एनएमसीजी ने दिल्ली में यमुना नदी के 7 घाटों पर स्वच्छ यमुना अभियान का आयोजन किया
स्वच्छता अभियान का उद्देश्य बेहतर और दीर्घकालिक भविष्य के लिए नदियों को स्वच्छ रखने के महत्व पर जागरूकता पैदा करना है
यमुना नदी के लिए चल रहे जागरूकता अभियान के तहत आज राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) और गैर-सरकारी संगठनों के एक समूह ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना नदी के 7 घाटों पर स्वच्छता अभियान चलाया। यमुना नदी के कालिंदी कुंज, निगमबोध घाट, सिग्नेचर ब्रिज, सोनिया विहार पुश्ता 1, ठोकर#17 सुंगरपुर, ठोकर #18 गांधी नगर और ठोकर #21 गांधी नगर सहित इन 7घाटों पर आयोजित श्रमदान गतिविधियों में स्कूली छात्रों ने भाग लिया। आज सुबह साढे सात बजे से शुरू स्वच्छता अभियान में दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के अधिकारी बड़ी संख्या में शामिल हुए।
स्वच्छता अभियान का हिस्सा रहे गैर-सरकारी संगठनों में भारतीयम, रोटरी मंथन, अर्थ वॉरियर्स, युवा परिवर्तन फाउंडेशन, एसवाईए आदि शामिल हैं। यह हर महीने के चौथे शनिवार को आयोजित एक नियमित गतिविधि है।
एनएमसीजी के कार्यकारी निदेशक (तकनीकी) श्री डी. पी. मथुरिया ने इस कार्यक्रम में भाग लिया और बेहतर तथा दीर्घकालिक भविष्य के लिए हमारी नदियों को साफ रखने के महत्व पर हितधारकों, विशेष रूप से छोटे बच्चों के साथ बातचीत की। उन्होंने प्रतिभागियों को स्वच्छ यमुना आंदोलन का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित किया जो लगातार तेजी पकड़ रहा है।
गंगा नदी की सहायक नदियों, विशेष रूप से यमुना, की सफाई नमामि गंगे कार्यक्रम के फोकस क्षेत्रों में से एक है। जहां नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत निर्मित कोरोनेशन पिलर पर 318 एमएलडी एसटीपी मार्च में चालू किया गया था वहीं, एनएमसीजी से वित्त पोषित यमुना नदी पर 3 अन्य मुख्य एसटीपी को दिसंबर 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें रिठाला, कोंडली और ओखला शामिल हैं जो एशिया में सबसे बड़े एसटीपी में से एक है। इससे नालों के गंदे पानी को यमुना में गिरने से रोकने में मदद मिलेगी। यमुना नदी में प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली में नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 1385 एमएलडी दूषित पानी के उपचार के लिए लगभग 2354 करोड़ रुपये की कुल 12 परियोजनाएं चलाई जा रही हैं।