केंद्र सरकार ने चने दाल की ‘भारत दाल’ के रूप में अत्यधिक रियायती दरों पर शुरू की बिक्री
नई दिल्ली, 10अगस्त। केंद्र सरकार ने 17.07.2023 को चना दाल को भारत दाल के ब्रांड नाम के अंतर्गत खुदरा पैक में बिक्री 1 किलोग्राम पैक के लिए 60 रुपये प्रति किलोग्राम और 30 किलोग्राम पैक के लिए 55 रुपये प्रति किलोग्राम की अत्यधिक रियायती दरों पर शुरू की है जिससे उपभोक्ताओं को सस्ती कीमत पर दालें उपलब्ध हो सके। भारत दाल का वितरण भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नेफेड), राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एनसीसीएफ), केन्द्रीय भंडार और सफल की खुदरा दुकानों के माध्यम से किया जा रहा है। इस व्यवस्था के अंतर्गत, चना दाल राज्य सरकारों को उनकी कल्याणकारी योजनाओं, पुलिस, कारागारों के अंतर्गत आपूर्ति के लिए और राज्य सरकार नियंत्रित सहकारी समितियों और निगमों के खुदरा दुकानों के माध्यम से वितरण के लिए भी उपलब्ध कराई जाती है।
उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर दालें उपलब्ध कराने के लिए, सरकार मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के अंतर्गत पांच प्रमुख दालों, चना, तुअर, उड़द, मूंग और मसूर का बफर स्टॉक रखती है। कीमतों को नियंत्रित करने के लिए बफर से भंडार को कैलिब्रेटेड और लक्षित तरीके से बाजार में जारी किया जाता है। उपभोक्ताओं के लिए तुअर दाल में मिलिंग के लिए स्टॉक की उपलब्धता बढ़ाने के लिए मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) बफर से तुअर का निपटान लक्षित और कैलिब्रेटेड तरीके से चल रहा है। कीमतों को नियंत्रित करने के लिए मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) और मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) बफर से चना और मूंग के भंडार लगातार बाजार में जारी किए जाते हैं। बाजार निपटान के अलावा, बफर से दालों की आपूर्ति राज्यों को उनकी कल्याणकारी योजनाओं और सेना और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को भी की जा रही है।
घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और दालों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए, तुअर और उड़द के आयात को 31.03.2024 तक ‘मुक्त श्रेणी’ के अंतर्गत रखा गया है और मसूर पर आयात शुल्क 31.03.2024 तक शून्य कर दिया गया है। सुचारु और निर्बाध आयात की सुविधा के लिए तुअर पर 10 प्रतिशत का आयात शुल्क हटा दिया गया है। जमाखोरी को रोकने के लिए, 2 जून, 2023 को आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के अंतर्गत तुअर और उड़द पर 31 अक्टूबर, 2023 तक की अवधि के लिए भंडार की नियंत्रण सीमा लगा दी गई है। उपभोक्ता कार्य विभाग के ऑनलाइन भंडार निगरानी पोर्टल के माध्यम से डीलरों, आयातकों, मिल मालिकों और व्यापारियों जैसी संस्थाओं द्वारा रखी गई दालों की लगातार निगरानी की जाती है।
केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने यह जानकारी आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।