केंद्रीय मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने डीपीडी की तीन पुस्तकों का विमोचन किया; राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पुस्तकों की पहली प्रतियां भेंट की
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने आज प्रकाशन विभाग निदेशालय द्वारा प्रकाशित तीन पुस्तकों का विमोचन किया। विमोचन के बाद मंत्री महोदय ने उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडु, निर्वाचित राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में इन पुस्तकों की पहली प्रति भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद को भेंट की। ये तीन पुस्तकें हैं:
1. मूड्स, मूमेंट्स एंड मेमोरीज़- फॉर्मर प्रेज़िडेंट्स ऑफ इंडिया (1950-2017) अ विजुअल हिस्ट्री
2. फर्स्ट सिटीज़न – पिक्टोरियल रिकॉर्ड ऑफ प्रेज़िडेंट रामनाथ कोविंद्स टर्म
3. इंटरप्रिटिंग जियोमेट्रीज़ – फ्लोरिंग ऑफ राष्ट्रपति भवन
इनमें पहली पुस्तक में एक सचित्र इतिहास है जिसमें डॉ. राजेंद्र प्रसाद से लेकर श्री प्रणब मुखर्जी तक भारत के सभी राष्ट्रपतियों को शामिल किया गया है। इसमें राष्ट्रपति भवन के अभिलेखागार से प्राप्त दुर्लभ तस्वीरें हैं। ये तस्वीरें इस ऐतिहासिक भवन में हमारे राष्ट्रपतियों के व्यक्तिगत और सार्वजनिक दोनों जीवन के कुछ अनूठे पहलुओं को उजागर करती हैं।
दूसरी पुस्तक राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद के कार्यकाल को समर्पित है। इसमें श्री कोविंद के गांव और उनके स्कूल के दिनों की दुर्लभ तस्वीरें हैं। ये उनके गांव से राष्ट्रपति भवन तक की इस यात्रा को बताती है। ये पुस्तक पाठकों को बताती है कि कैसे एक चुनौतीपूर्ण पृष्ठभूमि से आया लड़का भारत में सर्वोच्च पद पर आसीन हुआ।
तीसरी पुस्तक चंडीगढ़ कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर द्वारा तैयार की गई एक सचित्र पुस्तक है और इसमें राष्ट्रपति भवन के ऐतिहासिक और अपने आप में अनूठे फर्श का जिक्र है। इसे बहुत ही अनूठे, दोहराव वाले रूपांकनों और दुर्लभ पत्थरों के डिजाइन व इस्तेमाल के साथ दिखाया गया है। ज्यामितीय पृष्ठभूमि पर उभरे हुए फ्लोरल पैटर्न्स का खास अध्ययन किया गया है। ये पुस्तक उन कारीगरों की उच्चतम कारीगरी को प्रदर्शित करती है जिन्होंने इस निवास को बनाने के लिए 18 वर्षों तक अथक परिश्रम किया। राष्ट्रपति भवन के फर्शों पर की गई इतनी बारीक डिजाइन, जो एक दूसरे से बिल्कुल अलग हैं, ये इस पुस्तक को एक संग्रह करने लायक चीज बनाती हैं।
इस मंत्रालय के प्रकाशन विभाग द्वारा प्रकाशित इन 3 खंडों के आने के बाद भारत के राष्ट्रपतियों और उनके इस ऐतिहासिक निवास के बारे में पुस्तकों की कुल संख्या अब 17 हो गई है।
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