क्या कॉफी पीने से बढ़ सकती है कैंसर की संभावना ? यहाँ जानें क्या कहता है रिसर्च
नई दिल्ली, 30जनवरी। सुबह उठने के साथ ही कुछ लोगों को चाय चाहिए होती है तो कुछ को कॉफी. दोनों ही काफी प्रचलित ड्रिंक्स हैं. हालांकि दोनों को ही सीमित मात्रा में पीना चाहिए. एक दिन में 3 से ज्यादा कॉफी नहीं पीनी चाहिए. हालांकि कॉफी लवर्स इसे अच्छी खासी मात्रा में पी लेते हैं. उन्हें इस बात का एहसास नहीं होता है कि इसमें पाया जाने वाला अतिरिक्त कैफीन चिंता और अनिद्रा दे सकता है, लेकिन क्या इससे कैंसर की भी संभावना होती है? एक हालिया अध्ययन के अनुसार, अत्यधिक कॉफी का सेवन और कैंसर कोशिकाओं का विकास जुड़ा हो सकता है. आइए जानते हैं क्या कहता है रिसर्च.
कॉफी कैंसर का खतरा कैसे बढ़ाती है?
कॉफ़ी एक ऐसा पेय है, जिसमें कई रसायन होते हैं, जिनमें से सबसे प्रमुख है कैफीन और इसके अलावा क्लोरोजेनिक एसिड और पुट्रेसिन. कॉफी निर्माण की प्रक्रिया में संरक्षण के लिए उर्वरक और कीटनाशक और रसायन भी शामिल होते हैं, लेकिन इसका कैंसर से संबंध है या नहीं, यह बहस का विषय है. डॉक्टरों का कहना है कि इसके अत्यधिक सेवन से ऐसा हो सकता है.
अध्ययनों से पता चलता है कि कॉफी सामान्य तौर पर कैंसर के खतरे से जुड़ी नहीं है. हालांकि, कुछ अध्ययन इस पेय को फेफड़ों के कैंसर और मूत्राशय के कैंसर के खतरे से जोड़ते हैं, लेकिन इसका समर्थन करने के लिए निश्चित रूप से कोई सबूत नहीं है. हालांकि, इसका स्तन कैंसर, कोलोरेक्टल कैंसर या लीवर कैंसर से कोई संबंध नहीं है. बल्कि, यह इन बीमारियों के संबंध में सुरक्षात्मक प्रभावों के लिए जाना जाता है.
विशेषज्ञों के मुताबिक, इस बात पर शोध की सख्त जरूरत है कि कॉफी से कैंसर हो सकता है या नहीं. एसोसिएशन पर सवाल उठाया जा रहा है क्योंकि इस पेय में मौजूद पॉलीफेनोल्स कैंसर की रोकथाम के प्रयासों और यहां तक कि हृदय रोग और हाई ब्लड प्रेशर के प्रबंधन पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए जाने जाते हैं. हालांकि, इसके विपरीत, रक्त, फेफड़े और मूत्राशय के कैंसर के मामले में एक्रिलामाइड का कैंसरजन्य प्रभाव होता है.
कॉफी और कैंसर के बीच संबंध –
2020 में प्रकाशित एक अध्ययन, पिछले अध्ययनों के मेटा-एनालिसिस में कॉफी के सेवन और कैंसर के बीच संबंध पाया गया. इस विषय पर 36 शोधपत्रों का अध्ययन करने के बाद, यह निष्कर्ष निकाला गया कि कॉफी का लिवर, ओरल, ग्रसनी और एंडोमेट्रियल कैंसर के खिलाफ सुरक्षात्मक प्रभाव पड़ता है. इंटरनेशनल एजेंसी फॉर कैंसर रिसर्च भी इस बात से सहमत है कि लिवर और एंडोमेट्रियल कैंसर पर विशेष जोर देने के साथ कैंसर के खतरे को कम करने के संबंध में निष्कर्ष काफी प्रासंगिक हैं.
इग्लैंड की कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी ने एक रिसर्च की है, जिसमें पाया गया है कॉफी पीने से कैंसर हो सकता है. हालांकि रिसर्च में इस बार पर जोर दिया गया है कि जो लोग गर्म कॉफी पीते हैं उनमें कैंसर होने की आशंका ज्यादा होती है.
स्टडी के मुताबिक, रोजाना 700 मिलीलीटर से ज्यादा गर्म कॉफी पीने से एसोफैगल कैंसर का खतरा 90 प्रतिशत तक बढ़ सकता है. एसोफैगल कैंसर तब होता है, जब फूड पाइप (भोजन नली) में असामान्य कोशिकाएं यानी सेल्स अनियंत्रित तरीके से बढ़ने लगती हैं. ज्यादा गर्म कॉफी पीने से गले में घाव हो जाता है जिससे ये समस्या हो जाती है.