पांच एकड़ जमीन पर बनेगा बांकेबिहारी मंदिर कॉरिडोर, भव्यता काशी विश्वनाथ और उज्जैन महाकाल से भी बेहतर बनाने की योजना
नई दिल्ली, 14नवंबर। वृंदावन के ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के लिए कॉरिडोर योजना लगभग फाइनल हो गई है। सूत्रों के अनुसार, पांच एकड़ जमीन पर कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव तैयार हो गया है। अफसरों की टीम ने तय किया है कि आईआईटी के विशेषज्ञों से इसके लिए डीपीआर तैयार कराई जाएगी। कॉरिडोर की भव्यता काशी विश्वनाथ और उज्जैन महाकाल से बेहतर बनानी है। मंदिर के लिए जमीन ठाकुर श्रीबांकेबिहारी मंदिर की निधि से खरीदी जाएगी।
व्यवस्थाओं की देखरेख के लिए ठाकुर श्रीबांकेबिहारी मंदिर का ट्रस्ट भी बनेगा। शुक्रवार को अधिकारियों के बीच हुई बैठक में बांकेबिहारी मंदिर कॉरिडोर की तैयारियों को लेकर मंथन हुआ। हालांकि अधिकारी इस पर कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।
मुख्यमंत्री के दौरे के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने बांकेबिहारी मंदिर कॉरिडोर निर्माण के लिए बनाई गई योजना पर काम शुरू कर दिया है। इस योजना में उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद, मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण, पर्यटन विभाग, मथुरा वृंदावन नगर निगम के साथ-साथ मंदिर प्रबंधन के बीच मंत्रणा चल रही है। अधिकारियों के बीच लगातार बैठकों का दौर चल रहा है।
जन्माष्टमी पर हुआ था हादसा
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर मंगला आरती के दौरान ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में हादसे में दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। 70 से अधिक घायल हुए थे। इस हादसे के बाद से न मंदिर की व्यवस्थाएं सुधरी हैं और न दर्शन सुलभ हो सके हैं। मंदिर में लगातार भीड़ का दबाव बढ़ने से आए दिन हादसे हो रहे हैं।
इसी बीच इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिका में प्रदेश सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि वृंदावन में श्री बांके बिहारी मंदिर के लिए बनने वाले कॉरिडोर का मसौदा सरकार की एक समर्पित समिति ने लगभग तय कर लिया है, इसी के बाद से कॉरिडोर पर काम शुरू हो गया है।
जमीन के लिए सहमति जरूरी
सूत्र के मुताबिक अधिकारियों की बैठक में जमीन अधिग्रहण का मुद्दा छाया रहा। चूंकि नए कानून के तहत सीधे किसी की जमीन लेना काफी कठिन हो गया है। इसके लिए सहमति जरूरी है। ऐसे में कॉरिडोर निर्माण में आसपास के जितने भी दुकानदार हैं, उनसे जमीन लेने के लिए सहमति की बात शुरू कर दी गई है और उसने लिखित में सहमति पत्र लेने का काम जल्द शुरू हो जाएगा।