चीन के बेतुके दावों को MEA ने किया खारिज, कहा- ‘अरुणाचल भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा’
नई दिल्ली, 19मार्च। भारत ने अरुणाचल प्रदेश पर चीन (China) द्वारा किए गए बेतुके दावों और निराधार तर्कों को फिर से खारिज कर दिया है. अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के क्षेत्र पर चीनी दावे पर विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा कि अरुणाचल प्रदेश पर बेतुके दावों को लेकर चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता की टिप्णणियों का संज्ञान लिया है. आधारहीन तर्क दोहराने से ऐसे दावों को वैधता नहीं मिलती है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा. विदेश मंत्रालय ने आज एक आधिकारिक बयान में कहा कि अरुणाचल प्रदेश के लोगों को भारत के विकास कार्यक्रमों और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से लाभ मिलता रहेगा.
विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल के हवाले से कहा गया, ‘हमने चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता द्वारा भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश के भूभाग पर बेतुके दावों को आगे बढ़ाते हुए की गई टिप्पणी पर गौर किया है. इस संबंध में निराधार तर्क को दोहराने से ऐसे दावों को कोई वैधता नहीं मिलती.’
चीन ने क्या कहा था?
चीन की सरकारी मीडिया ने देश के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल झांग शियाओगांग के हवाले से कहा था कि जिजांग (तिब्बत का चीनी नाम) का दक्षिणी भाग चीन के भूभाग का एक अंतर्निहित हिस्सा है और बीजिंग भारत द्वारा अवैध रूप से स्थापित तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को कभी स्वीकार नहीं करता और इसका दृढ़ता से विरोध करता है.
पीएम मोदी की यात्रा पर की थी टिप्पणी
चीन की यह टिप्पणी भारत द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अरुणाचल प्रदेश यात्रा पर की गई टिप्पणियों के लिए चीन को कड़ा जवाब देने के कुछ दिनों बाद आई है. पहले के एक बयान में, भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि अरुणाचल प्रदेश में भारतीय नेताओं के दौरों या भारत की विकासात्मक परियोजनाओं पर चीन की आपत्ति उचित नहीं है.
विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने 12 मार्च को कहा था, ‘हम प्रधानमंत्री मोदी की अरुणाचल प्रदेश यात्रा के संबंध में चीनी पक्ष द्वारा की गई टिप्पणियों को खारिज करते हैं. भारतीय नेता समय-समय पर अरुणाचल प्रदेश का दौरा करते हैं, जैसे वे भारत के अन्य राज्यों का दौरा करते हैं. ऐसी यात्राओं या भारत की विकासात्मक परियोजनाओं पर आपत्ति करना उचित नहीं है.’
प्रवक्ता ने कहा था, ‘इसके अलावा, यह इस वास्तविकता को नहीं बदलेगा कि अरुणाचल प्रदेश राज्य भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा.’ पीएम मोदी ने 9 मार्च को अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान रणनीतिक सेला सुरंग का उद्घाटन किया था.
सुरंग का निर्माण सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले में तेजपुर, असम को तवांग से जोड़ने वाली सड़क पर 13,000 फीट की ऊंचाई पर किया गया है.
चीन, जो अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत के रूप में दावा करता है, नियमित रूप से भारतीय नेताओं के राज्य के दौरों पर आपत्ति जताता है. चीन इस क्षेत्र को जिजांग बुलाता है.