ओडिशा के 50 विद्यार्थियों ने एक भारत श्रेष्ठ भारत आजादी का अमृत महोत्सव विद्यार्थी आदान-प्रदान कार्यक्रम के अंतर्गत महाराष्ट्र का दौरा किया
महाराष्ट्र की भाषा, संस्कृति, परंपराओं, संगीत, सिनेमा, व्यंजनों, वनस्पतियों/जीवों और वैज्ञानिक योगदान के बारे में जानकारी से समृद्ध होने के बाद ओडिशा के विद्यार्थी वापस लौटे
ओडिशा के 50 विद्यार्थियों ने हाल ही में एक भारत श्रेष्ठ भारत आजादी का अमृत महोत्सव विद्यार्थी आदान-प्रदान कार्यक्रम के अंतर्गत महाराष्ट्र की अपनी 5 दिवसीय यात्रा पूरी की। आदान-प्रदान कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यार्थी 29 जून को मुंबई पहुंचे। आदान-प्रदान कार्यक्रम को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और शिक्षा मंत्रालय द्वारा प्रायोजित किया गया था।
ठाकुर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, मुंबई द्वारा ओडिशा के 50 विद्यार्थियों के समूह की मेजबानी की गई और उन्हें महाराष्ट्र की भाषा, संस्कृति, परंपराओं, संगीत, भोजन आदि के बारे में जानकारी प्राप्त करने का अवसर प्रदान किया।
ओडिशा की टीम का गर्मजोशी से स्वागत किया गया और महाराष्ट्र के पसंदीदा व्यंजनों जैसे पूरन पोली, कोथिम्बीर वडी, मिसल पाव और कांदा-पोहा के साथ परोसा गया। इसके अलावा, ठाकुर इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट के पेस्ट्री शेफ द्वारा लाइव केक मेकिंग वर्कशॉप का प्रदर्शन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों ने काफी रुचि दिखाई।
भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों ने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के विभिन्न स्थानों की खोज की। उन्होंने प्रसिद्ध गेटवे ऑफ इंडिया, छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय और राष्ट्रीय आधुनिक कला दीर्घा का दौरा किया। वास्तु संग्रहालय को पूर्व में प्रिंस ऑफ वेल्स संग्रहालय के रूप में जाना जाता था। इस वास्तु संग्रहालय में मुगल साम्राज्य युग, सिंधु घाटी सभ्यता, और अन्य महाद्वीपों के साथ मुंबई के व्यापार संबंधों के प्रदर्शन के कई अवशेष, कलाकृतियां और शिल्पकृतियां मौजूद हैं।
राज्य की वनस्पतियों और जीवों का अनुभव प्राप्त करने के लिए, विद्यार्थियों ने संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान का दौरा किया, जिसे दुनिया में कहीं भी सबसे बड़ा उष्णकटिबंधीय वन होने का अनूठा गौरव प्राप्त है, जो पूरी तरह से शहरी फैलाव से घिरा हुआ है। पार्क में, विद्यार्थियों को कन्हेरी गुफाओं का दौरा करने का भी मौका मिला, जिसमें लगभग 100 गुफाएं हैं जो कला और वास्तुकला की अनूठी बौद्ध शैली को प्रदर्शित करती हैं।
मुंबई, जो भारत की मनोरंजन राजधानी और बॉलीवुड का केंद्र है, विद्यार्थियों ने महालक्ष्मी में भारतीय सिनेमा के राष्ट्रीय संग्रहालय का दौरा किया। विद्यार्थियों ने वर्ली में नेहरू विज्ञान केंद्र और गिरगांव व्यूइंग डेक भी देखा। इससे पहले, विद्यार्थियों ने एआर वीआर प्रौद्योगिकी का अनुभव करने के लिए ठाकुर इंस्टीट्यूट ऑफ एविएशन टेक्नोलॉजी और ठाकुर इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट का दौरा किया।
अपनी यात्रा के अंतिम दिन, ओडिशा के विद्यार्थियों ने टीसीईटी के स्वयंसेवकों के साथ बोरीवली में ग्लोबल विपश्यना पगोडा का दौरा किया। इसके बाद एक समापन समारोह आयोजित किया गया था, जिसे विद्यार्थियों द्वारा ओडिसी और भरतनाट्यम नृत्य जैसे सांस्कृतिक प्रदर्शनों द्वारा मनाया गया था।
प्रवास के दौरान, दोनों राज्यों के विद्यार्थियों को परंपराओं, संस्कृति, जीवन शैली, शिक्षा आदि पर विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर मिला। वे इनडोर और आउटडोर गतिविधियों, मजेदार खेलों और मैत्रीपूर्ण मैचों में भी शामिल हुए।
ठाकुर इंस्टीट्यूट ऑफ एविएशन इंजीनियरिंग में मॉक अप का उपयोग करके छात्र उड़ान नियंत्रण को सीखते हुए।
एक भारत श्रेष्ठ भारत आजादी का अमृत महोत्सव विद्यार्थी आदान-प्रदान कार्यक्रम में भाग लेने वाले छात्र-छात्राएं अपनी यात्रा में रुचि और उत्साह से भरे हुए थे। जीआईईटी विश्वविद्यालय गुनुपुर की छात्रा अनन्या राय ने कहा कि यात्रा के बाद ही हमने महसूस किया कि मुंबई पुरानी और आधुनिक सभ्यता का एक अनूठा मिश्रण है, शहर हर पल बढ़ रहा है लेकिन फिर भी वे अपने अमूल्य इतिहास को खूबसूरती से संरक्षित रखने में कामयाब रहे। मैं कहूंगी कि यह पांच दिवसीय कार्यक्रम पूरी तरह सफल रहा। एक अन्य छात्र आशुतोष बिस्वाल ने कहा कि यात्रा में 5 दिनों का दौरा शामिल है जिसमें हमें इसके इतिहास, परंपरा, परिधान, भोजन, विरासत, संस्कृति, भाषा आदि के बारे में जानकारी मिलती है। महाराष्ट्र के बारे में पूरा ज्ञान प्राप्त करना मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण अनुभव था। उन्होंने कहा कि यहां नए दोस्त बनाने का अवसर सबसे अच्छा हिस्सा है।
एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की जोड़ी की अवधारणा के माध्यम से विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लोगों के बीच परस्पर समझ को बढ़ावा देना और आपसी जानकारी को साझा करने की प्रक्रिया बढ़ावा देना है। राज्य भाषा सीखने, संस्कृति, परंपराओं और संगीत, पर्यटन व व्यंजन, खेल और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने आदि के क्षेत्रों में एक निरंतर और संरचित सांस्कृतिक जुड़ाव को बढ़ावा देने के लिए गतिविधियां करते हैं।