भारत का लक्ष्य समुद्री उत्पाद निर्यात को दोगुना कर अगले पांच वर्षों के भीतर एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाना है : पीयूष गोयल
केंद्रीय मंत्री ने मछुआरों, व्यापारियों और निर्यातकों को भारत को समुद्री खाद्य प्रसंस्करण का केंद्र बनाने में मदद करने के लिए प्रोत्साहित किया
“यूरोपीय संघ के साथ एफटीए वार्ता इस महीने की 17 तारीख को ब्रसेल्स में शुरू होगी”: श्री गोयल
श्री गोयल ने कोच्चि में मछुआरों और समुद्री खाद्य निर्यातकों के साथ बातचीत की, हितधारकों के साथ रबड़ और मसाला बोर्ड के प्रदर्शन की भी समीक्षा की
केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज कोच्चि में कहा कि भारत का लक्ष्य अगले पांच साल के भीतर समुद्री उत्पाद निर्यात को मौजूदा 50,000 करोड़ से दोगुना कर एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाना है।
श्री गोयल ने समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एमपीईडीए), कोच्चि में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि, “यह लक्ष्य अनवरत मछली पकड़ने, गुणवत्ता और विविधता सुनिश्चित करने, तटीय शिपिंग और मछली पालन को बढ़ावा देने और संपूर्ण मत्स्य पालन परितंत्र को सहयोग देकर प्राप्त किया जाएगा।” एमपीईडीए के अध्यक्ष श्री के. एन. राघवन ने 1 लाख करोड़ रुपये के निर्यात कारोबार को हासिल करने के लिए एक रोड मैप पेश किया।
श्री गोयल ने कहा कि यूएई और ऑस्ट्रेलिया के साथ मुक्त व्यापार समझौतों को अंतिम रूप दे दिया गया है, जबकि यूके और कनाडा के साथ इस तरह के समझौते के लिए बातचीत जारी है। उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) करने के लिए बातचीत इस महीने की 17 तारीख को ब्रुसेल्स में शुरू होगी। उन्होंने कहा कि देश के निर्यातकों के लिए नए बाजार और नए अवसर उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है और इसके परिणामस्वरूप मछुआरों को बेहतर भविष्य भी मिलेगा। उन्होंने एमपीईडीए कार्यालय को कोच्चि से स्थानांतरित करने की संभावना से भी इनकार किया।
इससे पहले केंद्रीय मंत्री श्री गोयल ने एमपीईडीए में भारतीय समुद्री खाद्य निर्यातक संघ (एसईएआई) के साथ बातचीत की और इस क्षेत्र के विभिन्न मुद्दों, चुनौतियों और समाधानों पर व्यापक चर्चा की। उन्होंने केरल, तमिल नाडु, पुडुचेरी और कर्नाटक के मछुआरों से भी मुलाकात की। उन्होंने मूल्यवर्धन के लिए कच्चे माल के आयात में आने वाली बाधाओं को कम करने के लिए मंत्रालय की ओर से मदद का आश्वासन दिया ताकि निकट भविष्य में भारत को समुद्री खाद्य प्रसंस्करण का केंद्र बनाया जा सके। श्री गोयल ने निर्यातकों से मछुआरों को मछली पकड़ने में टिकाऊ उपायों का पालन करने के लिए शिक्षित करने, सहायता करने और प्रोत्साहित करने और मछली पकड़ने की गुणवत्ता को बनाए रखने का भी आग्रह किया ताकि बेहतर परिणाम मिल सके। उन्होंने कहा कि विदेशों में भारतीय मिशन निर्यातकों को अपने व्यापार का विस्तार करने में मदद करने के लिए तैयार हैं।
केंद्रीय मंत्री ने एमपीईडीए में रबर क्षेत्र के हितधारकों के साथ भी चर्चा की। उन्होंने इस क्षेत्र के और विकास के लिए सरकार की तरफ से मदद का आश्वासन दिया और सभी हितधारकों से भारत को रबर में आत्म-निर्भर बनाने की दिशा में काम करने का आह्वान किया। उन्होंने देश में रबर के उत्पादन और खपत के बीच की खाई को पाटने के लिए उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि की आवश्यकता पर जोर दिया। रबर बोर्ड के कार्यकारी अधिकारी श्री के. एन. राघवन ने भारत को रबर उत्पादन में आत्म-निर्भर बनाने के लिए रोड मैप प्रस्तुत किया।
इसके बाद श्री गोयल ने कोच्चि में मसाला बोर्ड कार्यालय पहुंचे और विभिन्न हितधारकों के साथ बातचीत की। मसालों और उनके निर्यात से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। केंद्रीय मंत्री ने हितधारकों से अनवरत विकास के लिए गुणवत्ता और मूल्य पर भरोसा करने का आग्रह किया। इस अवसर पर मसाला बोर्ड के अध्यक्ष श्री ए. जी. थैंकप्पन और इसके सचिव श्री डी. सत्यन उपस्थित थे।