सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण- शासन के 8 साल
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बीते 8 साल में सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण सरकार का प्रमुख फोकस रहा है
गरीबों की सेवा, हाशिए पर रह रहे लोगों की सुरक्षा, किसानों का कल्याण सुनिश्चित करने, जीवन की सुगमता बढ़ाने, बुनियादी ढांचे और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार, राष्ट्रीय सुरक्षा में सुधार, युवाओं के नेतृत्व में प्रौद्योगिकी प्रेरित विकास को बढ़ावा देने और व्यवसाय को सुगम बनाने के लिए विकास की पहलें शुरू की गईं।
माईगव ने सरकार के 8 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में सबका विकास महा प्रश्नोत्तरी लंच की
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने जन-केंद्रित शासन की ओर एक आदर्श बदलाव देखा है। सरकार के पिछले 8 साल प्रधानमंत्री के मंत्र ’रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म’ अर्थात “सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन पर आधारित रहे हैं। लाभ के अंतिम छोर तक सुपुर्दगी में सुधार लाने और देशभर में विकास के नतीजों को बढ़ाने के लिए सभी क्षेत्रों में ऐतिहासिक नीतियों और पहलों को लागू किया गया है।
नीतियों में बुनियादी ढांचे में सुधार, स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार, किसानों के कल्याण को सुनिश्चित करने और हाशिए पर रहने वालों की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसके अलावा, भारत ने युवाओं की अगुवाई में प्रौद्योगिकी प्रेरित विकास में अभूतपूर्व प्रगति की है और देश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस यानी व्यवसाय को आसान बनाने को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से अनेक सुधार किए गए हैं। एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देना और राष्ट्र के दूर-दराज के इलाकों के विकास के लिए की जा रही पहलों को लागू करना है। इसके अतिरिक्त, महिला केंद्रित नीतियों ने रक्षा जैसे क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने में प्रमुख भूमिका निभाई है।
पहले दिन से गरीब हितैषी पहल-‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ का नारा वंचितों के जीवन में सुधार लाने के उद्देश्य से नीतियों की आधारशिला बन गया। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, पीएम स्वनिधि योजना, जल जीवन मिशन, स्वच्छ भारत अभियान जैसी योजनाएं सभी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने और गरीबों के जीवन स्तर में सुधार लाने में सहायक रही हैं। पीएम जन धन योजना के तहत 45 करोड़ से अधिक लोगों को औपचारिक बैंकिंग क्षेत्र में लाया गया, जिससे लाभार्थियों को 22.6 लाख करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) प्राप्त हुआ।
इसके अलावा, कोविड की शुरुआत के साथ जब देश में लॉकडाउन हुआ तब पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना जैसी सरकारी योजनाओं के तहत 80 करोड़ से अधिक वंचित लोगों को मुफ्त राशन का वितरण किया गया। वहीं, पीएम किसान जैसी पहल देशभर में 11 करोड़ से अधिक किसानों को हर साल 6,000 रुपये प्रदान करके कृषि क्षेत्र को मजबूत करने में परिवर्तनकारी रही है। पीएम फसल बीमा योजना के तहत बीमा दावों के लिए 1.2 लाख करोड़ रुपये का वितरण किया गया है और खेत से बाजार तक लॉजिस्टिक्स में सुधार के लिए 167 किसान रेल मार्गों का परिचालन किया गया है।
सबके लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवा – कोविड-19 का प्रकोप पूरी दुनिया के लिए एक अभूतपूर्व स्थिति थी। चिकित्सा सुविधाओं पर भारी बोझ के बावजूद, भारत ने महामारी का सामना केंद्रित व सक्षमतापूर्वक किया है। सरकार के संयुक्त प्रयास से भारत दुनिया में सबसे बड़े और सबसे तेज टीकाकरण अभियान का घर बन गया है। महामारी के दौरान, कई ऑक्सीजन संयंत्रों का उद्घाटन और पीपीई निर्माण क्षमता को शून्य से बढ़ाकर दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुविधाओं में भी शामिल किया गया। टीकाकरण देश के दूर-दराज के हिस्सों तक हो सके, यह सुनिश्चित करने के लिए ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया गया और दुनिया में पहली बार पूरे टीकाकरण अभियान को डिजिटल किया गया।
