केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा, ’टिकाऊ’ स्टार्टअप के लिए उद्योग की हिस्सेदारी महत्वपूर्ण है

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डॉ जितेंद्र सिंह ने नई दिल्ली में ’भारत की नवाचार यात्रा के 75 साल का जश्न’ शीर्षक से नीति आयोग द्वारा आयोजित आजादी का अमृत महोत्सव, एआईएम कार्यक्रम को संबोधित किया।

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा, अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) ने हमारे स्कूलों और कॉलेजों में नवाचार और उद्यमिता की भावना जगाई है और इस प्रकार उन्हें नौकरी चाहने वाले ही नहीं बल्कि नौकरी प्रदाता बनने के लिए प्रेरित किया है।

एआईएम हेल्थ टेक, फिन-टेक, एग्री-टेक, एआई-एमएल, आईओटी और सार्वजनिक महत्व के अन्य क्षेत्रों जैसे नवाचार के सभी प्रमुख क्षेत्रों में 2200 से अधिक स्टार्ट-अप की मदद कर रहा है: डॉ जितेंद्र सिंह

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि ’टिकाऊ स्टार्टअप के लिए उद्योग की हिस्सेदारी महत्वपूर्ण है।

भारत की नवाचार यात्रा के 75 साल का जश्न’ शीर्षक से नीति आयोग द्वारा नई दिल्ली में आयोजित आजादी का अमृत महोत्सव, अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, ‘ डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा, अटल इनोवेशन मिशन ने हमारे स्कूलों और काॅलेजों में नवाचार और उद्यमिता की भावना जगाई है। इस प्रकार, यह उन्हें आत्मविश्वासी स्व-नियोक्ता बनने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मिशन अपने विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से हेल्थ-टेक, फिन-टेक, एग्री-टेक, एआई-एमएल, आईओटी और सार्वजनिक महत्व के अन्य क्षेत्रों जैसे नवाचार के सभी प्रमुख क्षेत्रों में 2,200 से अधिक स्टार्टअप की मदद कर
रहा है।

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा, हमारी सबसे बड़ी संपत्ति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं, जिनको विज्ञान के प्रति न सिर्फ पहले ही अनुराग है, बल्कि वह विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधारित पहलों एवं परियोजनाओं को समर्थन व बढ़ावा देने में स्पष्टवादी हैं। उन्होंने कहा, ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण में भारत के वैज्ञानिक कौशल की प्रमुख भूमिका होगी।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि अटल टिंकरिंग लैब्स के माध्यम से स्कूली बच्चों में नवोन्मेषी मानसिकता पैदा करने से लेकर स्टार्टअप्स और इनोवेटर्स को अपने कार्यक्रमों जैसे अटल इनक्यूबेशन सेंटर्स, अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर्स और एएनआईसी की चुनौतियों के माध्यम से समर्थन देने तक, एआईएम देश में नवाचार और उद्यमिता परिदृश्य को समग्र रूप से और व्यापक रूप से बदल रहा है। उन्होंने कहा कि अटल इनोवेशन मिशन, जिसकी स्थापना को हाल ही में छह साल पूरा हुआ है, सरकार की परिकल्पना ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास’ का पूरक है।

 

डीएसटी के मार्गदर्शन कार्यक्रम का जिक्र करने के अलावा, डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘कैच देम यंग’ अर्थात किशोरावस्था के विकास की अहमियत के मंत्र के साथ अटल टिंकरिंग लैब को जमीनी स्तर पर नवाचार को आकर्षित करने के लिए और विकास और व्यापक पहुंच की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ‘भारत में दस लाख बच्चों को आधुनिक नवोन्मेषक के रूप में विकसित करने’ की परिकल्पना के साथ, एआईएम पूरे भारत के स्कूलों में अटल टिंकरिंग लेबोरेटरीज (एटीएल) स्थापित कर रहा है। इस योजना का उद्देश्य बाल मन में जिज्ञासा, रचनात्मकता और कल्पनाशीलता को बढ़ावा देना है और डिजाइन मानसिकता, अभिकलनात्मक सोच, अनुकूली शिक्षा, भौतिक अभिकलन आदि जैसे कौशल विकसित करना है।

