एनएसडीसी इंटरनेशनल तथा वी वन डीपी वर्ल्ड के बीच समझौते पर हुए हस्ताक्षर,केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और डीपी वर्ल्ड के अध्यक्ष भी रहे मौजूद

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नई दिल्ली, 3नवंबर। केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दुबई में डीपी वर्ल्ड के ग्रुप चेयरमैन और सीईओ महामहिम सुल्तान अहमद बिन सुलेयम से मुलाकात की। इस अवसर पर दोनों महानुभावों के समक्ष कुशल श्रमशक्ति की दीर्घकालिक भर्ती के लिए एनएसडीसी इंटरनेशनल और डीपी वर्ल्ड की सहायक कंपनी वी वन के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। उन्होंने सहयोग के अवसरों पर भी चर्चा की।

इस अवसर पर प्रधान ने कहा कि यह समझौता वैश्विक प्रतिभा गतिशीलता, कौशल और भारतीय युवाओं को प्रासंगिक विदेशी रोजगार के अवसरों से जोड़ने के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि भारत विविध प्रकार की प्रतिभाओं का भंडार है। प्रधान ने भारत के युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने और उन्हें न केवल भारत के लिए बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के लिए आर्थिक समृद्धि लाने हेतु तैयार करने की प्रतिबद्धता दोहराई। इस अवसर पर संयुक्त अरब अमीरात में भारत के राजदूत  संजय सुधीर और दुबई में भारत के महावाणिज्य दूत श्री सतीश कुमार सिवन, एनएसडीसी के सीईओ श्री वेद मणि तिवारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थिति थे।

एनएसडीसी इंटरनेशनल, वैश्विक कौशल समाधानों के लिए एक प्रवर्तक संस्था है। इसी तरह वी वन, डीपी वर्ल्ड, स्मार्ट एंड-टू-एंड लॉजिस्टिक्स समाधान प्रदान करने में विश्व की अग्रणी संस्था है। दोनों ने आज एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसका उद्देश्य कौशल विकास और रोजगार के अवसरों का समर्थन करना है।

यह हस्ताक्षर कार्यक्रम वाराणसी में स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर को कौशल के लिए उत्कृष्टता के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने हेतु एनएसडीसी इंटरनेशनल और हिंदुस्तान पोर्ट्स (एक डीपी वर्ल्ड कंपनी) के बीच मई 2022 में हुए एक समझौता-ज्ञापन की निरंतरता है। इसके अनुरूप, डीपी वर्ल्ड ने वाराणसी में स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर स्थापित करने के लिए एनएसडीसी के साथ सहयोग किया है, जो कौशल प्रशिक्षण, परामर्श, गतिशीलता, पूर्व-प्रस्थान ओरियंटेशन, विदेशी भाषा प्रशिक्षण, प्लेसमेंट और आव्रजन जैसी सेवाओं के साथ फ्रंट-लाइन कार्यबल प्रदान करता है।
प्रधान ने आज वीएफएस ग्लोबल और ट्रांसवर्ल्ड की टीमों के साथ भी सार्थक बैठक की। उन्होंने भारत के युवाओं को विदेशी अवसरों से जोड़ने, भारत में प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के साथ-साथ कौशल विकास में क्षमता निर्माण के लिए सहयोग पर एक साथ काम करने पर व्यावहारिक बातचीत की सराहना की। उन्होंने कहा कि कौशल, प्रशिक्षुता और रोजगार के अधिक अवसर पैदा करना और हमारे युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने भविष्य सुरक्षित करने, युवाओं को सशक्त बनाने और कौशल परिदृश्य को और अधिक जीवंत बनाने में भारत का सक्रिय भागीदार बनने में वीएफएस ग्लोबल और ट्रांसवर्ल्ड ग्रुप, दोनों की सराहना की।

मंत्री महोदय ने कल संयुक्त अरब अमीरात में कार्यरत सभी 105 सीबीएसई-संबद्ध स्कूलों के प्रधानाचार्यों के साथ बातचीत की। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि ये सभी स्कूल एनईपी 2020 के दृष्टिकोण के अनुरूप कार्य कर रहे हैं और इसे जमीनी स्तर पर लागू कर रहे हैं। श्री प्रधान ने उन तरीकों पर महान अंतर्दृष्टि पर प्रकाश डाला, जिनसे विदेशों में भारतीय स्कूल हमारे छात्रों और शिक्षकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए वैश्विक उत्कृष्ट व्यवहारों को एकीकृत कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि जीसीसी में सीबीएसई से संबद्ध भारतीय स्कूलों में पढ़ने वाले पांच लाख भारतीय छात्रों में से 2.50 लाख से अधिक छात्र संयुक्त अरब अमीरात में हैं। उन्होंने बताया कि इन स्कूलों की लंबे समय से लंबित मांग के मद्देनजर, सीबीएसई इंडिया ने बेहतर प्रशासन और भारतीय प्रवासियों के लाभ के लिए दुबई में एक क्षेत्रीय कार्यालय खोलने का फैसला किया है।

प्रधान ने कहा कि अकादमिक समुदाय और हमारे प्रवासी हमारी संस्कृति, मूल्यों और ज्ञान प्रणालियों के स्थायी राजदूत हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आगे चलकर, शिक्षा दोस्ती का एक प्रमुख स्तंभ होगी और यूएई में हमारे सीबीएसई-संबद्ध स्कूल हमारी भरोसेमंद दोस्ती को और मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

मंत्री महोदय ने ईएफएस फैसिलिटीज सर्विसेज ग्रुप, ग्रुप सीईओ और सह-संस्थापक तारिक चौहान के साथ भी बैठक की। उन्होंने कौशल इको-प्रणाली को मजबूत करने के साथ-साथ भारतीय कार्यबल की अंतर्राष्ट्रीय आवागमन को सुविधाजनक बनाने में भारत के साथ साझेदारी करने की श्री तारिक चौहान की योजनाओं के बारे में जानकर प्रसन्नता व्यक्त की। मंत्री महोदय को यह जानकर खुशी हुई कि ईएफएस समूह भारत के कौशल इको-प्रणाली और अधिक महत्वाकांक्षी बनाने के साथ-साथ कौशल, उन्नयन और भारत के प्रतिभाशाली युवाओं को सशक्त बनाने के लिए संस्थागत गतिविधियों को तेज करने के लिए प्रतिबद्ध है।

प्रधान ने जीसीसी देशों पर विशेष ध्यान देने के साथ भारत के कार्यबल की अंतर्राष्ट्रीय आवागमन की सुविधा के लिए ईएफएस फैसिलिटीज सर्विसेज ग्रुप और एनएसडीसी के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के कार्यक्रम का भी अवलोकन किया।

इस अवसर पर प्रधान ने कहा कि यह समझौता-ज्ञापन पाठ्यक्रम विकास के साथ-साथ संयुक्त कौशल कार्यक्रमों और सह-ब्रांडेड कौशल संस्थानों को विकसित करने के क्षेत्रों में जुड़ाव को गहरा करने का मार्ग प्रशस्त करेगा, ताकि कार्यबल को उद्योगों के लिए तैयार कौशल से लैस किया जा सके तथा कार्यबल को भविष्य के लिए प्रशिक्षित किया जा सके।

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