आयकर विभाग ने दिल्ली-एनसीआर में ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग ग्रुप, कंपनी ऑपरेटिंग चार्टर्ड फ्लाइट्स और रियल एस्टेट ग्रुप्स पर छापेमारी की
आयकर विभाग ने 23 मार्च 2022 को दिल्ली-एनसीआर में 35 से अधिक परिसरों पर छापा मारते हुए चार्टर्ड उड़ानों का संचालन करने वाली एक कंपनी और दिल्ली-एनसीआर के एक रियल एस्टेट समूह के साथ-साथ एक प्रमुख ऑटोमोबाइल निर्माता समूह के खिलाफ तलाशी और जब्ती अभियान चलाया।
तलाशी अभियान के दौरान, विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं और इस दौरान मिले डिजिटल साक्ष्य दर्शाते हैं कि व्यावसायिक उद्देश्यों के तौर पर दिखाया गया कुल खर्च जब्त किए गए साक्ष्य और दस्तावेजों से पूरी तरह से मेल नहीं खाता है। एक विशिष्ट इवेंट मैनेजमेंट इकाई से सेवाओं की खरीद की आड़ में 800 करोड़ रुपये की बुकिंग दिखाई गई है। इस इकाई ने लेयरिंग के माध्यम से पैसे की हेराफेरी की है। गैर-व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए ऐसे दावे आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के तहत अस्वीकार्य व्यय हैं।
तलाशी में यह भी पता चला कि दिल्ली में 10 एकड़ कृषि भूमि कुछ कागजी कंपनियों के माध्यम से खरीदी गई थी। इस तरह के लेन-देन में, 60 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब नकदी कथित रूप से शामिल थी। इस भूमि सौदे का अंतिम/वास्तविक लाभार्थी वाहन निर्माता समूह का एक प्रमुख व्यक्ति है। उक्त सौदे को सुगम बनाने वाले मध्यस्थ ने अपने बयान में स्वीकार किया है कि बिक्री का एक बड़ा हिस्सा नकदी के तौर पर भुगतान किया गया था।
इसके अलावा रियल एस्टेट कारोबार से जुड़े लोगों के परिसरों से कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी मिले हैं। इनमें ऑन-मनी लेन-देन के रिकॉर्ड शामिल हैं जहां दिल्ली भर में उनकी विभिन्न रियल एस्टेट परियोजनाओं में इकाइयों की बिक्री के बदले नकद धनराशि प्राप्त किया जा रही थी।
चार्टर्ड उड़ानों का संचालन करने वाली कंपनी के मामले में, फर्जी खर्चों की बुकिंग से संबंधित साक्ष्यों का पता चला है। इस कंपनी के द्वारा 50 करोड़ रुपये से अधिक की कुल आय को एक गैर-मान्यता प्राप्त प्रमुख व्यक्ति द्वारा एनबीएफसी के माध्यम से संदिग्ध ऋणों, कागजी कंपनियों के माध्यम से संचालित किया जा रहा था। इस मामले में फर्जी ब्याज व्यय जैसे दावों आदि का भी पता चला है।
1.35 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित नकदी और 3 करोड़ के आभूषण जब्त किए गए हैं।
इस मामले में आगे की जांच जारी है।