कृषि मंत्री श्री तोमर ने इजराइल में कृषि अनुसंधान संगठन और भारतीय मूल के किसान के खेत का किया दौरा
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर सहित भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने इजराइल प्रवास के दौरान वहां कृषि अनुसंधान संगठन (एआरओ), इजरायल कृषि और ग्रामीण विकास मंत्रालय के वोल्कानी इंस्टीट्यूट का दौरा किया। साथ ही, श्री तोमर ने प्रतिनिधिमंडल के साथ तेल अवीव से दूर रेगिस्तानी बुटीक फार्म, बीअर मिल्का का दौरा किया, जिसका स्वामित्व नेगेव रेगिस्तानी क्षेत्र के भारतीय मूल के किसान श्री शेरोन चेरी के पास है।
एआरओ विशेष रूप से शुष्क क्षेत्र की कृषि पर ध्यान केंद्रित करता है, जिससे इजराइल को विश्व में कृषि उत्पादन के उच्चतम स्तर की प्राप्ति में, कृषि के लिए अपेक्षित सभी प्रकार के संसाधनों वाला देश बनाता है। एआरओ बेहतर कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने में शामिल विभिन्न अंतरराष्ट्रीय, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय संस्थानों तथा विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के साथ घनिष्ठ संबंध रखता है।
भारत के लगभग 60 पोस्ट-डॉक्टरल अध्येता एआरओ वोल्कानी सेंटर के विभिन्न संस्थानों में अनुसंधान कर रहे हैं। फैलोशिप सामान्य तौर पर 3 माह से 2 वर्ष तक के लिए होती है। श्री तोमर के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने आधुनिक कृषि प्रौद्योगिकियों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर भारतीय पोस्ट-डॉक्टरेट अध्येता और एआरओ वोल्कानी केंद्र के विशेषज्ञों के साथ बातचीत की। भारतीय संदर्भ में, कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकीय प्रगति से संबंधित विषयों पर एआरओ के विशेषज्ञों के साथ मंत्रणा की गई।
विचार-विमर्श के मुद्दों में संरक्षित वातावरण में खेती, स्वच्छ जल में मत्स्य पालन, उन्नत पौध संरक्षण तकनीक, व्यवस्थित कृषि, सुदूर संवेदन और फसलोपरांत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आदि शामिल हैं।
कृषि और ग्रामीण विकास मंत्रालय, इजरायल के अंतर्गत कार्यरत एआरओ, वोल्कानी इंस्टीट्यूट और इसके छह संस्थान पादप विज्ञान, पशु विज्ञान, पादप संरक्षण, मृदा, जल और पर्यावरण विज्ञान, कृषि इंजीनियरिंग तथा फसलोपरांत व खाद्य विज्ञान में अकादमिक एवं मूलभूत अनुसंधान के लिए उत्तरदायी हैं। कृषि फसलों के लिए इज़राइली जीन बैंक भी एआरओ वोल्कानी सेंटर के परिसर में स्थित है।
केंद्रीय मंत्री श्री तोमर के, रेगिस्तानी बुटीक फार्म बीअर मिल्का के दौरे पर भारतीय मूल के प्रगतिशील किसान श्री शेरोन चेरी व अन्य ने बताया कि रमत नेगेव कृषि अनुसंधान केंद्र के तकनीकी सहयोग से नेगेव रेगिस्तान के मध्य सब्जियां, फल और सुपर फूड उगाकर आधुनिक तकनीकों को अपनाया गया है। इस दौरान भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने शुष्क भूमि की खेती में तकनीकी प्रगति और इज़राइल के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्रों द्वारा अनुप्रयुक्त कृषि में सहायता और पहुंच से संबंधित जानकारी भी हासिल की।