की विदेश व्यापार नीति 2023 का घोषित उद्देश्य सीमापार ई-कॉमर्स निर्यात का समर्थन करना है। यह नीति कारीगरों, बुनकरों, शिल्पकारों और एमएसएमई को सशक्त बनाने पर केंद्रित है। ई-कॉमर्स निर्यातकों की चुनौतियों का समाधान करने और व्यापक समाधान प्रदान करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी कार्य समूह का भी गठन किया गया है। ई-कॉमर्स निर्यात विदेश व्यापार नीति में प्रमुख फोकस क्षेत्रों में से एक है।

पुस्तिका के विमोचन अवसर पर विदेश व्यापार महानिदेशक, श्री संतोष सारंगी के साथ-साथ विकास आयुक्त (एमएसएमई) डॉ. रजनीश; डाक विभाग के अपर महानिदेशक,  प्रणय शर्मा और वाणिज्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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