अनुराग ठाकुर करें तो सही, नीरज शर्मा करें तो ग़लत
दिल्ली/चंडीगढ़/फरीदाबाद, 14फरवरी। जैसे जैसे विधानसभा सत्र का समय नज़दीक आ रहा है विधायक नीरज शर्मा और विधानसभा अध्यक्ष के बीच चिट्ठियों की जंग शुरू हो गई है कि कल जहाँ विधायक नीरज शर्मा ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर अपने कपड़ों पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा था साथ ही यह भी पूछा था कि जो चोला मैंने पहन रखा है कृपया विधानसभा अध्यक्ष बिंदुवार बताएँ कि उसमें विधानसभा अध्यक्ष को क्या आपत्ति है।
नीरज शर्मा का कहना था कि कहीं-कहीं तो विधानसभा में विधायक, सांसद, सिर्फ़ धोती और गमछा पहनकर आते हैं और मैं आपको एक भाजपा के वरिष्ठ सांसद एवं केन्द्र में मंत्री अनुराग ठाकुर की फ़ोटो इस पत्र के साथ भेज रहा हूँ जिसमें उनके कपड़ों पर लिखा है नमो अगेन और हेट्रिक भाजपा। श्री शर्मा ने कहा कि उनका वस्त्र जो उनके शरीर को पूरा ढक लेता है कैसे सदन की मर्यादा को भंग करता है। उनके वस्त्र पर जय सिया राम लिखा है और स्वस्तिक चिह्न बना है कोई असंसदीय शब्द नहीं लिखा है तो फिर उन्हें क्यों सदन में जाने से रोक जा रहा है, इसके जवाब में विधान सभा अध्यक्ष कार्यालय से विधायक नीरज शर्मा को भेजे गए जवाब में कहा गया है कि हरियाणा विधानसभा कि सदस्यों पियोगी पुस्तक काम में अध्याय दो में विधानमंडल के अंदर विधायकों के लिए आचार संहिता शिष्टाचार के सामान ने नियमों के नियम निम्नलिखित हैं नियम 14 में वर्णित है कि सदन में किसी तरह का बल्ला धारणा नहीं करेगा नियम 16 में वर्णित है कि सदन में झंडा चिन्ह या प्रदर्शनी नहीं लगाएगा तथा संसदीय पद्धति और प्रक्रिया के अध्याय 12 में सदस्यों के आचरण में सभा में मर्यादा और गरिमा बनाए रखने के लिए सदस्यों को किसी भी प्रकार की उच्छृंखलता नहीं करनी चाहिए इस पत्र में विधायक नीरज शर्मा को कहा गया है कि अध्यक्ष महोदय के निर्देशानुसार आपसे अनुरोध है कि यदि आप उपरोक्त मर्यादा का पालन करेंगे तो आपको ही सुविधा होगी अन्यथा यदि सत्र के दौरान आपके पहनावे में उपरोक्त नियमों का उल्लंघन होगा तो परिसर में आपका प्रवेश बाधित करने के लिए विधानसभा सचिवालय को बाध्य होना पड़ेगा यह पत्र पाने के बाद विधायक नीरज शर्मा ने 1 और पत्र तुरंत विधानसभा अध्यक्ष को लिखा है जिसमें विधायक नीरज शर्मा ने बताया है कि बिंदु नंबर एक में जैसा कि लिखा है कि सदन में किसी तरह का बिल्ला धारणा नहीं करेगा उसी के विषय में आपसे कहना चाहता हूँ कि मेरे कपड़ों पर किसी प्रकार का कोई बिल्ला नहीं है बिंदु नंबर दो में जैसा कि लिखा है कि सदन में झंडा चिन्ह यह प्रदर्शनी नहीं लगाएगा उसके संदर्भ में आपको बताना चाहता हूँ कि मेरे कपड़ों पर कोई प्रदर्शनी नहीं है सिर्फ़ सियाराम का नाम एवं स्वास्थ्य का निशान रामायण की चौपाई हैं और कबीर के दोहे हैं इसलिए कृपया स्पष्ट मनपा वे दें कि प्रभु का नाम लिखा रहने देना है या नहीं और अगर कोई प्रदर्शनी जैसी चीज़ लगेगी तो मैं ज़रूर हटा लूँगा। अपने पत्र में नीरज शर्मा आगे लिखते हैं कि मेरा आपसे अनुरोध है कि मैं अपने धारण किये हुए कपड़ों की फ़ोटो भेज रहा हूँ कृपया आप मुझे तीनों बिंदुओं का स्पष्ट मंतव्य देने का कष्ट करें ताकि मैं वो चीज़ें हटा सकूँ है। अब देखना यह है कि इस पर विधानसभा अध्यक्ष अपना क्या स्पष्टीकरण देते हैं।
ग़ौरतलब है कि विधायक नीरज शर्मा ने अपने इलाक़े की जन समस्याओं के लिए मुख्यमंत्री मनोहरलाल 28 करोड़ रुपये की विकास कार्यों की फ़ाइल को पास करने का अनुरोध किया था बार बार अनुरोध किए जाने के बावजूद विधानसभा सदन में याद दिलाने के बावजूद मुख्यमंत्री ने इन फाइलों पर दस्तख़त करने से इंकार कर दिया था इसके विरोध में एक महीने का अल्टीमेटम देने के बाद विधायक नीरज शर्मा ने अपने वस्त्र त्याग कार कफ़न का दो गस से लाभ हुआ कपड़ा धारण कर लिया था जिस पर जय सियाराम स्वास्तिक जैन रामायण की चौपाई कबीर के दोहे अंकित हैं साथ ही नीरज शर्मा की विधान सभा NIT 86 की जन समस्याओं की तस्वीरें और उन समस्याओं के बारे में लिखा गया है। नीरज शर्मा के इस वस्त्र को धारण करने के बाद सरकार ने उन्हें गणतंत्र दिवस समारोह में 26 जनवरी को प्रवेश करने से रोक दिया था साथ ही राज्यपाल की एट होम पार्टी में भी प्रवेश नहीं करने दिया था इसे विधायक नीरज शर्मा ने सरकार की ज्यादती क़रार दिया था और उनके अभिव्यक्ति के अधिकार का भी हनन बताया था। फ़िलहाल विधायक नीरज शर्मा घर घर जाकर सरकार की नीतियों की खामियां गिना रहे हैं साथ ही यह बता रहे हैं कि लोगों की गली में जो सीवर का पानी भरा है या सीवर के ढक्कन खुले रहने से गिरकर लोगों की मौत हो रही है उसके ज़िम्मेदार सिर्फ़ और सिर्फ़ मुख्यमंत्री मनोहर लाल हैं।