केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने भारत में तेज़ाब की ऑनलाइन बिक्री के विरुद्ध नोटिस जारी किए हैं
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने ई-कॉमर्स संस्थाओं को संक्षारक तेज़ाब की आसान पहुंच के लिए कारण बताने के लिए आदेश जारी किया है
उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के उपभोक्ता कार्य विभाग के अंतर्गत केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई की है। सीसीपीए ने समाज में बढ़ते अपराधों को देखते हुए उपभोक्ता हितों की रक्षा के लिए कड़ी कार्रवाई की।
सीसीपीए ने दो ई-कॉमर्स कंपनियों, फ्लिपकार्ट इंटरनेट प्राइवेट लिमिटेड और फैशनियर टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (मीशो डॉट कॉम) को उनके प्लेटफॉर्म पर रिपोर्ट किए गए तेज़ाब की बिक्री से संबंधित घोर उल्लंघन के लिए नोटिस जारी किया है। सीसीपीए ने इन कंपनियों को 7 दिनों के भीतर विस्तृत प्रतिक्रिया प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
सीसीपीए भारत में उपभोक्ता हितों का संरक्षक होने के नाते इन ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर अत्यधिक संक्षारक तेज़ाब की बिक्री के बारे में संज्ञान लेते हुए सामने आया है। सीसीपीए ने इन ई-प्लेटफॉर्म पर ऐसे तेज़ाब की आसान और बगैर नियम के उपलब्धता के बारे में प्रश्न पूछा है। ऐसे सुलभ तरीके से खतरनाक तेज़ाब की उपलब्धता उपभोक्ताओं और बड़े पैमाने पर जनता के लिए खतरनाक और असुरक्षित हो सकती है।
दिल्ली में 17 वर्ष की एक लड़की पर तेजाब हमले की हाल की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के प्रकाश में आई थी। इस घटना के बारे में मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि कथित अपराधियों ने हमले में इस्तेमाल किए गए तेज़ाब को फ्लिपकार्ट से खरीदा था। इस बारे में सीसीपीए द्वारा आवश्यक सहयोगी दस्तावेज़ के साथ एक विस्तृत प्रतिक्रिया के बारे में जानकारी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। अपने ई-प्लेटफॉर्म पर तेज़ाब की ऐसी उपलब्धता की समस्या के बारे में जानकारी देते हुए 7 दिनों के भीतर दस्तावेज सहित जवाब देने को कहा गया है।
यहाँ पर यह उल्लेख करना आवश्यक है कि लक्ष्मी बनाम भारत संघ और अन्य [(2014) 4 एससीसी 427] के मामले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों को आगे बढ़ाते हुए, गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने “लोगों पर तेज़ाब के हमलों को रोकने के लिए और तेज़ाब के हमलों की पीड़ित लोगों के उपचार और पुनर्वास के लिए उपाय किए जाने चाहिए“ के बारे में 30 अगस्त 2013 को एक परामर्श जारी किया था। इस परामर्श में सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी गई थी कि वे तेज़ाब हमलों में कमी और उपचार तथा तेज़ाब हमलों के पीड़ितों के पुनर्वास के लिए उसमें उल्लिखित उपायों को लागू करने के लिए तत्काल कदम उठाएं। तेज़ाब हमलों के पीड़ितों के साथ-साथ कोई भी अन्य उपाय जो उचित समझा जा सकता है वह किया जाए। कई राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने तेज़ाब की बिक्री को विनियमित करने के लिए पहले ही दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं। चूंकि ये ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अपने उत्पादों का संचालन और वितरण पूरे देश के हर कोने में करते हैं, इसलिए उन्हें इस संबंध में उनके द्वारा किए गए उपायों और अनुपालन के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए कहा गया है।
सीसीपीए संक्षारक तेज़ाब की ऑनलाइन बिक्री के बारे में स्वत: संज्ञान लेने पर यह सामने आया है कि मीशो ऑन लाइन बिक्री कंपनी माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के साथ-साथ गृह मंत्रालय द्वारा जारी की गई सलाह का उल्लंघन करते हुए ऐसे तेज़ाब बेच रही है।
इन ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा सीसीपीए के नोटिस के निर्देशों का पालन न करने पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के प्रावधानों के अनुसार कड़ाई से निपटा जाएगा।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 2(9) के तहत परिभाषित ‘उपभोक्ता अधिकार’ में वस्तुओं, उत्पादों या सेवाओं के विपणन के खिलाफ सुरक्षा का अधिकार शामिल है जो जीवन और संपत्ति के लिए खतरनाक हैं। ई-मार्केटप्लेस कंपनी द्वारा किसी भी उचित परिश्रम के बिना एक आसान, सुलभ और बगैर नियम से अत्यधिक संक्षारक तेज़ाब की बिक्री से उपभोक्ताओं, विशेष रूप से समाज के कमजोर वर्गों, अर्थात् महिलाओं और बच्चों के लिए विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं।
उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 की धारा 4 (3) के अनुसार, कोई भी ई-कॉमर्स इकाई किसी भी अनुचित व्यापार व्यवहार को नहीं अपनाएगी, चाहे वह अपने प्लेटफॉर्म पर व्यापार के दौरान हो या न हो।
तत्काल आवश्यकता और सावधानी को ध्यान में रखते हुए, सीसीपीए ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 18(1) के तहत वर्तमान मामले का स्वतः संज्ञान लिया है, जो इसे एक वर्ग के रूप में उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा, प्रचार और लागू करने का अधिकार देता है, और उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन को रोकना, साथ ही अनुचित व्यापार प्रथाओं को रोकना और यह सुनिश्चित करना कि कोई भी व्यक्ति इस तरह के व्यवहारों में खुद को शामिल न करे।
इस हस्तक्षेप के माध्यम से, सीसीपीए उपभोक्ताओं के हित को मजबूत करना चाहता है और उनकी भलाई की रक्षा और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।