स्तन कैंसर: स्तन कैंसर क्या है, इसके लक्षण, कारण और इलाज के साथ ही जानिए जोखिम कारक
नई दिल्ली, 8फरवरी। ब्रेस्ट कैंसर एक बहुत ही गंभीर बीमारी है. अगर इसका समय पर पता चल जाए और इलाज मिल जाए तो व्यक्ति स्तन कैंसर से मुक्त हो सकता है. गंभीर स्थिति में स्तनों को हटाना पड़ सकता है. जानिए स्तन कैंसर के लक्षण, कारण, जोखिम कारक और इलाज.
ब्रेस्ट कैंसर क्या है?
साधारण शब्दों में बात करें तो ब्रेस्ट कैंसर यानी स्तन कैंसर, कैंसर का ही एक प्रकार है, जो किसी व्यक्ति के स्तनों में पनपता है. अमेरिकी महिलाओं में स्किन कैंसर के बाद ब्रेस्ट कैंसर के सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं. जब ब्रेस्ट सेल म्यूटेट होते हैं और अनियंत्रित तरीके से बढ़ने लगते हैं तो यह इकट्ठा होकर ट्यूमर बन जाते हैं. अन्य कैंसर की तरह ही ब्रेस्ट कैंसर भी आसपास के टिश्यू और शरीर के अन्य अंगों में फैल सकता है. जब ऐसा होता है तो इसे मेटास्टैसिस कहते हैं.
साल 2020 में दुनियाभर में 23 लाख महिलाओं में स्तन कैंसर के मामलों का निदान हुआ, जबकि 6 लाख 85 हजार की मौत हो गई. मार्च 2021 में विश्व स्वास्थ्य संगठन की साइट पर अपडेट आंकड़ों के अनुसार पिछले पांच वर्षों में 78 लाख महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले की पहचान हुई है. ब्रेस्ट कैंसर के मामले दुनियाभर के सभी देशों की किशोर अवस्था से अधिक उम्र की महिलाओं में पाए गए हैं. लेकिन बुजुर्ग महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले ज्यादा देखने को मिलते हैं.
क्या पुरुषों को भी ब्रेस्ट कैंसर होता है?
ब्रेस्ट कैंसर के ज्यादातर मामले महिलाओं में ही पाए जाते हैं, लेकिन पुरुषों में भी ब्रेस्ट कैंसर के मामले सामने आना कोई बड़ी बात नहीं है. ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए दुनियाभर में अवेयरनेस कार्यक्रम चलाए जाते रहते हैं. खासौतर पर अक्टूबर महीने को स्तन कैंसर जागरुकता माह के रूप में मनाया जाता है. स्तन कैंसर के मामलों में अब सर्वाइवल रेट बढ़ा है और इससे मरने वालों की संख्या में लगातार कमी दर्ज की गई है. कैंसर के बारे में जागरुकता और समय से बीमारी का निदान होने के चलते स्तन कैंसर से बहुत से मरीजों को पूरी तरह से मुक्ति मिल जाती है.
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण क्या होते हैं?
ब्रेस्ट कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसका यदि समय रहते पता चल जाए तो इलाज आसान है और मरीज को इस जानलेवा बीमारी से छुटकारा भी मिल जाता है. यहां जानिए ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण –
1. स्तन में कोई गांठ महसूस होना, जो आसपास के अन्य उत्तकों से अलग महसूस हो
2. स्तन के आकार और बनावट में अंतर आने के साथ ही, दिखने में भी अंतर महसूस होना
3. स्तन के ऊपर की त्वचा में परिवर्तन
4. नया इनवर्टेड यानी अंदर की तरफ निप्पल अथार्त स्तन में गड्ढा से नजर आना
5. स्तन या निप्पल के आसपास की त्वचा की पपड़ी निकला, त्वचा में दरारें पड़ना और छिलने निकलना आदि.
6.स्तन के ऊपर की त्वचा का लाल पड़ना और उस पर गुठलियां सी दिखना. इसमें स्तन की त्वचा संतरे के छिलके की तरह दिखती है.
स्तन कैंसर किन कारणों से होता है?
डॉक्टरों के अनुसार जब स्तन कोशिकाएं असाधारण रूप से बढ़ने लगती हैं तो ब्रेस्ट कैंसर होता है. यह कोशिकाएं साधारण कोशिकाओं के मुकाबले कई गुना तेजी से विभाजित होती हैं और एक जगह इकट्ठा होकर मांस के एक बड़े टुकड़े के रूप में इकट्ठा हो जाती हैं. यह कैंसर कोशिकाएं स्तन से आपके शरीर के अन्य अंगों (हाथ-पैर) में फैल सकती हैं. इस स्थिति को मेटास्टैसिस कहते हैं.
स्तन कैंसर अक्सर दूध पैदा करने वाली नलिकाओं में शुरू होता है. ब्रेस्ट कैंसर की शुरुआत ग्रैंड्यूलर टिश्यू यानी लोब्यूल्स (इनवेसिव लोबुलर कार्सिनोमा) और स्तन के भीतर अन्य कोशिकाओं में भी हो सकती है.
शोधकर्ताओं ने आनुवांशिक, जीवनशैली और पर्यावरणीय कारकों की पहचान की है, जो स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं. लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि कुछ लोगों में जोखिम कारक नहीं होने के बावजूद कैंसर क्यों होता है, जबकि कुछ अन्य लोगों में जोखिम कारक होने के बावजूद उन्हें कैंसर नहीं होता.संभव है कि स्तन कैंसर व्यक्ति के आनुवंशिक बनावट और पर्यावरणीय कारकों के अनोखे गठजोड़ के कारण होता है.
स्तन कैंसर के जोखिम कारक क्या-क्या होते हैं?
