निर्वाचन आयोग ने शांतिपूर्ण और प्रलोभन मुक्त आम चुनाव 2024 सुनिश्चित करने का दिया निर्देश

0

नई दिल्ली,04अप्रैल। निर्वाचन आयोग ने लोकसभा और राज्‍य विधानसभाओं के 2024 के चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष, शांतिपूर्ण व प्रलोभन मुक्त कराने के लिए कानून और व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा तथा उसका आकलन करने, गैर-कानूनी गतिविधियों की रोकथाम, जब्ती और अंतर-राज्यीय और अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर कड़ी निगरानी के लिए सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई। संयुक्त समीक्षा का उद्देश्य सीमाओं की रक्षा करने वाली केंद्रीय एजेंसियों के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों के बीच बेरोकटोक समन्वय और सहयोग के लिए सभी संबंधित हितधारकों को एक ही मंच पर लाना था। आयोग ने प्रत्येक राज्य/केन्‍द्र शासित प्रदेश से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों की विस्तार से समीक्षा की।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की अध्यक्षता में चुनाव आयुक्‍त ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू के साथ हुई बैठक में राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों एवं सीमाओं की रक्षा करने वाली केन्‍द्रीय एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों ने भाग लिया।

सीईसी राजीव कुमार ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में स्वतंत्र, निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और प्रलोभन मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए आयोग की प्रतिबद्धता व्‍यक्‍त की और सभी हितधारकों से चुनावी प्रक्रिया की अखंडता को बनाए रखने एवं समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया। उन्होंने राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि प्रत्येक मतदाता बिना किसी डर या भय के अपने मताधिकार का उपयोग कर सके। सीईसी श्री कुमार ने सभी राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों और एजेंसियों से स्वतंत्र, निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और भय-मुक्त चुनाव के लिए अपने ‘संकल्प’ को ठोस ‘कार्रवाई’ में बदलने का आह्वान किया।

इस बैठक के दौरान विचार किए गए प्रमुख मुद्दों में पड़ोसी राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता, सभी राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों में पर्याप्त रूप से प्रदान की गई सीएपीएफ की सावधानीपूर्वक तैनाती; सीमावर्ती राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों में सीएपीएफ कर्मियों की आवाजाही और परिवहन के लिए आवश्‍यक सहायता; सीमावर्ती क्षेत्रों में उन फ़्लैशपॉइंटों की पहचान और निगरानी करना जिनका चुनाव प्रक्रिया पर प्रभाव पड़ सकता है; पिछले अनुभवों के आधार पर सांप्रदायिक तनाव को दूर करने के लिए निवारक उपाय, और गैर-कानूनी गतिविधियों के खिलाफ खुली सीमाओं को सुरक्षित करने की अनिवार्यता। आयोग ने अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के पार नशीले पदार्थों, शराब, हथियारों और विस्फोटकों सहित प्रतिबंधित वस्तुओं की आवाजाही पर रोक लगाने के लिए कड़ी निगरानी के महत्व पर जोर किया। कुछ राज्यों में अवैध गांजे की खेती पर अंकुश लगाने, सीमाओं पर शराब और नकदी की आवाजाही के निकास व प्रवेश बिंदुओं की पहचान करने का निर्देश दिया गया।

आयोग ने अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र जैसे 11 राज्यों के चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में मतदान टीमों को पहुंचाने के लिए भारतीय वायु सेना और राज्य नागर विमानन विभाग के सहयोग की समीक्षा की। विशेष रूप से छत्तीसगढ़ और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में खतरे की आशंका के आधार पर राजनीतिक पदाधिकारियों व उम्मीदवारों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपायों के निर्देश दिए गए। मणिपुर में हाल की हिंसा और उथल-पुथल एवं शांतिपूर्ण चुनाव कराने की जटिलता पर भी गौर किया गया, साथ ही आयोग ने आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों की सहायता के लिए त्वरित कार्रवाई करने और चुनावी प्रक्रिया में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने का आग्रह किया।

निम्नलिखित सामान्य निर्देश दिए गए:

