केंद्रीय कृषि मंत्री ने आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में आयोजित “बीज श्रृंखला विकास” विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार की अध्यक्षता की
किसानों के लिए बीज आपूर्ति की रूपरेखा बनाएं-श्री तोमर
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज नई दिल्ली में “बीज श्रृंखला विकास” पर एक राष्ट्रीय वेबिनार की अध्यक्षता की, जो वर्ष भर चलने वाले आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के भाग के रूप में आयोजित किया जा रहा है। श्री तोमर ने कहा कि राज्य सरकारें केंद्र सरकार के परामर्श से किसानों के हित के लिए 10-15 वर्ष की रूपरेखा तैयार करें। श्री तोमर ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों की समय पर आपूर्ति हो। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें कालाबाजारी और नकली बीज बेचने वालों पर सख्ती से रोक लगाएं।
श्री तोमर ने कहा कि बीजों का महत्व हम सभी जानते हैं। यदि बीज अच्छा है, तो उपज अच्छी होगी, चाहे वह व्यक्ति हो या खेती के लिए बीज। खेती के लिए अच्छे बीजों की उपलब्धता से उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि होती है, जिसके परिणामस्वरूप किसानों की आय में वृद्धि होती है और हमारी कृषि और देश की अर्थव्यवस्था को लाभ पहुंचाने के अलावा सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का हिस्सा भी बढ़ता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार का प्रयास है कि कृषि की ताकत देश की सुरक्षित नींव बने। हमें मिलकर शेष लक्ष्य को पूरा करना है। श्री तोमर ने कहा कि पूरी बीज श्रृंखला को सुव्यवस्थित किया जाए ताकि किसानों को कोई परेशानी न हो। इसके अलावा किसी विशेष क्षेत्रों में जिन फसलों के बीज की आपूर्ति कम मात्रा में हैं, उन क्षेत्रों में उन बीजों को उपलब्ध कराया जाना चाहिए ताकि उत्पादकता बढ़ाई जा सके। दलहन-तिलहन, कपास आदि फसलों के बीजों की पर्याप्त आपूर्ति के लिए योजना बनाई जानी चाहिए।
श्री तोमर ने कहा कि बीज का पता लगाने के लिए राज्य सरकारों का सहयोग भी आवश्यक है, ताकि देश भर के किसानों में जागरूकता पैदा हो और वे आवश्यकता अनुसार बीज बोने के संबंध में उचित निर्णय ले सकें। श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी का जोर कृषि में उत्पादकता बढ़ाने के साथ-साथ लागत घटाने पर भी है। हमें यह योजना बनानी होगी कि कैसे किसानों को सस्ती कीमत पर गुणवत्तापूर्ण बीज मिल सकें और निजी और सरकारी एजेंसियों के बीच कीमत के अंतर को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर सभी को आत्मनिरीक्षण करने की आवश्यकता है। यदि हमारा देश बीज उपलब्धता के मामले में आत्मनिर्भर बन जाता है, तभी हम अन्य देशों को बड़ी मात्रा में आपूर्ति कर पाएंगे।
इस अवसर पर अपने संबोधन में कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा विकसित बीजों की किस्में जमीनी स्तर पर किसानों तक पहुंचे। सुश्री शोभा करंदलाजे ने कहा कि इसके साथ ही राज्यों को कृषि क्षेत्र से जुड़े सभी पहलुओं पर जिला स्तर पर योजनाबद्ध तरीके से काम करना चाहिए, ताकि किसानों को कोई परेशानी न हो।
वेबिनार को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि सचिव श्री मनोज आहूजा ने कहा कि किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज पंचायत स्तर तक उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए, इसके अलावा बीज गुणवत्ता परीक्षण के बारे में भी किसानों को जागरूक किया जाए। कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में अपर सचिव, श्री अभिलक्ष लिखी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। वेबिनार में राज्यों के कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और केंद्र व राज्यों के बीज निगमों के प्रतिनिधि वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए। वेबिनार का संचालन श्री अश्विनी कुमार, संयुक्त सचिव (बीज) द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि सरकार पंचायत स्तर पर बीज परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित करने के लिए काम कर रही है.