स्तन कैंसर के जोखिम कारण उन्हें कहा जाता है, जिनकी वजह से स्तन कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है. लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि यदि किसी व्यक्ति में एक या इससे अधिक जोखिम कारक हैं तो उसे ब्रेस्ट कैंसर होगा ही. ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित कई महिलाओं में कोई भी जोखिम कारक नहीं था, लेकिन फिर भी वह इससे पीड़ित हैं.
स्तन कैंसर के जोखिम कारकों में निम्न शामिल हैं –
महिला होना – पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा ज्यादा होता है.
अधिक उम्र – अधिक उम्र में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.
स्तन से जुड़ी समस्या का इतिहास – यदि किसी व्यक्ति को पहले स्तन कैंसर हो चुका है. अगर आपने स्तनों की बायोप्सी करवाई है और उसमें लोब्यूलर कार्सिनोमा इन सिटू या ब्रेस्ट के एटिपिकल हाइपरप्लासिया की पहचान हुई है तो आपको स्तन कैंसर होने का खतरा ज्यादा है.
स्तन कैंसर का इतिहास – अगर आपको पूर्व में स्तन कैंसर हो चुका है तो आपको फिर से ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा हो सकता है.
स्तन कैंसर का पारिवारिक इतिहास – अगर आपकी मां, बहन, बेटी में स्तन कैंसर का निदान हुआ है, खासतौर पर कम उम्र में तो आपको भी स्तन कैंसर का खतरा अधिक है. हालांकि, ज्यादातर लोगों को जिन्हें स्तन कैंसर हुआ है, उनके परिवार में स्तन कैंसर का इतिहास नहीं रहा है.
माता पिता से मिले जीन्स – माता-पिता से उनके बच्चों में कुछ खास जीन चले जाते हैं, जो ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ा देते हैं. यह म्यूटेट जीन्स में BRCA1 और BRCA2 प्रमुख हैं. यह जीन्स आपमें ब्रेस्ट कैंसर और अन्य प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ा देते हैं.
एडिएशन के संपर्क में आना – अगर बचपन में या युवावस्था में आपके चेस्ट का रेडिएशन ट्रीटमेंट हुआ है तो आपको ब्रेस्ट कैंसर का खतरा अधिक है.
मोटापा – मोटापे की वजह से भी स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.
कम उम्र में मासिक धर्म – अगर किसी लड़की को 12 वर्ष से कम उम्र में मासिक धर्म की शुरुआत हो गई है तो भविष्य में उसमें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा अधिक है.
जल्द रजोनिवृत्ति – अगर किसी महिला में सही उम्र से पहले ही रजोनिवृत्ति यानी मेनोपॉज हो गया है तो उस महिला में भी ब्रेस्ट कैंसर का खतरा अधिक है.
अधिक उम्र में मां बनना – अगर आपका पहला बच्चा ही 30 वर्ष से अधिक उम्र में हो रहा है तो आपको स्तन कैंसर का खतरा अधिक है.
कभी गर्भवती न होना – जो महिलाएं कभी गर्भवती नहीं होती हैं, उनमें भी स्तन कैंसर पनपने का खतरा अधिक होता है.
अगर कोई महिला मेनोपॉज के बाद हार्मोन थैरेपी लेकर मेनोपॉज के लक्षणों का इलाज करवाती हैं तो उनमें स्तन कैंसर का खतरा अधिक होता है. हालांकि, दवाएं लेना रोकने से उनमें यह खतरा कम हो जाता है.
शराब का सेवन – अधिक मात्रा में शराब के सेवन से भी स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.
स्तन कैंसर का इलाज क्या है?
आपको किस प्रकार का स्तन कैंसर है? किस स्टेज का स्तन कैंसर है? स्तन कैंसर का आकार क्या है और कैंसर सेल हार्मोन्स के प्रति सेंसेटिव है या नहीं इस बात पर स्तन कैंसर का इलाज निर्भर करता है. डॉक्टर आपके संपूर्ण स्वास्थ्य व आपकी इच्छा के अनुसार भी इलाज का चुनाव करते हैं. स्तन कैंसर होने पर ज्यादातर महिलाओं को सर्जरी करवानी पड़ती है और इसके बाद भी इलाज चलता है, जिसमें कीमोथेरैपी, हार्मोन थेरैपी और रेडिएशन शामिल हैं. सर्जरी से पहले भी कीमोथेरैपी की जा सकती है.
स्तन कैंसर के इलाज के बहुत से विकल्प मौजूद हैं. सर्जरी करवाने का निर्णय लेने से पहले किसी ब्रेस्ट सेंटर या क्लीनिंक में जाकर ब्रेस्ट स्पेशलिस्ट से सेकेंड ओपिनियन जरूर ले लें. इसके अलावा आपको उन महिलाओं से भी बात कर लेनी चाहिए, जिन्हें ऐसी समस्या हो चुकी है. ब्रेस्ट सर्जरी निम्न प्रकारों से होती हैं –
. स्तन कैंसर को हटाना
. पूरे स्तन को हटाना
. सीमित संख्या में लिम्फ नोड्स को हटाना
. कई लिम्फ नोड्स को एक साथ हटाना
दोनों स्तनों को हटाना –
स्तन कैंसर से जुड़ी जटिलताएं इस बात पर निर्भर करती हैं कि आप किस प्रकार की सर्जरी का चुनाव कर रहे हैं. ब्रेस्ट कैंसर की सर्जरी में दर्द, अत्यधिक खून बहने, संक्रमण और हाथों में सूजन का जोखिम रहता है. सर्जरी के बाद आप ब्रेस्ट री-कंस्ट्रक्शन की चुनाव कर सकते हैं. आपके विकल्पों और पसंद के संबंध में अपने डॉक्टर से बात करें.