इसके अलावा, स्वास्थ्य सेवा को आर्थिक विकास के एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में देखते हुए सरकार ने दुनिया की सबसे बड़ी बीमा कवरेज योजना- आयुष्मान भारत योजना शुरू की, जिसमें 3.26 करोड़ नागरिकों ने मुफ्त चिकित्सा उपचार का लाभ उठाया। सस्ती दवाओं की उपलब्धता बढ़ाने के लिए देश में 8,700 से अधिक जनऔषधि केंद्र स्थापित किए गए जो दवा की लागत में 50-90 फीसदी की बचत करने में मददगार हैं। इसके अतिरिक्त, देशभर में स्वास्थ्य सेवा वितरण की बढ़ती पैठ की आवश्यकता को स्वीकार करते हुए सरकार ने 6 नए एम्स चालू किए और देश में मेडिकल कॉलेजों में 55 फीसदी की वृद्धि की।
ईज ऑफ लिविंग के लिए बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर – सरकार ने पिछले 8 वर्षों में देश में जीवन को सुगम बनाने के लिए भी समर्पित रूप से काम किया है। देश में अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी बढ़ाने पर केंद्रित बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देने के साथ दूर-दराज के क्षेत्रों में भी उस तरह का विकास किया गया जैसा पहले कभी नहीं हुआ था। अटल सुरंग, बोगीबील ब्रिज और सिक्किम तथा त्रिपुरा में हवाई अड्डे जैसी परियोजनाएं, सब उपर्युक्त प्रगति के मिसाल हैं।
इसके अलावा, जीएसटी जैसे ऐतिहासिक सुधारों ने परिवारों को उनके मासिक खर्च का 4 फीसदी तक बचाने में मदद करके करदाताओं का बोझ कम किया है। डिजिटल इंडिया पहल के माध्यम से डिजिटलीकरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए, कर दाखिल करने, बीमा दावों और सरकारी कागजी कार्रवाई जैसी प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित एवं सरल बनाया गया है। यह देश में डिजिटल उपयोगकर्ताओं की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि के माध्यम से ही संभव हुआ है।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस – जहां वैश्विक व्यापार सुस्त रहा, वहीं भारत में एफडीआई में वृद्धि हुई। वित्त वर्ष 2011-22 में 83 अरब अमरीकी डालर का अब तक का सबसे अधिक एफडीआई देश में निवेशक और व्यापार के अनुकूल नीतियों के लिए एक वसीयतनामा था।
उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाएं, प्लग एंड प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास, दुनिया में सबसे कम कॉर्पोरेट टैक्स दरों में से एक और फास्ट ट्रैकिंग निवेश के लिए राष्ट्रीय एकल खिड़की, देश में एफडीआई बढ़ाने में योगदान देने वाली कई पहलों में शुमार हैं।
इसके अलावा, तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम के रूप में, भारत ने 100 यूनिकॉर्न और 70,000 से अधिक मान्यता प्राप्त स्टार्टअप का उद्भव देखा। सरकार ने देश में शैक्षिक सुविधाओं में वृद्धि और सुधार करके भारत में जनसांख्यिकीय लाभांश का लाभ उठाने पर भी ध्यान केंद्रित किया। हर हफ्ते एक विश्वविद्यालय खुलने और हर साल एक नया आईआईटी और आईआईएम चालू होने के साथ देश के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है।
भारत अब तेजी से एक महाशक्ति बनने की राह पर अग्रसर है, जहां उसकी आवाज सुनी जाती है और जहां उसे एक समान भागीदार के रूप में देखा जाता है। विकास की अनेक पहलों के माध्यम से हम भारत की क्षमता को उजागर कर रहे हैं और जनता के नेतृत्व वाले शासन एवं समृद्धि का देश बना रहे हैं।
सरकार की 8 साल की ऐतिहासिक उपलब्धियों को याद करने के लिए माईगव (MyGov) ने सबका विकास महा प्रश्नोत्तरी भी शुरू की है जो नागरिकों को देश में हो रहे विकास के संबंध में हिस्सा लेने, खेलने और सीखने में सक्षम बनाएगी। प्रश्नोत्तरी के बारे में अधिक जानने के लिए https://www.mygov.in/ पर जाएं।