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं नवाचार एक दूसरे से संबद्ध हैं और अच्छी वैज्ञानिक मनोवृति और अनुसंधान एवं विकास की संरचना वाला देश नवाचार और उद्यमिता में उत्कृष्टता प्राप्त करेगा। मंत्री ने याद दिलाया कि 2019 में 106वीं विज्ञान कांग्रेस में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रसिद्ध नारे ‘जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान’में ‘जय अनुसंधान’ जोड़कर अनुसंधान के महत्व पर बल दिया था।
डॉ जितेंद्र सिंह ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में भारत ने नवाचार परिदृश्य में एक उल्लेखनीय प्रगति की है और आज भारत में 60,000 से अधिक पंजीकृत स्टार्ट-अप और लगभग 90 यूनिकॉर्न हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारे स्टार्ट-अप्स और इनोवेटर्स के लगातार प्रयासों और अटल इनोवेशन मिशन, डीएसटी, बीआईआरएसी, स्टार्ट-अप इंडिया, एमईआईटीवाई आदि जैसी विभिन्न पहलों के माध्यम से सरकार के समर्थन से संभव हुआ है और यह देश के अभिनव एवं उद्यमशीलता कौशल को भी दर्शाता है।
मंत्री ने उम्मीद जताई कि भारत में नवाचार आगामी वर्षों के में देश को 5 लाख करोड़ अमरीकी डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि देश को नवाचार की दिशा में एक संरचित और नियोजित रणनीति की आवश्यकता होगी और इस संबंध में नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र की बढ़ती आकांक्षाओं को पूरा करने करने के लिए इसके लिए, अटल इनोवेशन मिशन को इसके दायरे और आकार के मामले में एक व्यापक संगठन में बदलना होगा।
आजादी का अमृत महोत्सव स्वतंत्रता के 75 साल का उत्सव मनाने और देश के  लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को याद करने के लिए भारत सरकार की एक पहल है। यह महोत्सव भारत के उन लोगों को समर्पित है, जिन्होंने न सिर्फ भारत को इसकी विकास यात्रा में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, बल्कि उनके भीतर आत्मनिर्भर भारत की भावना से प्रेरित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भारत 2.0 यानी नये भारत की परिकल्पना साकार व सक्षम बनाने की शक्ति और क्षमता भी है। यही आत्म निर्भर भारत की भावना अटल इनोवेशन मिशन के उद्देश्यों में अंतर्निहित है।

इस अवसर पर राव इंद्रजीत सिंह और डॉ जितेंद्र सिंह ने संयुक्त रूप से 75 कार्यक्रमों का अनावरण किया जिनसे भारत की नवाचार यात्रा में बदलाव आया है।

डॉ. एस.चंद्रशेखर, सचिव, डीएसटी ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार पथप्रदर्शक नवोन्मेषों की मदद करेगी। उन्होंने स्टार्ट-अप्स को कठिन चुनौतियों का सामना करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि कृषि और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों को रसायन, कीटनाशक और यूरिया जैसे कठिन क्षेत्रों के अलावा बड़े पैमाने पर स्टार्ट-अप की जरूरत है।
इस कार्यक्रम में नीति आयोग के सदस्य और नामित वीसी डॉ सुमन के बेरी द्वारा अटल न्यू इंडिया चैलेंज का शुभारंभ, अमिताभ कांत, सीईओ, नीति आयोग द्वारा एटीएल हॉर्सेस स्टेबल जूनियर का शुभारंभ और प्रो. अजय कुमार सूद, प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार, भारत सरकार द्वारा ई-बुक ‘इनोवेशंस फॉर यू’ का विमोचन किया गया और डॉ चिंतन वैष्णव, एमडी, एआईएम ने अटल इनोवेशन मिशन की यात्रा पर एक नोट प्रस्तुत किया।

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