श्री पीयूष गोयल ने सेवा क्षेत्र से वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने के लिए प्राकृतिक लाभों का उपयोग करने और ताकत के क्षेत्रों की पहचान करने को कहा
सेवा क्षेत्र का निर्यात अपने लक्ष्य के अनुरुप निष्पादन कर रहा है तथा उसमें और भी बेहतर करने की असीम संभावनाएं हैं : श्री पीयूष गोयल
आगामी वित्त वर्ष के साथ-साथ आने वाली नई विदेश व्यापार नीति निर्यात संवर्धन परिषदों तथा अन्य हितधारकों के अनुरोध पर स्थगित कर दी गई थी
सरकार गैर-घुसपैठी सुगमकर्ता की भूमिका का निर्वाह करने के लिए संवादहीनता को तोड़ेगी तथा सभी हितधारकों के साथ काम करेगी : श्री पीयूष गोयल
एफटीए बातचीत सेवा क्षेत्र के लिए व्यापक बाजार पहुंच प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है : श्री पीयूष गोयल
श्री गोयल ने सेवा निर्यातकों से दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका में बिना दोहन किए गए बाजारों की खोज करने पर विचार करने को कहा
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने सेवा क्षेत्र को निर्यात में उसके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बधाई दी और सभी हितधारकों से हमारे देश के प्राकृतिक प्रतिस्पर्धी लाभों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। वह सेवा निर्यात संवर्धन परिषद (एसईपीसी) के India@2047: सेवा क्षेत्र निर्यात रणनीति ‘उच्चतर शिक्षा का कौशल निर्माण तथा अंतर्राष्ट्रीयकरण’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
भारत को औपनिवेशिक मानसिकता से बाहर निकलने की आवश्यकता पर बल देते हुए, जैसा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस अभिभाषण में परिकल्पना की थी, श्री गोयल ने कहा कि अगर राष्ट्र को प्रगति करनी है तो उसे अपनी क्षमताओं का लाभ उठाना चाहिए और आत्मविश्वास के साथ काम करना चाहिए।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि सब्सिडी उद्योग को गैर प्रतिस्पर्धी बनाती है और यह भी बताया कि सब्सिडियों पर सरकार की रणनीति निर्धनों तथा जरुरतमंदों पर केंद्रित थी। उन्होंने एसईपीसी से महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को लगातार आगे बढ़ाते रहने का आग्रह किया तथा कहा कि ये लक्ष्य छोटी सब्सिडी और प्रोत्साहनों से प्रभावित नहीं होते हैं।
भारत की एलईडी लाइटिंग क्रांति का उदाहरण देते हुए श्री गोयल ने कहा कि इस पहल की सफलता सुनिश्चित करने के लिए सबसे पहला कदम सब्सिडी को हटाना था। उन्होंने इसके बारे में और विस्तार से जानकारी दी कि किस प्रकार सरकार ने निम्न लागत पर उत्पादन अर्थात परिमाण की अर्थव्यवस्थाओं का उपयोग किया और एलईडी के लिए मांग में बढोतरी की जिससे अंततोगत्वा कीमतों में भारी कमी आई और गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार आया। श्री गोयल ने सेवा क्षेत्र से नवोन्मेषण तथा प्रतिस्पर्धी लाभों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। उन्होंने कहा कि हमें अनिवार्य रूप से पारंपरिक से आगे कदम बढ़ाना चाहिए तथा अपने दृष्टिकोण में आधुनिक, समसामयिक व्यावहारिक होना चाहिए।
विदेश व्यापार नीति की चर्चा करते हुए, जिसका जारी किया जाना स्थगित कर दिया गया है, श्री गोयल ने कहा कि निर्यात संवर्धन परिषदें चाहती थीं कि विदेश व्यापार नीति को अगले वित्त वर्ष के साथ संयोजित कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि वे सरकार के विचार के लिए नई नीति में कुछ पहलुओं को शामिल करने के लिए प्रस्तुतिकरण बनाने के लिए और अधिक समय चाहती थीं। श्री गोयल ने कहा कि सरकार चाहती है कि वह संवादहीनता को तोड़े और ईपीसी तथा अन्य सभी हितधारकों के साथ काम करे तथा एक गैर-घुसपैठी सुगमकर्ता की भूमिका का निर्वाह करे। उन्होंने कहा कि सेवा क्षेत्र ने 350 बिलियन डॉलर के निर्यात का लक्ष्य निर्धारित किया है जिसे वह अर्जित करने की राह पर है। उन्होंने ईपीसी से दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका जैसे नए बाजारों की भी खोज करने पर विचार करने को कहा।
भारत के बढ़ते शिक्षा क्षेत्र की चर्चा करते हुए, श्री गोयल ने कहा कि पांच वर्षों के परामर्शों के परिणामस्वरूप सामने आई नई शिक्षा नीति ने इस क्षेत्र को विश्व के साथ व्यापक जुड़ाव के लिए खोल दिया है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में शीर्ष शैक्षणिक संस्थान विख्यात भारतीय विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग करने, विदेशों में भारतीय विश्वविद्यालयों के परिसरों की मेजबानी करने तथा छात्र विनिमय कार्यक्रमों के साथ जुड़ने के लिए बहुत उत्सुक हैं।
विश्व भर में भारतीय मिशनों को प्रधानमंत्री श्री मोदी के निर्देशों का उल्लेख करते हुए जिसमें उन्होंने 3 टीएस – ट्रेड, टूरिज्म तथा टेक्नोलॉजी पर जोर दिया था, का उल्लेख करते हुए श्री गोयल ने कहा कि भारत के भीतर और बाहर दोनों ही जगह समर्पित प्रयास जारी थे, ऐसे प्रयास जिन्होंने पिछले वर्ष भारत से रिकॉर्ड निर्यात सुनिश्चित किया।
श्री गोयल ने कहा कि भारत के पास कौशल, प्रतिभा और ज्ञान है जे अन्य किसी देश के पास नहीं है और हमारी शिक्षा की उच्च गुणवत्ता को अब वैश्विक रूप से स्वीकार किया जाता है।
उन्होंने कहा कि भारतीय टेक्नोक्रैट दुनिया भर में कई विकसित देशों में नवोन्मेषण, वेंचर कैपिटल, स्टार्टअप्स तथा निवेश के मामले में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। ज्ञान अर्थव्यवस्था जिसका इंटरनेट ऑफ थिंग्स, बिग डाटा, डाटा माइनिंग आदि हिस्सा हैं, की भविष्य की संभावनाओं की ओर इशारा करते हुए, उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ज्ञान अर्थव्यवस्था में भारत की क्षमता अद्वितीय रही है।
श्री गोयल ने कहा कि सरकार सेवा क्षेत्र के सभी हितधारकों के अनुरोधों के प्रति उत्तरदायी है और एफटीए की हमारी सभी बातचीतों में हम सेवा क्षेत्र में अधिक से अधिक बाजार पहुंच प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। वर्तमान में व्याप्त वैश्विक बाधाओं का उल्लेख करते हुए श्री गोयल ने कहा कि भारत हमेशा प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने और उससे सफलतापूर्वक निकल आने के लिए पर्याप्त रूप से लचीला रहा है।