पहले पेयजल सर्वेक्षण पुरस्कारों को 5 मार्च को विज्ञान भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा प्रदान किया जाएगा
नई दिल्ली, 27जनवरी। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने 5 मार्च 2024 को विज्ञान भवन में प्रदान किए जाने वाले पहले पेयजल सर्वेक्षण पुरस्कारों की घोषणा कर दी है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगी, जहां शहरों और राज्यों को जल क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए सम्मानित किया जाएगा।
शहरों और राज्यों की उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए 130 पुरस्कारों को प्रदान की किया जाएगा। ये पुरस्कार प्रतिष्ठित पेयजल स्वर्ण, रजत और कांस्य सिटी पुरस्कारों से लेकर विभिन्न श्रेणियों तक फैले हुए हैं, जहां स्वर्ण उनकी संबंधित जनसंख्या श्रेणियों (1 से 10 लाख, 10 से 40 लाख और 40 लाख से अधिक) में शीर्ष प्रदर्शन करने वालों (प्रथम) का प्रतीक है, रजत दूसरे स्थान को दर्शाता है और कांस्य तीसरे स्थान को दर्शाता है। पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ जल निकाय, स्थिरता चैंपियन, पुन: उपयोग चैंपियन, जल गुणवत्ता, नगर संतृप्ति और वर्ष की प्रतिष्ठित अमृत 2.0 रोटेटिंग ट्रॉफी की सराहना की जाती है। 485 शहरों में 2.0 के अंतर्गत किए गए सावधानीपूर्वक आंकलन में विभिन्न मापदंडों को शामिल किया गया, जिसमें पहुंच, कवरेज, जल शोधन संयंत्रों और घरों में पानी की गुणवत्ता और जल निकायों की स्थिति संबंधित स्थिरता, फ्लोमीटर की उपलब्धता और जलशोधित उपयोग किए गए पानी का पुन: उपयोग शामिल है। शहरों को स्टार रेटिंग पैमाने पर 5 स्टार से लेकर नो स्टार तक वर्गीकृत किया जाएगा, जो इन महत्वपूर्ण मानदंडों में उनके प्रदर्शन को समाहित करेगा। यह मंच उन लोगों को सम्मानित करने के लिए तैयार है, जो अपने समुदायों के लिए स्वच्छ और टिकाऊ जल संसाधन सुनिश्चित करने में सफल रहे हैं।
1,500 से अधिक पुरस्कार विजेताओं और प्रतिभागियों की मेजबानी करने के लिए तैयार यह भव्य कार्यक्रम न केवल उत्कृष्टता का जश्न मनाएगा, बल्कि यह अमृत मित्र पहल के शुभारंभ का भी प्रतीक होगा, जिसमें पूरे देश से विभिन्न स्थानों से महिला एसएचजी लाइव जुड़ेंगी। 7 से 9 नवंबर 2023 तक अमृत 2.0 के अंतर्गत चलाए गए “महिलाओं के लिए पानी, पानी महिलाओं के लिए” अभियान से जन्मे, अमृत मित्र का लक्ष्य शहरी जल क्षेत्र में महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को सक्रिय रूप से शामिल करना है और जिसमें महिलाओं को प्रमुख योगदानकर्ता और घरेलू जल प्रबंधन में उनकी भूमिका पर जोर देते हुए नामित किया गया है। मित्र अमृत 2.0 परियोजनाओं को क्रियान्वित करने में लगे रहेंगे, जिसमें वे अपना ध्यान बिलिंग, संग्रह, रिसाव का पता लगाना, नल के मिस्त्री से संबंधित कार्य, जल गुणवत्ता नमूनाकरण और बुनियादी ढांचे के रखरखाव जैसी गतिविधियों पर केंद्रित करेंगे। अमृत मित्र का व्यापक लक्ष्य महिलाओं के बीच स्वामित्व की भावना पैदा करना, पारंपरिक रूप से पुरुष-प्रधान क्षेत्रों में समावेशिता और विविधता को बढ़ावा देना, घरों के लिए सुरक्षित पेयजल तक पहुंच सुनिश्चित करना और लैंगिक असमानता को संबोधित करना है। प्रत्याशित परिणामों में महिला स्वयं सहायता समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का उत्थान, अमृत 2.0 के उद्देश्यों के साथ निकटता से जुड़ना, जागरूकता में वृद्धि, सकारात्मक सामुदायिक प्रभाव और भविष्य की पहलों के लिए एक मॉडल शामिल हैं।
पेयजल सर्वेक्षण ने स्रोत और नागरिक स्तर पर स्वतंत्र एनएबीएल प्रयोगशाला परीक्षण के माध्यम से स्वच्छ पानी सुनिश्चित किया। जीआईएस-सक्षम वेब पोर्टल, जियो-टैगिंग और बुनियादी ढांचा मैपिंग का उपयोग करके, इस पेयजल सर्वेक्षण ने सटीक और पारदर्शी आंकड़े एकत्रित किए। 5 लाख घरेलू प्रतिक्रियाओं और एक हजार से अधिक जगहों में अपने आंकलन के साथ, इसने एक व्यापक आंकलन को प्राथमिकता दी, जिसमें 24,000 से अधिक जल के नमूनों का परीक्षण भी शामिल है।
पेयजल सर्वेक्षण के परिणामों से यूएलबी निर्णय लेने, सेवा वितरण को बेहतर बनाने और नागरिक भागीदारी को बढ़ावा देने, जल संरक्षण और इसके सर्वोत्तम उपयोग के बारे में स्वामित्व और ज्ञान प्रसार की भावना पैदा करने की उम्मीद है।