पीएमईजीपी योजना के अंतर्गत 3,083 लाभार्थियों के लिए लगभग 300 करोड़ रुपये ऋण स्वीकृत
नई दिल्ली,27 फरवरी। राजस्थान के करौली जिले के हिंडौन सिटी में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में आयोजित एक कार्यक्रम में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष, मनोज कुमार ने राजस्थान के करौली-धौलपुर लोकसभा सांसद डॉ. मनोज राजोरिया की उपस्थिति में आज मधुमक्खी पालकों के बीच मधुमक्खी कॉलोनी सहित 300 मधुमक्खी बक्सों का वितरण किया। उन्होंने पीएमईजीपी परियोजनाओं के लिए 296.19 करोड़ रुपये की स्वीकृत ऋण के साथ-साथ पीएमईजीपी योजना के अंतर्गत 3,083 लाभार्थियों के लिए 100.63 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी भी जारी की, इससे लगभग 25,000 लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।
इस अवसर पर मनोज कुमार, अध्यक्ष, केवीआईसी ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम’ (पीएमईजीपी) खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग द्वारा कार्यान्वित की जाने वाली सरकार की प्रमुख फ्लैगशिप योजना है। उन्होंने कहा कि पीएमईजीपी योजना के अंतर्गत अब तक 8 लाख से ज्यादा परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की गई है, जिसके अंतर्गत 21,000 करोड़ रुपये से ज्यादा ‘मार्जिन मनी सब्सिडी’ का वितरण किया गया है और पूरे देश में 68 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान किए गए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आदर्श वाक्य “नौकरी मांगने वाला बनने के बजाय नौकरी प्रदाता बनें” को दोहराया। उन्होंने कहा कि केवीआईसी देश के कोने-कोने में विभिन्न रोजगारोन्मुखी योजनाएं लागू कर रहा है जिससे रोजगार चाहने वाले युवा अपनी इकाइयां स्थापित कर सकें।
कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा देश में ‘मीठी-क्रांति’ का आह्वान करने के बाद केवीआईसी ने रोजगार के नए अवसर उत्पन्न करने और मधुमक्खी पालकों की आय और किसानों की उपज बढ़ाने के उद्देश्य से हनी मिशन की शुरूआत की है। उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत 17,570 मधुमक्खी पालकों को प्रशिक्षण दिया गया है और मधुमक्खी कॉलोनियों के साथ 1.75 लाख मधुमक्खी बक्से वितरित किए गए हैं।
केवीआईसी अध्यक्ष ने कहा कि ‘कुम्हार सशक्तिकरण योजना’ के अंतर्गत केवीआईसी ने 24,410 कुम्हारों को बिजली से चलने वाले चाक का वितरण किया। इसके अलावा 1,560 अगरबत्ती कारीगरों को उनके कौशल विकास, उत्पाद गुणवत्ता और आय में वृद्धि करने के लिए अगरबत्ती बनाने वाली मशीनों का वितरण किया गया। उन्होंने कहा कि 2014 से प्रधानमंत्री मोदी के संकल्प ने खादी क्षेत्र का अपग्रेडेशन और विकास करते हुए इस क्षेत्र को पुनर्जीवित किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के निरंतर प्रयासों और अथक परिश्रम के कारण खादी ग्रामोद्योग नई ऊंचाइयों पर पहुंचा है। उन्होंने कहा कि इसके कारण खादी ग्रामोद्योग की बिक्री का आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष में 1,15,000 करोड़ रुपये को पार कर गया, जो कि आजादी के बाद पहली बार हुआ।
कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री के समर्पित दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए केवीआईसी ने खादी क्षेत्र में काम करने वाले कारीगरों को ज्यादा मेहनताना देकर उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि हाल ही में एक बार में लगभग 35 प्रतिशत मजदूरी बढ़ाने का निर्णय लिया गया जो अपने आप में एक ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने कहा कि 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद केवीआईसी ने कारीगरों की मजदूरी में अबतक लगभग 150 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की है।
पिछले कुछ वर्षों में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग द्वारा अपने कार्यक्रमों के माध्यम से प्राप्त कुछ उपलब्धियां निम्न प्रकार हैं:
खादी एवं ग्रामोद्योग का उत्पादन लगभग 84,290 करोड़ रुपये और बिक्री लगभग 1,15,415 करोड़ रुपये है, जिसके माध्यम से लाखों लोगों को रोजगार मिला।
गांधी जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर, 2022 को नई दिल्ली के कनॉट प्लेस में केवीआईसी फ्लैगशिप आउटलेट की एक दिन की बिक्री 1.34 करोड़ रुपये से ज्यादा रही, जो कि एक रिकॉर्ड है।
इसी प्रकार, खादी पवेलियन आईआईटीएफ, 2022 में 12.6 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड बिक्री हुई।
केवीआईसी द्वारा इस वर्ष प्रयागराज में आयोजित किए गए माघमेले में 53 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के साथ 5.83 करोड़ रुपये की बिक्री का नया रिकॉर्ड स्थापित किया।
इसी वित्तीय वर्ष में मुंबई में आयोजित “खादी फेस्ट” ने भी 3 करोड़ की बिक्री का नया रिकॉर्ड कायम किया।