कानून एवं व्यवस्था संबंधी
1.अंतर्राष्ट्रीय और अंतर-राज्यीय सीमाओं पर कड़ी निगरानी के लिए अनिवार्य जांच चौकियां
2.सीमावर्ती जिलों के बीच अपराधियों और असामाजिक तत्वों के बारे में खुफिया जानकारी साझा करना
3.आखिरी 48 घंटों के दौरान फर्जी मतदान रोकने के लिए अंतर-राज्यीय सीमाओं को सील करना
4.सीमावर्ती जिलों की नियमित अंतर-राज्यीय समन्वय बैठकें
5.राज्य पुलिस द्वारा अंतर-राज्यीय सीमावर्ती जिलों पर गश्त में तेजी लाई जाएगी
6.सीमावर्ती राज्यों के समन्वय से रणनीतिक स्थानों पर अतिरिक्त नाके स्थापित किए जाएंगे
7.मतदान के दिन अंतर-राज्यीय सीमा सील
8.सीमावर्ती राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों के उत्पाद शुल्क आयुक्त परमिट की प्रामाणिकता की जांच सुनिश्चित करें, विशेष रूप से सीमावर्ती जिलों में शराब की दुकानों की औचक जांच की जाए।
9.लाइसेंसी हथियारों को समय पर जमा करना और गैर-जमानती वारंट का निष्पादन
10.भगोड़ों, हिस्ट्रीशीटरों, चुनाव संबंधी अपराधों में संलिप्त अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई
11.खतरे की आशंका के आधार पर राजनीतिक पदाधिकारियों/उम्मीदवारों को पर्याप्त सुरक्षा कवर

खर्च की निगरानी:

1. अंतर-राज्यीय और अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर अवैध शराब, नकदी, नशीले पदार्थों का प्रवाह रोकना।
2. चेकपोस्टों पर सीसीटीवी कैमरे लगाकर निगरानी को मजबूत करना।
3. पुलिस, आबकारी, परिवहन, जीएसटी एवं वन विभाग द्वारा संयुक्त चेकिंग एवं अभियान ।
4. हेलीपैड, हवाई अड्डों, बस स्टेशनों और रेलवे स्टेशनों पर कड़ी निगरानी।
5. शराब और नशीले पदार्थों के सरगनाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई; देशी शराब के प्रवाह में कटौती; इसे प्रणालीगत तरीके से बंद करने के लिए फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंकेज स्थापित करें।
6. शराब, नकदी, नशीली दवाओं और मुफ्त उपहारों को लाने-ले जाने वाले संवेदनशील मार्गों का मानचित्रण।

केन्‍द्रीय एजेंसियों को दिशा-निर्देश

1. भारत-म्यांमार सीमा पर असम राइफल्स द्वारा कड़ी निगरानी; भारत नेपाल सीमा विशेष रूप से नेपाल के साथ खुली सीमा वाले क्षेत्रों में एसएसबी द्वारा निगरानी; भारत-बांग्लादेश सीमा और पश्चिमी सीमाओं पर बीएसएफ द्वारा; भारत-चीन सीमा पर आईटीबीपी द्वारा और तटीय क्षेत्र वाले राज्यों में भारतीय तटरक्षक बल द्वारा कड़ी निगरानी।
2. असम राइफल्स राज्य पुलिस, सीएपीएफ आदि के साथ नियमित संयुक्त सुरक्षा समन्वय बैठकें आयोजित करेगी।
3. एसएसबी किसी भी गैर-कानूनी गतिविधि के लिए नेपाल और बांग्लादेश के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर कड़ी निगरानी रखेगी, खासकर मतदान के 72 घंटे पहले।
4. नागरिक प्रशासन के सहयोग से सीएपीएफ की नव नियुक्‍त कंपनियों के लिए क्षेत्र का परिचित होना सुनिश्चित करें।
5. राज्य पुलिस के समन्वय से संयुक्त जांच चौकियां स्थापित करें।

समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव, डीजीपी, प्रमुख सचिव (गृह), प्रधान सचिव (आबकारी), मुख्य निर्वाचन अधिकारी और सभी राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों के राज्य पुलिस नोडल अधिकारी, सीमाओं की सुरक्षा में शामिल केंद्रीय एजेंसियों के प्रमुख, अर्थात् सीमा सुरक्षा बल, असम राइफल्स, सशस्त्र सीमा बल, भारत तिब्बत सीमा पुलिस और तटरक्षक बल प्रमुख, सीआरपीएफ प्रमुख, केन्‍द्रीय सीएपीएफ नोडल अधिकारी, अपर सचिव गृह मंत्रालय और रक्षा तथा रेलवे मंत्रालय के प्रतिनिधि शामिल हुए।

Leave A Reply

Your email address will not be published.