कांग्रेस मेनिफेस्टो पर बोले बीजेपी नेता, ‘झूठ का पुलिंदा, वादों को पूरा करने की डेट नहीं बताई’

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नई दिल्ली, 6अप्रैल। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को अपना घोषणापत्र जारी किया है. जिसपर बीजेपी (BJP) ने प्रतिक्रिया देते हुए इसे ‘झूठ का पुलिंदा’, मतदाताओं में भ्रम पैदा करने वाला करार दिया. बीजेपी नेताओं ने कहा कि कांग्रेस ने किसी विदेशी कंपनी से घोषणापत्र तैयार करवाया है.

असम के सीएम और बीजेपी नेता हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, ‘कांग्रेस घोषणापत्र में एक निर्वाचित राज्य सरकार को हटाने, तीन तलाक को बहाल करने, ओपीएस पर यू-टर्न लेने का वादा किया गया है, इसके किसी भी वादे पर कोई डिलीवरी डेट नहीं है.’

हिमंत बिस्वा सरमा ने क्या कहा?
उन्होंने आगे कहा, ‘उद्योग 4.0 के लाभों के लिए योजना का अभाव है और सबसे बुरी बात यह है कि थाईलैंड और अमेरिका की तस्वीरों को भारत की तरह पेश किया गया है, क्या उन्होंने अपने घोषणापत्र का मसौदा तैयार करने के लिए एक विदेशी एजेंसी को काम पर रखा है?’

‘झूठ का पुलिंदा’
वहीं, बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, ‘कांग्रेस का घोषणापत्र ‘झूठ का पुलिंदा’, मतदाताओं में भ्रम उत्पन्न करने के लिए तैयार किया गया. कांग्रेस ने विधानसभा और लोकसभा चुनावों के अपने पहले के घोषणापत्रों में किए गए किसी भी वादे को पूरा नहीं किया.’

त्रिवेदी ने कहा, ‘कांग्रेस के घोषणापत्र में जल प्रबंधन पर एक तस्वीर है. यह तस्वीर न्यूयॉर्क राज्य की बफेलो नदी की है. पर्यावरण अनुभाग के तहत, राहुल गांधी के पसंदीदा स्थान, थाईलैंड की एक तस्वीर उनके घोषणापत्र में डाली गई है.’

‘कांग्रेस मजाक बनकर रह गई’
बीजेपी नेता और राजस्थान सरकार में मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा, ‘ये खोखली गारंटियों की श्रृंखला में एक और गारंटी है. जब इनकी राजस्थान में 5 साल से सरकार थी तब एक ही गारंटी थी कि राजस्थान को लूटेंगे और इन्होंने हर तरह से राजस्थान को लूटा और स्वार्थ की राजनीति की और इसीलिए हर प्रदेश से इनके पांव उखड़ रहे हैं. अब तो कांग्रेस मजाक बनकर रह गई है.’

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, ‘कांग्रेस ने सबके साथ अन्याय करते हुए अपना समय गुजारा है, ऐसे में उनके मुंह पर न्याय शब्द शोभा नहीं देता. कांग्रेस एक हारी हुई लड़ाई लड़ रही है.’

कांग्रेस ने किए ये वादे
कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए जारी किए अपने घोषणापत्र में उसने जाति जनगणना कराने, आरक्षण की सीमा बढ़ा कर 50 प्रतिशत से अधिक करने, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने और नई शिक्षा नीति में संशोधन करने समेत कई वादे किए हैं. पार्टी ने अपने घोषणा पत्र को ‘न्याय पत्र’ नाम दिया है. यह पांच ‘न्याय’ और 25 ‘गारंटी’ पर आधारित है.

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