असम 2024 तक ’हर घर जल’ वाला राज्य बनने की दिशा में अग्रसर
बीते 6 महीनों में 9 लाख घरों में शुरू हुई नल से जल की आपूर्ति
केन्द्र, जल जीवन मिशन लक्ष्य का प्राप्त करने के लिए राज्य को पूरी मदद कर रहा है: सचिव, डीडीडब्ल्यूएस
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) की सचिव श्रीमती विनी महाजन ने आज असम के मुख्य सचिव श्री जिष्णु बरुआ के साथ जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन की प्रगति की समीक्षा की। श्रीमती महाजन ने राज्य में दोनों प्रमुख मिशनों के कार्यान्वयन को लेकर आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में नल से घरों में पानी की आपूर्ति मुहैया करने में असम में हुई गई प्रगति की सराहना की। उन्होंने कहा, ”असम 2024 तक हर घर में स्वच्छ नल का पानी उपलब्ध कराने के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में काफी प्रगति में है। केंद्र लक्ष्य प्राप्त करने के लिए राज्य को पूरी सहायता प्रदान कर रहा है।’’ डीडीडब्ल्यूएस के अतिरिक्त सचिव श्री अरुण बरोका, श्री एस अब्बासी, एसीएस प्रभारी, एसबीएम और जेजेएम, असम, श्री समीर सिन्हा, वित्त सचिव, असम और डीडीडब्ल्यूएस के अधिकारी भी ऑनलाइन समीक्षा के दौरान मौजूद थे।
श्रीमती महाजन ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा, ”जल जीवन मिशन एक विकेन्द्रीकृत, मांग-प्रेरित, समुदाय-प्रबंधित जलापूर्ति योजना है, जिसका उद्देश्य हर घर में नल से स्वच्छ पानी उपलब्ध करवाकर ग्रामीण लोगों के जीवन को बेहतर बनाना है। उन्होंने पिछले छह महीनों के दौरान राज्य द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की।
स्वच्छ भारत मिशन के कार्यान्वयन पर चर्चा करते हुए श्रीमती महाजन ने कहा, ”जिलों ने हालांकि खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया है, लेकिन यह एक बार का प्रयास नहीं है। कार्यक्रम के तहत हर समय गांवों की ओडीएफ स्थिति को बनाए रखने के लिए सामाजिक और व्यवहारपरक बदलाव लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।’’ उन्होंने राज्य के सभी स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में नल से जल की आपूर्ति को प्राथमिकता देने की अविलंब आवश्यकता पर भी जोर दिया।
जल जीवन मिशन की जब 15 अगस्त, 2019 को घोषणा की गई थी उस सयम राज्य के कुल 63.35 लाख घरों में से सिर्फ 1.11 लाख (1.76 फीसदी) नल से जल की आपूर्ति हो रही थी। करीब 28 महीनों में 17.46 लाख घरों को नल का स्वच्छ जल उपलब्ध कराया गया है। पिछले छह महीनों में ही 8.5 लाख से अधिक घरों में नल से स्वच्छ जल की आपूर्ति की गई है।
असम के मुख्य सचिव श्री जिष्णु बरुआ ने राज्य का कार्य-निष्पादन प्रस्तुत करते हुए कहा, ”पूर्वोत्तर के सबसे बड़े प्रांत में हमने वहां से सफर की शुरुआत की है जहां नल से जल की आपूर्ति का कवरेज महज 1 फीसदी था। इस लिहाज से देखें तो अच्छी प्रगति है। हमने पिछले छह महीनों में अच्छी प्रगति की है। चूंकि राज्य ने कम आधार पर शुरुआत की थी, इसलिए कार्यक्रम के कार्यान्वयन की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने में समय लगा। अब शेष कार्य को तेजी से पूरा किया जाएगा।
’सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के अनुरूप कार्य करते हुए जल जीवन मिशन का आदर्श वाक्य है कि ’कोई छूटा नहीं’ और इसका उद्देश्य नल से पेयजल की आपूर्ति के लिए सार्वभौमिक पहुंच बनाना है। 2019 में जब मिशन की शुरुआत हुई थी तब देश के कुल 19.20 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से केवल 3.23 करोड़ (17फीसदी) को नल से जल की आपूर्ति हो रही थी। कोविड -19 महामारी और लॉकडाउन व्यवधानों के बावजूद, जल जीवन मिशन को तेजी से लागू किया गया है और पिछले 28 महीनों के दौरान, 5.59 करोड़ ग्रामीण परिवारों को नल से जल की आपूर्ति की सुविधा प्रदान की गई है। वर्तमान में, देशभर में 8.83 करोड़ (45.88 फीसदी) ग्रामीण परिवारों के घरों में नल से जल की आपूर्ति हो रही है। गोवा, तेलंगाना, हरियाणा जैसे राज्यों और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह तथा पुडुचेरी, दादर नागर हवेली और दमन दीव जैसे केंद्र शासित प्रदेशों में ग्रामीण क्षेत्रों में 100 फीसदी घरों में पानी के नल का कनेक्शन सुनिश्चित किया गया है। वर्तमान में 90 जिलों के प्रत्येक परिवार को और 1.31 लाख से अधिक गांवों में स्थित घरों में नल से जल की आपूर्ति हो रही है।
जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए जल जीवन मिशन के बारे में सारी जानकारी सार्वजनिक डोमेन में है और https://ejalshakti.gov.in/jjmreport/JJMIndia.aspx जेएमएम डैशबोर्ड को देखा जा सकता है।