सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया
डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा यह संयुक्त पहल ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को समाज में अधिकार और सम्मान प्रदान करेगा
वंचित समुदाय सरकार और समाज के सहयोग से सम्मान और आत्मनिर्भरता के साथ विकास कर सकता है- डॉ. मनसुख मांडविया
समझौता ज्ञापन के अंतर्गत ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को आयुष्मान भारत- पीएमजेएवाई के अंतर्गत व्यापक स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त होंगी
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को आयुष्मान भारत- पीएमजेएवाई के अंतर्गत एक व्यापक चिकित्सा पैकेज उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के साथ नई दिल्ली के डॉ. अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर श्री आर. सुब्रह्मण्यम, सचिव, सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय और डॉ. आर.एस शर्मा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री, डॉ. वीरेंद्र कुमार और केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री, डॉ. मनसुख मांडविया की उपस्थिति में किया गया।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि यह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और समाज कल्याण और अधिकारिता मंत्रालय की एक संयुक्त पहल है जो देश में अपने प्रकार का पहला है और यह हमारे समाज को न केवल एक नई दिशा प्रदान करेगा, बल्कि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को समाज में उचित और सम्मानजनक स्थान भी प्रदान करेगा।
मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की “आयुष्मान भारत योजना” के साथ स्माइल योजना को लिंक करते हुए इस चिकित्सा स्वास्थ्य पैकेज के अंतर्गत ट्रांसजेंडर समाज को एक विशेष “आयुष्मान भारत टीजी प्लस” कार्ड प्रदान किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत मुफ्त में 50 से ज्यादा स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। उभयलिंगी समाज के हित में एक कदम आगे बढ़ते हुए इस कार्ड के अंतर्गत कॉस्मेटिक सर्जरी का भी प्रावधान किया गया है। भारत विश्व में पहला ऐसा देश होगा जहां सरकारी योजना के अंतर्गत ट्रांसजेंडर समुदाय को कॉस्मेटिक सर्जरी जैसी मुफ्त सुविधाएं प्रदान की जा रही है। इसके साथ ही, भारत के किसी भी राज्य और किसी भी भाग में ट्रांसजेंडर समाज का व्यक्ति आयुष्मान भारत से जुड़े किसी भी अस्पताल में इस कार्ड का लाभ प्राप्त कर सकेगा।
डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय समाज के प्रत्येक शोषित और वंचित वर्ग को मुख्यधारा में लाने के लिए अपने ‘अंत्योदय’ वाले सपने को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध थे और इसी दिशा में इस एमओयू पर हस्ताक्षर किया जा रहा है। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की यह संयुक्त पहल हमारे समाज को न केवल एक नई दिशा देगी बल्कि ट्रांसजेंडर समाज को भी उसका उचित और सम्मानजनक स्थान प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार पांच आश्वासनों के लिए कदम उठाते हुए समाज में बदलाव लाने के लिए समर्पित है: शिक्षा, गरिमापूर्ण जीवन, स्वास्थ्य सहायता, आजीविका के अवसर और कौशल विकास।
इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री, डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि सरकार न केवल ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों को मान्यता देने के लिए निर्णायक रूप से काम कर रही है, बल्कि उनके कल्याण के लिए विभिन्न कदम भी उठाए गए हैं। उन्होंने सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए कई प्रकार की पहल करने के लिए बधाई दी, चाहे वह “ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019” हो या गरिमा गृह, पीएम दक्ष कार्यक्रम या हाल की अन्य पहल/योजनाएं हों।
डॉ. मांडविया ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) और सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (एमओएसजेई) के बीच हस्ताक्षरित आज का समझौता ज्ञापन पूरे देश में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए राष्ट्रीय पोर्टल द्वारा जारी ट्रांसजेंडर प्रमाण पत्र रखने वाले) को सभी स्वास्थ्य लाभ प्रदान करेगा। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय प्रति वर्ष प्रत्येक ट्रांसजेंडर लाभार्थी को 5 लाख रुपये का बीमा कवर प्रदान करेगा। ट्रांसजेंडर श्रेणी के लिए एक व्यापक पैकेज मास्टर तैयार किया जा रहा है, जिसमें मौजूदा एबी पीएम-जेएवाई पैकेज और ट्रांसजेंडरों के लिए विशिष्ट पैकेज (सेक्स रीअसाइनमेंट सर्जरी (एसआरएस) एंड ट्रीटमेंट) शामिल है। वे पूरे देश में एबी पीएम-जेएवाई सूचीबद्ध अस्पतालों में इलाज करवाने के पात्र होंगे, जहां पर विशिष्ट पैकेज उपलब्ध हैं। इस योजना के अंतर्गत उन सभी ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को कवर किया जाएगा जो अन्य केंद्र/राज्य द्वारा प्रायोजित इस तरह की योजनाओं का लाभ प्राप्त नहीं कर रहे हैं।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ट्रांसजेंडर समाज के व्यक्तियों को केंद्रीय स्तर पर पंजीकृत करते हुए उन्हें पहचान पत्र उपलब्ध करा रहा है, छात्रवृत्ति का प्रावधान किया गया है, ट्रांसजेंडर संरक्षण प्रकोष्ठ स्थापित किया जा रहा है, कौशल विकास कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं और साथ ही साथ इस समाज के व्यक्तियों के लिए “व्यापक चिकित्सा स्वास्थ्य पैकेज” का भी प्रावधान किया गया है।
इस अवसर पर दोनों मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी और ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्य भी उपस्थित हुए।