बजट 2022-23 में खेलो इंडिया योजना के आवंटन में 48 प्रतिशत तक की वृद्धि
श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने खेलो इंडिया योजना जारी रखने को मंजूरी देने के लिए प्रधानमंत्री का आभार प्रकट किया
खेलों में व्यापक भागीदारी और उत्कृष्ट प्रदर्शन को बढ़ावा देने के दोहरे उद्देश्यों को प्राप्त करने की दृष्टि से सरकार ने 3165.50 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 15वें वित्त आयोग की अवधि (2021-22 से 2025-26) के दौरान “खेलो इंडिया – खेलों के विकास के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम” योजना को जारी रखने का फैसला किया है।
केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने ‘खेलो इंडिया’ योजना जारी रखने को मंजूरी देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा, “मैं मंत्रालय और सभी हितधारकों की ओर से, प्रधानमंत्री का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने ‘खेलो इंडिया’ योजना की अवधि अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ाने के साथ-साथ बजट 2022 में इसके बजटीय आवंटन में 48 प्रतिशत तक की वृद्धि करके और इसे पीएम पुरस्कार योजना में शामिल करके इसे राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि दिलायी।”
‘खेलो इंडिया’ योजना युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय की प्रमुख केंद्रीय योजना है। इसका उद्देश्य देश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देना और खेलों में उत्कृष्टता प्राप्त करना और इस प्रकार जनता को खेलों की शक्ति के क्रॉस-कटिंग प्रभाव के माध्यम से उसका उपयोग करने का अवसर देना है। खेलो इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत खेल के मैदान का विकास; सामुदायिक प्रशिक्षण का विकास; सामुदायिक खेलों को बढ़ावा देना; स्कूल और विश्वविद्यालय दोनों स्तरों पर ग्रामीण/स्वदेशी खेलों, दिव्यांगजनों के खेलों और महिलाओं के खेलों के लिए एक मजबूत खेल प्रतियोगिता संरचना की स्थापना करना; चुनिंदा विश्वविद्यालयों में खेल उत्कृष्टता केंद्रों का निर्माण करने सहित खेलों की बुनियादी सुविधाओं में मौजूद महत्वपूर्ण खामियों को दूर करना; प्रतिभाओं की पहचान करना और उनका विकास करना; खेल अकादमियों को सहायता देना; स्कूली बच्चों के लिए राष्ट्रीय शारीरिक फिटनेस अभियान; और शांति एवं विकास के लिए खेल का कार्यान्वयन किया जाना शामिल है।
मौजूदा खेलो इंडिया योजना के मूलभूत उद्देश्यों, विज़न और संरचना को बरकरार रखा गया है। हालांकि मौजूदा योजना को लागू करने के साथ-साथ तीसरे पक्ष के मूल्यांकनकर्ता के मूल्यांकन/सिफारिशों के कार्यान्वयन के दौरान इस मंत्रालय के अनुभव के आधार पर योजना के संघटकों को पुनर्व्यवस्थित किया गया है और उन्हें युक्तिसंगत बनाया गया है। ऐसा उनसे मिलते-जुलते बड़े संघटकों के साथ विलय/सम्मिलित करके किया गया है। इस प्रकार मौजूदा बारह संघटकों को निम्नलिखित पांच संघटकों में सम्मिलित किया गया है:-
(i) खेल के बुनियादी ढांचे का निर्माण करना और उन्हें उन्नत बनाना
(ii) खेल प्रतियोगिताएं और प्रतिभा विकास
(iii) खेलो इंडिया सेंटर और खेल अकादमियां
(iv) फिट इंडिया मूवमेंट
(v) खेल के माध्यम से समावेशिता को बढ़ावा देना
मोटे तौर पर इस योजना की अन्य विशेषताओं को स्थापित अच्छी प्रथाओं की निरंतरता और मजबूती के लिए बरकरार रखा गया है। इसके अलावा, योजना को सहायता देने तथा उसकी संरचना और अनुमोदन प्रक्रिया को सरल बनाने के साथ ही साथ अतिरिक्तता और व्यवस्थागत कमियों को दूर करके इसे युक्तिसंगत बनाया गया है। साथ ही, ‘खेलो इंडिया विंटर गेम्स’ को ‘खेल प्रतियोगिताएं और प्रतिभा विकास’ संघटक के तहत शामिल किया गया है। ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ को अलग और समर्पित संघटक के रूप में प्रस्तुत किया गया है।
इस योजना में मुख्य रूप से खिलाडि़यों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर देने के लिए राष्ट्रीय स्तर का मंच बनाने और खिलाडि़यों को तैयार करने तथा वित्तीय सहायता देने के लिए उनकी पहचान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। खेलो इंडिया गेम्स इस प्रयास में अग्रणी रहे हैं। 2017 से 2021 तक, खेलो इंडिया स्कूल एंड यूथ गेम्स के तीन संस्करण, खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का एक संस्करण और खेलो इंडिया विंटर गेम्स के दो संस्करणों का आयोजन करके प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ियों को खेलो इंडिया छात्रवृत्ति जीतने तथा अत्याधुनिक खेल परिसरों में सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षकों द्वारा उच्च स्तरीय प्रतिस्पर्धा के लिए प्रशिक्षण पाने का अवसर दिया गया है। इन खेलों में 20,000 से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया, जिनमें से करीब 3,000 खिलाड़ियों की पहचान खेलो इंडिया एथलीट्स (केआईए) के रूप में की गई है, जो वर्तमान में साई केंद्रों के नए स्वरूप खेलो इंडिया अकादमियों में प्रशिक्षण ले रहे हैं तथा उन्हें प्रशिक्षण, उपकरण, आहार और शिक्षा के लिए सहायता के अलावा प्रतिमाह 10,000 रुपये का आउट ऑफ पॉकेट भत्ता भी दिया जाता है।
खेलो इंडिया योजना से संबद्ध “खेल अवसंरचना का उपयोग और निर्माण/उन्नयन” के तहत खेलों से संबंधित ढांचागत परियोजनाओं के निर्माण के साथ-साथ उनके उन्नयन के लिए सहायता अनुदान भी दिया गया है। इस मंत्रालय ने पिछले 5 वर्षों के दौरान, विभिन्न श्रेणियों के खेलों और खिलाड़ियों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए देश भर में 2,328.39 करोड़ रुपये मूल्य की विभिन्न प्रकार की 282 खेल अवसंरचना परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की है,