डीआरआई ने हरियाणा के आईसीडी पलवल में 6 करोड़ रुपये मूल्य के 10,230 किलो लाल चंदन जब्त किए
राष्ट्र के प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) ने 16 सितंबर, 2022 को एक और सफल ऑपरेशन के तहत सिंगापुर के लिए निर्यात की जाने वाली निर्यात खेप से अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनुमानित 6 करोड़ रुपये के 10.230 मीट्रिक टन रेड सैंडर्स (लाल चंदन) जब्त किए हैं।
डीआरआई की दिल्ली क्षेत्रीय इकाई (डीजेडयू) ने खुफिया जानकारी प्राप्त की थी कि लाल चंदन के लट्ठे को देश से बाहर तस्करी के लिए “स्टेटिक कन्वर्टर/रेक्टिफायर और वायर हार्नेस केबल” रखने के लिए निश्चित किए गए निर्यात खेप में छिपाया गया है।
उपरोक्त खुफिया जानकारी के आधार पर डीआरआई के दिल्ली क्षेत्रीय इकाई ने पलवल स्थित आईसीडी में एक निर्यात से संबंधित उस कंटेनर को रोका, जिसे पत्तन सीमा शुल्क द्वारा बंदरगाह पर कस्टोडियन द्वारा संदिग्ध सूचित किया गया था।
सीमा शुल्क विभाग के साथ मिलकर डीआरआई अधिकारियों ने इस कंटेनर की जांच में 10.23 मीट्रिक टन रेड सैंडर्स के लट्ठे को जब्त किया, जो कि सीआईटीईएस (वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन) में दर्ज है और इसके निर्यात पर प्रतिबंध है।
इस कंटेनर को नोएडा एसईजेड आधारित इकाई की ओर से निर्यात किए भेजा गया था। इससे पहले डीआरआई इसी तरह की कार्यप्रणाली को उजागर किया था। डीआरआई ने प्रारंभिक पूछताछ कर इसकी जानकारी दी कि उक्त निर्यात के लिए उपयोग किए जाने वाले दस्तावेज नकली हैं और इसमें हेरा-फेरी की गई है। यहां तक कि कंटेनर के परिवहन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ट्रक के पंजीकरण में भी जालसाजी की गई। सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 के तहत ट्रक के साथ लगभग 6 करोड़ रुपये मूल्य के 10.23 मीट्रिक टन रेड सैंडर्स के लट्ठे जब्त किए गए हैं। इस मामले में आगे की जांच की जा रही है।
डीआरआई ने नवंबर, 2021 के बाद से 11 घटनाओं में 110.26 मीट्रिक टन लाल चंदन की जब्ती की है। डीआरआई भारत की आर्थिक सीमाओं से समझौता करने और उसकी समृद्ध प्राकृतिक विरासत का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ अपनी अथक कार्रवाई जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है।