कृषि और किसान कल्याण पर संसदीय सलाहकार समिति की बैठक
समिति ने बेहतर कार्यान्वयन के लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना पर चर्चा की
केसीसी में 3.22 लाख करोड़ रुपये की स्वीकृत ऋण सीमा के साथ लगभग 2.94 करोड़ किसानों को शामिल किया गया: श्री तोमर
कृषि और किसान कल्याण पर संसदीय सलाहकार समिति की एक बैठक 23 मार्च, 2022 को हुई। समिति ने बेहतरी और बेहतर कार्यान्वयन के लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।
समिति को संबोधित करते हुए केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार किसानों को केसीसी परिपूर्णता करने के लिए एक अभियान चला रही है ताकि बचे हुए सभी पीएम किसान लाभार्थियों को शामिल किया जा सके। उन्होंने कहा कि लघु अवधि के ऋणों के लिए 3 लाख रुपये तक के सभी प्रशासनिक शुल्क अर्थात प्रसंस्करण शुल्क, निरीक्षण शुल्क, खाता बही, फोलियो शुल्क आदि को माफ कर दिया गया है ताकि ब्याज दर में राहत के माध्यम से अधिक से अधिक किसान सस्ती दर पर ऋण प्राप्त कर सकें।
कृषि मंत्री ने समिति के सदस्यों को यह भी बताया कि केसीसी के लिए फॉर्म को सरल बना दिया गया है और बैंकों को पूर्ण आवेदन पत्र प्राप्त होने के 14 दिनों के भीतर केसीसी जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को रियायती ऋण उपलब्ध कराने के लिए पहुंच प्रदान करने की दिशा में बैंकों और अन्य हितधारकों के निरंतर और ठोस प्रयासों के परिणामस्वरूप केसीसी योजना के तहत 4 मार्च, 2022 तक 3.22 लाख करोड़ रुपये की स्वीकृत ऋण सीमा के साथ लगभग 2.94 करोड़ किसानों को शामिल कर एक बड़ी मंजिल को हासिल कर लिया गया है।
संयुक्त सचिव श्री रितेश चौहान ने केसीसी योजना के विवरण पर प्रस्तुतीकरण दिया।
श्री तोमर ने समिति के सदस्यों को उनके बहुमूल्य सुझावों के लिए धन्यवाद दिया और उन्हें आश्वासन दिया कि मंत्रालय प्रत्येक सुझाव पर गौर करेगा और किसानों की बेहतरी के लिए अनुकूल समाधान निकालेगा। उन्होंने सदस्यों से अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में किसानों के बीच केसीसी के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए प्रयास करने का भी अनुरोध किया।
किसान क्रेडिट कार्ड के बारे में
किसान क्रेडिट कार्ड की शुरुआत किसानों को कृषि सामग्री जैसे बीज, उर्वरक, कीटनाशक आदि खरीदने के लिए अल्पावधि ऋण प्रदान करने के लिए 1998 में की गई थी। वर्तमान में केसीसी ऋण लघु और दीर्घ अवधि के लिए उन किसानों के लिए उपलब्ध हैं जो खेती, पशुपालन और अन्य संबद्ध गतिविधियों में लगे हुए हैं। अल्पावधि कृषि ऋण के लिए अधिकतम सीमा 1 वर्ष तक और लंबी अवधि के ऋण के लिए सामान्य रूप से 5 वर्ष है। बैंक अपने विवेक से इस अवधि को बढ़ा सकते हैं। भारत सरकार केसीसी के माध्यम से अल्पकालिक फसल ऋण के लिए एक रियायती दर पर ब्याज योजना लागू कर रही है , जिसके तहत किसानों को 3 लाख रुपये तक का अल्पावधि ऋण 7 प्रतिशत की रियायती दर पर दिया जाता है और 3 प्रतिशत का अतिरिक्त शीघ्र अदायगी प्रोत्साहन (पीआरआई) प्रभावी ब्याज दर 4 प्रतिशत बना देता है।
बैठक में केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी, लोकसभा सदस्य श्री बेलाना चंद्रशेखर, श्री गुरजीत सिंह औजला, श्रीमती जसकौर मीणा, श्री महेन्द्र सिंह सोलंकी, श्री प्रदीप कुमार चौधरी, श्रीमती रमा देवी, श्री रोडमल नागर और श्री श्रीनिवास दादासाहेब पाटिल, राज्यसभा सदस्य श्रीमती गीता उर्फ चंद्रप्रभा और श्री राम शकल भी मौजूद थे।
बैठक के दौरान कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव श्री संजय अग्रवाल सहित कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।